जब उस ओर मैंने अपना पहला कदम बढ़ाया तभी से ऐसे ऐसे अनुभव आने लगे की अगर उसे लेख पर उतरना शुरू करू तो पूरी किताब बन सकती है । हमारे दादा जी कहते थी, कि अगर आप कोई कार्य अच्छे मन और अच्छे भाव से शुरू करे तो भगवान हर रूप में आपकी मदत करने के लिए अवश्य आता है और जैसी आपकी नीयत होती है वैसे लोग ही आपको मार्ग में मिलते है । | जब उस ओर मैंने अपना पहला कदम बढ़ाया तभी से ऐसे ऐसे अनुभव आने लगे की अगर उसे लेख पर उतरना शुरू करू तो पूरी किताब बन सकती है । हमारे दादा जी कहते थी, कि अगर आप कोई कार्य अच्छे मन और अच्छे भाव से शुरू करे तो भगवान हर रूप में आपकी मदत करने के लिए अवश्य आता है और जैसी आपकी नीयत होती है वैसे लोग ही आपको मार्ग में मिलते है । |