भारतीय संस्कृति के संदर्भ में भी यही प्रतिकार का तर्क लागू करना यह कम बुद्धि का लक्षण सिद्ध होगा क्यों कि सनातन भारतीय संस्कृति मूलतः 'वैविध्यपूर्ण' और बहुलवादी (pluralistic) है । इसलिये फुको तथा अन्य विचारकों के सांस्कृतिक क्रांति के विचार भारतीय समाज को तथा संस्कृति को 'सुधारणावादी'वृत्ति से लागू करने का मार्ग वैचारिक एवं बौद्धिक उलझनों का प्रारंभ करने वाला होगा। | भारतीय संस्कृति के संदर्भ में भी यही प्रतिकार का तर्क लागू करना यह कम बुद्धि का लक्षण सिद्ध होगा क्यों कि सनातन भारतीय संस्कृति मूलतः 'वैविध्यपूर्ण' और बहुलवादी (pluralistic) है । इसलिये फुको तथा अन्य विचारकों के सांस्कृतिक क्रांति के विचार भारतीय समाज को तथा संस्कृति को 'सुधारणावादी'वृत्ति से लागू करने का मार्ग वैचारिक एवं बौद्धिक उलझनों का प्रारंभ करने वाला होगा। |