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| समावर्तन उपदेश, जीवन का अधिष्ठान सत्य और धर्म, गृहस्थ के | | समावर्तन उपदेश, जीवन का अधिष्ठान सत्य और धर्म, गृहस्थ के |
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− | कार्य अथर्जिन एवं सन्तानोत्पत्ति, अध्ययन प्रयोग से परिपक्क होता | + | कार्य अर्थार्जन एवं सन्तानोत्पत्ति, अध्ययन प्रयोग से परिपक्क होता |
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| है, व्यवहार जीवन के अवरोध, संस्कार देने के कौशल, अपने | | है, व्यवहार जीवन के अवरोध, संस्कार देने के कौशल, अपने |
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| समृद्धि का रक्षण और संवर्धन उसका लक्ष्य रहता है। | | समृद्धि का रक्षण और संवर्धन उसका लक्ष्य रहता है। |
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− | समग्रता की दृष्टि से जब व्यक्ति अथर्जिन करता है तब वह | + | समग्रता की दृष्टि से जब व्यक्ति अर्थार्जन करता है तब वह |
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| समाज के लिये उपयोगी वस्तुओं के उत्पादन को माध्यम | | समाज के लिये उपयोगी वस्तुओं के उत्पादन को माध्यम |
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| किसीकी रोजगारी और स्वतन्त्रता का हरण न हो इसकी | | किसीकी रोजगारी और स्वतन्त्रता का हरण न हो इसकी |
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− | चिन्ता करता है, दान को अथर्जिन का अंग बनाता है। | + | चिन्ता करता है, दान को अर्थार्जन का अंग बनाता है। |
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| समग्रता की दृष्टि से जब वह पंचमहाभूतों की ओर देखता है | | समग्रता की दृष्टि से जब वह पंचमहाभूतों की ओर देखता है |
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| कम उत्पादन, रोजगार का | | कम उत्पादन, रोजगार का |
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− | अभाव, शिक्षितों को अथर्जिन के अवसरों का अभाव, | + | अभाव, शिक्षितों को अर्थार्जन के अवसरों का अभाव, |
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| पर्यावरण का प्रदूषण, झुग्गी झोंपड़ियों की संख्या में वृद्धि | | पर्यावरण का प्रदूषण, झुग्गी झोंपड़ियों की संख्या में वृद्धि |