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धार्मिक शिक्षा ग्रन्थमाला २
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Text replacement - "शाख्र" to "शास्त्र"
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की संख्या कम थी परन्तु उनकी गुणवत्ता और प्रभाव बहुत. विश्वनियम हैं । इन विश्वनियमों को ही धर्म कहते हैं । आज
की संख्या कम थी परन्तु उनकी गुणवत्ता और प्रभाव बहुत. विश्वनियम हैं । इन विश्वनियमों को ही धर्म कहते हैं । आज
−
था । वेद,
दर्शनशाख्र
और उपनिषदों में उनकी श्रद्धा थी ।... हमने निहित स्वार्थों और अज्ञान, अल्पज्ञान और विपरीत
+
था । वेद,
दर्शनशास्त्र
और उपनिषदों में उनकी श्रद्धा थी ।... हमने निहित स्वार्थों और अज्ञान, अल्पज्ञान और विपरीत
उन शास्त्रों को ही वे प्रमाण मानते थे । परम्परा में उनकी... ज्ञान के चलते केवल सम्प्रदायों को धर्म कहकर उसे कलह
उन शास्त्रों को ही वे प्रमाण मानते थे । परम्परा में उनकी... ज्ञान के चलते केवल सम्प्रदायों को धर्म कहकर उसे कलह
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विश्वनियम बनकर सृष्टि की धारणा करता है उसी प्रकार वह
विश्वनियम बनकर सृष्टि की धारणा करता है उसी प्रकार वह
−
शाख्रनियम
और लोकनियम बनकर समाज की धारणा करता
+
शास्त्रनियम
और लोकनियम बनकर समाज की धारणा करता
नैमिषारण्य के ऋषियों का स्मरण कर उन्होंने अपनी . है। इस धर्म का पालन सबको सर्वत्र, सर्वदा करना ही
नैमिषारण्य के ऋषियों का स्मरण कर उन्होंने अपनी . है। इस धर्म का पालन सबको सर्वत्र, सर्वदा करना ही
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