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| * स्वयं के दादा-दादी के विषय में जानना। | | * स्वयं के दादा-दादी के विषय में जानना। |
| * घर में हर दिन एक काम करना। (झाडू से कचरा निकालना, थालियाँ माँजना आदि।) | | * घर में हर दिन एक काम करना। (झाडू से कचरा निकालना, थालियाँ माँजना आदि।) |
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| + | ===== 1. शरीर की भिन्न-भिन्न स्थितियाँ (बैठना, उठना,खड़े रहना, चलना, साना...) ===== |
| + | * पालथी लगाकर सीधे बैठना। ( लंबे समय तक सहजता से सीधे बैठने का अभ्यास) |
| + | * दक्ष में खड़े रहना, आराम में खड़े रहना, स्थिर खड़े रहना। (खेल-मूर्ति) |
| + | * उत्तिष्ठ, उपविश का अभ्यास। |
| + | * हाथी बनकर दौड़ना, कुत्ते की तरह चार पैरों वाला बनकर भौंकना। |
| + | * सिर पर थाली रखकर एकाग्रता से चलना। |
| + | * सीधे दौड़ना, उल्टा दौड़ना, पंजों पर चलना। |
| + | * सीधे सोना ( घुटनों को मोड़कर न सोना). सिर पर ओढ़कर न सोना। |
| + | * एक तरफ मुड़कर धीरे से उठना, हँसते-हँसते उठना। |
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| + | ===== 2. ज्ञानेन्द्रियों और कर्मेन्द्रियों का विकास और शरीर परिचय : ===== |
| + | * आँख, कान और नाक स्वच्छ रखना। |
| + | * हर दिन दाँत साफ करना, जीभ साफ करना, स्नान करना। |
| + | * क्रीड़ा : कंगारू बनकर दो पैरों पर करते हुए आगे जाना, (रंग, गंध, स्पर्श) से संगधित खेल, शब्द-पहेली, दंड-खेंच, फूटबॉल, बाधा-दौड़, समूह दौड़, लंबी-कूद........... आदि) |
| + | # शरीर में स्थित अंगों के नाम और काम। |
| + | # मैं भोजन करता हूँ. उसके बाद क्या होता है? (पाचन क्रिया)। |
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| + | ===== 3. आहार-विहार : ===== |
| + | * भिन्न-भिन्न फलों के नाम, उनका स्वाद, वे कौन-सी ऋतु में प्राप्त होते हैं। |
| + | * भिन्न-भिन्न सब्जियों के नाम, उनका स्वाद, किस ऋतु में कौन-सी सब्जी मिलती है। |
| + | * भिन्न-भिन्न अनाज, साबुत दालों के नाम, इनसे क्या-क्या बना सकते हैं? |
| + | * ताजा आहार अर्थात् क्या? ताजे आहार का ही सेवन क्यों करना चाहिए? |
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| ==References== | | ==References== |