10. शिक्षक और विद्यार्थी के मध्य होने वाला अध्ययन और अध्यापन स्वेच्छा, स्वतन्त्रता, जिज्ञासा, श्रद्धा और ज्ञाननिष्ठा से चलता है । विवशता, बाध्यता, स्वार्थ, अविनय, उदरपूर्ति का लक्ष्य इन्हें दूषित करते हैं । भारत में कभी ऐसा नहीं होता । | 10. शिक्षक और विद्यार्थी के मध्य होने वाला अध्ययन और अध्यापन स्वेच्छा, स्वतन्त्रता, जिज्ञासा, श्रद्धा और ज्ञाननिष्ठा से चलता है । विवशता, बाध्यता, स्वार्थ, अविनय, उदरपूर्ति का लक्ष्य इन्हें दूषित करते हैं । भारत में कभी ऐसा नहीं होता । |