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सीमा है । रत्नाकर भारत की दक्षिण सीमा है।
सीमा है । रत्नाकर भारत की दक्षिण सीमा है।
रत्नाकर को आज हिन्द महासागर कहा जाता है ।
रत्नाकर को आज हिन्द महासागर कहा जाता है ।
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प्राचीन भारत आज से बहुत विशाल था । हिमालय
प्राचीन भारत आज से बहुत विशाल था । हिमालय
के पूर्व और पश्चिम छोर जहां समुद्र को मिलते थे
के पूर्व और पश्चिम छोर जहां समुद्र को मिलते थे
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भारत एक राष्ट्र था । वह भारतवर्ष कहलाता था ।
भारत एक राष्ट्र था । वह भारतवर्ष कहलाता था ।
राज्य अनेक राष्ट्र एक ऐसी स्वाभाविक स्थिति थी ।
राज्य अनेक राष्ट्र एक ऐसी स्वाभाविक स्थिति थी ।
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राष्ट्र सांस्कृतिक इकाई थी, राज्य शासकीय । धर्म
राष्ट्र सांस्कृतिक इकाई थी, राज्य शासकीय । धर्म
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क्रग्वेद, और उसके साथ ही शेष तीन था। भारत की समृद्धि विश्व को अपनी ओर वेद अत्यंत उच्च कोटी की प्रज्ञा का परिणाम है ऐसा आकर्षित करती थी । समृद्धि का उपभोग लेने के
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पश्चिमीकरण से भारतीय शिक्षा की मुक्ति
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क्रग्वेद, और उसके साथ ही शेष तीन था। भारत की समृद्धि विश्व को अपनी ओर
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वेद अत्यंत उच्च कोटी की प्रज्ञा का परिणाम है ऐसा आकर्षित करती थी । समृद्धि का उपभोग लेने के
प्रथम दर्शन में ही स्पष्ट होता है । लिए अथवा उसे लूटने के लिए बार बार विदेशी
प्रथम दर्शन में ही स्पष्ट होता है । लिए अथवा उसे लूटने के लिए बार बार विदेशी
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१९, भारत सुखी था, समृद्ध था, ज्ञानवान था, संस्कारयुक्त मनुष्य को विकास की ओर ले जाने वाले होते हैं ।
१९, भारत सुखी था, समृद्ध था, ज्ञानवान था, संस्कारयुक्त मनुष्य को विकास की ओर ले जाने वाले होते हैं ।
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==References==
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[[Category:Education Series]]
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[[Category:Bhartiya Shiksha Granthmala(भारतीय शिक्षा ग्रन्थमाला)]]
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[[Category:भारतीय शिक्षा : पश्चिमीकरण से भारतीय शिक्षा की मुक्ति]]