इन कारणों से विवाह के सम्बन्ध में भारत में विस्तारपूर्वक और सूक्ष्मतापूर्वक निरूपण किया गया है। सन्तानों को जन्म देने का भी अत्यन्त विस्तृत शास्त्र बनाया गया है। पंचमहायज्ञ और तीन प्रकार के ऋणों की संकल्पना विकसित की गई है। | इन कारणों से विवाह के सम्बन्ध में भारत में विस्तारपूर्वक और सूक्ष्मतापूर्वक निरूपण किया गया है। सन्तानों को जन्म देने का भी अत्यन्त विस्तृत शास्त्र बनाया गया है। पंचमहायज्ञ और तीन प्रकार के ऋणों की संकल्पना विकसित की गई है। |