वैसे तो भारत की चिरंजीविता को चुनौती कई बार मिली है। लेकिन हमारे पूर्वजों ने उन चुनौतियों पर मात कर भारत को चिरंजीवी बनाए रखा। वर्तमान में जो चुनौती हमारे सम्मुख है वह शायद अभीतक की चुनौतियों में सबसे गंभीर चुनौती है। यह चुनौती जीवन के पूरे प्रतिमान को, जो वर्तमान में अधार्मिक (अधार्मिक) बन गया है, उसे धार्मिक (धार्मिक) बनाने की है। पूरे प्रतिमान को ठीक करने की चुनौती का सामना आज तक कभी भारत ने नहीं किया है। इसलिए इससे निपटने का पूर्वानुभव भी हमारे पास नहीं है। | वैसे तो भारत की चिरंजीविता को चुनौती कई बार मिली है। लेकिन हमारे पूर्वजों ने उन चुनौतियों पर मात कर भारत को चिरंजीवी बनाए रखा। वर्तमान में जो चुनौती हमारे सम्मुख है वह शायद अभीतक की चुनौतियों में सबसे गंभीर चुनौती है। यह चुनौती जीवन के पूरे प्रतिमान को, जो वर्तमान में अधार्मिक (अधार्मिक) बन गया है, उसे धार्मिक (धार्मिक) बनाने की है। पूरे प्रतिमान को ठीक करने की चुनौती का सामना आज तक कभी भारत ने नहीं किया है। इसलिए इससे निपटने का पूर्वानुभव भी हमारे पास नहीं है। |