१३. स्त्री को यदि पुरुष जैसा बनना है तो पहली बात है घर से लगाव छोडना । घर तो स्त्री का होता है, स्त्री से चलता है । पुरुष घर के कामों में रुचि नहीं लेता । उसका वह विषय नहीं है । पुरुष रुचि नहीं लेता तो स्त्री को रुचि क्यों लेना चाहिये ऐसा सवाल पूछा जाता है । फिर खाना बनाना, घर के काम करना, घर चलाना गौण बन जाता है और नोकरी करना, पैसा कमाना, स्वतन्त्र रूप से पैसा खर्च करना, समाज में अपना स्वतन्त्र स्थान निर्माण करना मुख्य बन जाता है यही विकास का पर्याय है । | १३. स्त्री को यदि पुरुष जैसा बनना है तो पहली बात है घर से लगाव छोडना । घर तो स्त्री का होता है, स्त्री से चलता है । पुरुष घर के कामों में रुचि नहीं लेता । उसका वह विषय नहीं है । पुरुष रुचि नहीं लेता तो स्त्री को रुचि क्यों लेना चाहिये ऐसा सवाल पूछा जाता है । फिर खाना बनाना, घर के काम करना, घर चलाना गौण बन जाता है और नोकरी करना, पैसा कमाना, स्वतन्त्र रूप से पैसा खर्च करना, समाज में अपना स्वतन्त्र स्थान निर्माण करना मुख्य बन जाता है यही विकास का पर्याय है । |