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| == सारांश । == | | == सारांश । == |
− | लोकसंग्रह का संबंध संस्कृति से है | सभ्य व्यक्ति civilized व्यक्ति हो सक्ता है या गवार व्यक्ति हो सक्ता है | याने किसी समाज के साहित्य, संगीत, कला, रीति रिवाज की अभिव्यक्ति ठीक से जिस में होती है वह संस्कृति है । अंग्रेजी में सिव्हिलायझेशन शब्द (नगर के विषय में ) है | किन्तु सभा में अच्छी तरह से व्यवहार (शिष्ट व्यवहार) करना (नागरि/ग्रामीण) ही सभ्यता है | | + | लोकसंग्रह का संबंध संस्कृति से है | सभ्य व्यक्ति civilized व्यक्ति हो सक्ता है या गवार व्यक्ति हो सक्ता है | याने किसी समाज के साहित्य, संगीत, कला, रीति रिवाज की अभिव्यक्ति ठीक से जिस में होती है वह संस्कृति है । अंग्रेजी में सिव्हिलायझेशन शब्द (नगर के विषय में) है | किन्तु सभा में अच्छी तरह से व्यवहार (शिष्ट व्यवहार) करना (नागरि/ग्रामीण) ही सभ्यता है | |
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| === संस्कृति और अन्य शब्द । === | | === संस्कृति और अन्य शब्द । === |
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| === संस्कृति का सार्वत्रिकरण । === | | === संस्कृति का सार्वत्रिकरण । === |
| संस्कृति व्यक्ति की नहीं समाज एवं राष्ट्र की आत्मा - जीवित होने का आधार है | | | संस्कृति व्यक्ति की नहीं समाज एवं राष्ट्र की आत्मा - जीवित होने का आधार है | |
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− | उदाहरण: “पारसी” राष्ट्र नहीं रहा | दो हजार वर्ष पहले इन यहूदियों को ईसाईयों ने पेलेस्टाईन से खदेड़कर बाहर किया | पेलेस्टाईन की भूमि फिर से प्राप्त होने पर पूरी शक्ति के साथ यहूदी संस्कृति का पुनरुत्थान हुआ ।
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| सुख शान्ति से चलाने के लिए संस्कृति का सार्वत्रिक होना आवश्यक है । | | सुख शान्ति से चलाने के लिए संस्कृति का सार्वत्रिक होना आवश्यक है । |
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| == विषय क्षेत्र । == | | == विषय क्षेत्र । == |
− | भाषा राष्ट्र की संस्कृति के अनुसार आकार (अभिव्यक्ति ) लेती है | अंग्रेजी भाषा की बहुत सारे मुहावरों के समानार्थी हिंदी मुहावरें नहीं हैं | (might is right etc ) दुनिया में कोई समाज नहीं जो बलवान बना किंतु आक्रमण नहीं किया । काम पुरुषार्थ जब धर्म से नियमित, मार्गदर्शित और निर्देशित होता है तब मनुष्य को भगवान की ओर ले जाता है । <blockquote>आत्मनो मोक्षार्थं जगतः हिताय च | ''ātmano mokṣārthaṁ jagataḥ hitāya ca |''</blockquote>मतलब समाज और पर्यावरण का हित करने के लिए किये गए व्यवहार ही संस्कृति है । | + | भाषा राष्ट्र की संस्कृति के अनुसार आकार (अभिव्यक्ति) लेती है | अंग्रेजी भाषा की बहुत सारे मुहावरों के समानार्थी हिंदी मुहावरें नहीं हैं | (might is right etc ) दुनिया में कोई समाज नहीं जो बलवान बना किंतु आक्रमण नहीं किया । काम पुरुषार्थ जब धर्म से नियमित, मार्गदर्शित और निर्देशित होता है तब मनुष्य को भगवान की ओर ले जाता है । <blockquote>आत्मनो मोक्षार्थं जगतः हिताय च | ''ātmano mokṣārthaṁ jagataḥ hitāya ca |''</blockquote>मतलब समाज और पर्यावरण का हित करने के लिए किये गए व्यवहार ही संस्कृति है । |
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| === इष्ट गति एवं प्रचार । === | | === इष्ट गति एवं प्रचार । === |
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| # अरबस्तान में ईस्लामी सत्ता सन 632 में और 642 तक इस्लामी सत्ता अफगानिस्तान को पादाक्रांत कर हिंदुकुश तक थी । धर्मसत्ता और राजसत्ता बेखबर | | | # अरबस्तान में ईस्लामी सत्ता सन 632 में और 642 तक इस्लामी सत्ता अफगानिस्तान को पादाक्रांत कर हिंदुकुश तक थी । धर्मसत्ता और राजसत्ता बेखबर | |
| # पारसी लोग ईस्लाम के आक्रमण से ध्वस्त होकर 637 से 641 के बीच भारत के शरण में आए | | | # पारसी लोग ईस्लाम के आक्रमण से ध्वस्त होकर 637 से 641 के बीच भारत के शरण में आए | |
− | # 743 मे ‘देवल स्मृति’ में धर्मांतरित लोगों को परावर्तित कर फिर से हिंदु बनाने का प्रावधान | जो मुसलमान बन गए उनको हिंदु मानना था या फिर उन्हें हिंदु बनाना था | मुसलमान आगे बढते रहे, हम बेखबर रहे | मुसलमान को हिंदु बनाने का कोई विकल्प नहीं था । उदाहरण: अकबर का प्रश्न धर्मान्तरन पर - गधे को रुडना 4-5 घंटों तक: घोडे के गधे बन रहे हैं , गधे के घोडे नहीं बन सकते ! | + | # 743 मे ‘देवल स्मृति’ में धर्मांतरित लोगों को परावर्तित कर फिर से हिंदु बनाने का प्रावधान | जो मुसलमान बन गए उनको हिंदु मानना था या फिर उन्हें हिंदु बनाना था | |
− | इस्लाम के साथ ही ईसाई विस्तारवाद की ओर हमारी राजसत्ता और धर्मसत्ता अनदेखी करती रहीं । धर्मसत्ता और राज्यसत्ता में तालमेल का अभाव । पर हरिहार बुक्क ने इस्पर 3 अपवाद भी बताये हैं ।
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| अंग्रेजी शासन का भारत राष्ट्र की संस्कृति पर हुआ परिणाम कुछ इस प्रकार हैं : | | अंग्रेजी शासन का भारत राष्ट्र की संस्कृति पर हुआ परिणाम कुछ इस प्रकार हैं : |
| # गुलामी की मानसिकता | | | # गुलामी की मानसिकता | |
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| ==गर्भपूर्व अवस्था ॥ Before Conception== | | ==गर्भपूर्व अवस्था ॥ Before Conception== |
| |<nowiki>तैयारी : उपनयन के पूर्व के सभी संस्कारों का अध्ययन | 4 आदतें ढालना |</nowiki> | | |<nowiki>तैयारी : उपनयन के पूर्व के सभी संस्कारों का अध्ययन | 4 आदतें ढालना |</nowiki> |
− | # व्यक्तिगत साधना का महत्व (अध्यात्म विद्या विद्यानाम् ) । | + | # व्यक्तिगत साधना का महत्व (अध्यात्म विद्या विद्यानाम्) । |
| # अपनी मातृभाषा का प्रयोग (गति बढाने के लिये मानसिकता) । | | # अपनी मातृभाषा का प्रयोग (गति बढाने के लिये मानसिकता) । |
| # सामूहिक साधना का महत्व - कीर्तन, कथा चर्चा (अध्यात्म विद्या विद्यानाम्) । | | # सामूहिक साधना का महत्व - कीर्तन, कथा चर्चा (अध्यात्म विद्या विद्यानाम्) । |
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| ==शिशु अवस्था ॥ Childhood (Until the age of 5years)== | | ==शिशु अवस्था ॥ Childhood (Until the age of 5years)== |
| |दिशा पर जोर : | | |दिशा पर जोर : |
− | # जाता कर्म संस्कार (सुवर्ण प्राशन), नाम कारन संस्कार, निष्क्रमण संस्कार, अन्न प्राशन, चूड़ाकरण/मुंडन संस्कार, कर्णभेद संस्कार । | + | # जात कर्म संस्कार (सुवर्ण प्राशन), नाम करन संस्कार, निष्क्रमण संस्कार, अन्न प्राशन, चूड़ाकरण/मुंडन संस्कार, कर्णभेद संस्कार । |
| # अपनी प्रान्तिक बोली का प्रयोग । | | # अपनी प्रान्तिक बोली का प्रयोग । |
| # कहानियां (श्रीमद भागवत) गटश: - अलग अलग गुणों से (3/4 भाषाये लिये) सम्बंधित कहानियां । | | # कहानियां (श्रीमद भागवत) गटश: - अलग अलग गुणों से (3/4 भाषाये लिये) सम्बंधित कहानियां । |
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| == References == | | == References == |
| [[Category:Education Series]] | | [[Category:Education Series]] |
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