१८. पश्चिम ने अनेक श्रेष्ठ बातों को तो अर्थ के अधीन बना दिया परन्तु अर्थ को केवल पैसे में अर्थात् द्रव्य में सीमित कर दिया । सारी बातें सिक्कों में परिवर्तित करने की प्रक्रिया जीवन को निर्जीवता की ओर ले जाती हैं और व्यवहारों और विचारों को यान्त्रिक बना देती हैं। भारत को सिक्कों का मानक बदलने की आवश्यकता है। | १८. पश्चिम ने अनेक श्रेष्ठ बातों को तो अर्थ के अधीन बना दिया परन्तु अर्थ को केवल पैसे में अर्थात् द्रव्य में सीमित कर दिया । सारी बातें सिक्कों में परिवर्तित करने की प्रक्रिया जीवन को निर्जीवता की ओर ले जाती हैं और व्यवहारों और विचारों को यान्त्रिक बना देती हैं। भारत को सिक्कों का मानक बदलने की आवश्यकता है। |