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{{One source}}वैचारिक आंदोलन मनुष्य के इतिहास के समान ही प्राचीन हैं। भिन्न भिन्न युगों में ऐसे सभी आंदोलनों का संदर्भ भिन्न भिन्न होने के बावजूद प्रभाव लगभग एक समान ही रहता है। इससे लगता है कि गौतम बुद्ध के बाद का समय, ईसापूर्व की रोम की उन्नति का समय, यूरोप एवं स्पेन के अन्य राज्यों में इस्लाम के विस्तार का समय-किसी भी समय में जो विचार जन्मे एवं प्रसारित हुए वे लगभग समान प्रकार के ही थे और जिन पर उनका प्रभाव पड़ा वह भी लगभग एक समान था। आजकी आधुनिक पश्चिमी ज्ञान शाखाएँ एवं विचारों के प्रभाव की भी यही स्थिति है।
 
{{One source}}वैचारिक आंदोलन मनुष्य के इतिहास के समान ही प्राचीन हैं। भिन्न भिन्न युगों में ऐसे सभी आंदोलनों का संदर्भ भिन्न भिन्न होने के बावजूद प्रभाव लगभग एक समान ही रहता है। इससे लगता है कि गौतम बुद्ध के बाद का समय, ईसापूर्व की रोम की उन्नति का समय, यूरोप एवं स्पेन के अन्य राज्यों में इस्लाम के विस्तार का समय-किसी भी समय में जो विचार जन्मे एवं प्रसारित हुए वे लगभग समान प्रकार के ही थे और जिन पर उनका प्रभाव पड़ा वह भी लगभग एक समान था। आजकी आधुनिक पश्चिमी ज्ञान शाखाएँ एवं विचारों के प्रभाव की भी यही स्थिति है।
  

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