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| कुंभ मेला, वेदपाठशाला आदि स्थानों में जाकर संस्कृति परिचय होता है। सामाजिक एवं राष्ट्रीय विकास होता है । पूर्व के जमाने में संतवृन्द, शंकराचार्य पैदल यात्रा करते थे। उन्हें देशकाल परिस्थिति का आकलन होता था। वह शैक्षिक भ्रमण था। आज वह तत्व ध्यान में रखकर परिस्थिति एवं छात्रों की आयु क्षमता ध्यान में लेते हुए योग्य परिवर्तन करके विद्यालयों ने शैक्षिक भ्रमण की योजना बनानी चाहिये । | | कुंभ मेला, वेदपाठशाला आदि स्थानों में जाकर संस्कृति परिचय होता है। सामाजिक एवं राष्ट्रीय विकास होता है । पूर्व के जमाने में संतवृन्द, शंकराचार्य पैदल यात्रा करते थे। उन्हें देशकाल परिस्थिति का आकलन होता था। वह शैक्षिक भ्रमण था। आज वह तत्व ध्यान में रखकर परिस्थिति एवं छात्रों की आयु क्षमता ध्यान में लेते हुए योग्य परिवर्तन करके विद्यालयों ने शैक्षिक भ्रमण की योजना बनानी चाहिये । |
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− | ==== विमर्श: शैक्षिक भ्रमण सम्बन्धी विचारणीय मुद्दे ==== | + | ==== विमर्श ==== |
| + | ===== शैक्षिक भ्रमण सम्बन्धी विचारणीय मुद्दे ===== |
| आज हमने सभी बातों को उल्टा कर दिया है। उसमें भ्रमण का भी विषय समाविष्ट है । जरा इन मुद्दों पर विचार करें... | | आज हमने सभी बातों को उल्टा कर दिया है। उसमें भ्रमण का भी विषय समाविष्ट है । जरा इन मुद्दों पर विचार करें... |
| # शैक्षिक भ्रमण में से शैक्षिक शब्द छूट गया है, विस्मृत हो गया है। उसका कोई प्रयोजन नहीं रहा । अब केवल भ्रमण ही रह गया है जिसका उद्देश्य शैक्षिक नहीं है, मनोरंजन है, मजा करना है। | | # शैक्षिक भ्रमण में से शैक्षिक शब्द छूट गया है, विस्मृत हो गया है। उसका कोई प्रयोजन नहीं रहा । अब केवल भ्रमण ही रह गया है जिसका उद्देश्य शैक्षिक नहीं है, मनोरंजन है, मजा करना है। |
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| इसी प्रकार से अनेक सेवा प्रकल्प, निर्माण प्रकल्प, शिक्षा प्रकल्प चलते हैं जिन की भेंट करना ज्ञान में वृद्धि करना है। | | इसी प्रकार से अनेक सेवा प्रकल्प, निर्माण प्रकल्प, शिक्षा प्रकल्प चलते हैं जिन की भेंट करना ज्ञान में वृद्धि करना है। |
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− | ==== दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता ==== | + | ===== दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता ===== |
| शैक्षिक दृष्टि से यदि विचार करने लगें तो शैक्षिक । भ्रमण के विषय में हम अनेक नई बातें सोच सकते हैं । केवल दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता है। शिक्षा के ठहरे हुए पानी को प्रवाहित करने से सडाँध दूर होगी और शैक्षिक गतिविधियाँ परिष्कृत होंगी। | | शैक्षिक दृष्टि से यदि विचार करने लगें तो शैक्षिक । भ्रमण के विषय में हम अनेक नई बातें सोच सकते हैं । केवल दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता है। शिक्षा के ठहरे हुए पानी को प्रवाहित करने से सडाँध दूर होगी और शैक्षिक गतिविधियाँ परिष्कृत होंगी। |
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