विमर्श के लिये भी हमारे दो क्षेत्र हैं । एक विमर्श है अपनों से, अर्थात् भारतीय जीवनदृष्टि के अनुसार अध्ययन करने वालों के साथ, भारतीय जीवनदृष्टि को आधाररूप में स्वीकार कर चलने वालों के साथ । इसमें हमारी पद्धति | विमर्श के लिये भी हमारे दो क्षेत्र हैं । एक विमर्श है अपनों से, अर्थात् भारतीय जीवनदृष्टि के अनुसार अध्ययन करने वालों के साथ, भारतीय जीवनदृष्टि को आधाररूप में स्वीकार कर चलने वालों के साथ । इसमें हमारी पद्धति |