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| === विद्यालय का कक्षाकक्ष === | | === विद्यालय का कक्षाकक्ष === |
− | १. विद्यालय का कक्षाकक्ष कैसा होना चाहिये ? | + | '''१. विद्यालय का कक्षाकक्ष कैसा होना चाहिये ?''' |
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− | २. कितना बड़ा होना चाहिये ? | + | '''२. कितना बड़ा होना चाहिये ?''' |
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− | ३. उसका आकार कैसा होना चाहिये ? | + | '''३. उसका आकार कैसा होना चाहिये ?''' |
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− | ४. कितने प्रकार के कक्षाकक्ष हो सकते हैं ? | + | '''४. कितने प्रकार के कक्षाकक्ष हो सकते हैं ?''' |
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− | ५. कक्षाकक्ष में किस प्रकार की सुविधायें होनी चाहिये ? | + | '''५. कक्षाकक्ष में किस प्रकार की सुविधायें होनी चाहिये ?''' |
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− | ६. कक्षाकक्ष का फर्नीचर कैसा होना चाहिये ? | + | '''६. कक्षाकक्ष का फर्नीचर कैसा होना चाहिये ?''' |
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− | ७. कक्षाकक्ष की खिडकियाँ, दरवाजे, श्यामपट्ट, अलमारी आदि के विषय में किस प्रकार से विचार होना चाहिये ? | + | '''७. कक्षाकक्ष की खिडकियाँ, दरवाजे, श्यामपट्ट, अलमारी आदि के विषय में किस प्रकार से विचार होना चाहिये ?''' |
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− | ८. कक्षाकक्ष की बैठक व्यवस्था कैसी होनी चाहिये ? | + | '''८. कक्षाकक्ष की बैठक व्यवस्था कैसी होनी चाहिये ?''' |
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− | ९. हवा, प्रकाश, ध्वनि, तापमान, दिशायें आदि व्यवस्थायें कैसी होनी चाहिये ? | + | '''९. हवा, प्रकाश, ध्वनि, तापमान, दिशायें आदि व्यवस्थायें कैसी होनी चाहिये ?''' |
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− | BRR
| + | '''१०. कक्षाकक्ष का वातावरण शैक्षिक एवं संस्कारक्षम कैसे बन सकता है ?''' |
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− | ............. page-239 ............. | + | '''११. स्वच्छता, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से कक्षाकक्ष कैसा होना चाहिये ?''' |
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− | पर्व ४ : विद्यालय की भौतिक एवं आर्थिक व्यवस्थाएँ
| + | '''१२. साजसज्जा, सुविधा एवं आर्थिक दृष्टि से कक्षाकक्ष के सम्बन्ध में हम क्या विचार कर सकेत है ?''' |
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− | १०, कक्षाकक्ष का वातावरण शैक्षिक एवं संस्कार क्षम
| + | ==== प्रश्नावली से पाप्त उत्तर ==== |
− | कैसे बन सकता है ?
| + | विद्यालय के कक्षा-कक्ष के सम्बन्ध में अपना मंतव्य इस प्रश्नावली में प्रकट हुआ है। १२ प्रश्नों की इस प्रश्नावली के उत्तर नागपुर के १३ शिक्षकों, २ प्रधानाचार्यों व एक संस्था चालक अर्थात् कुल १७ लोगों ने दिये हैं । इस कार्य में सौ. वैशालीताई नायगावकरने सहयोग दिया । |
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− | ११. स्वच्छता, पर्यावरण एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से
| + | प्रश्न १, २, ३ व ५ - ५० से ६० विद्यार्थी आराम से बैठ सके इतना बड़ा कक्ष होना आवश्यक है। कक्षा कक्ष चौरस, आयातकार या अर्धवर्तुलाकार हो सकते हैं । कमरों में भरपूर प्रकाश एवं वायु आती हो, तथा पास के कक्षों की आवाज इस कक्ष में चल रहे कार्य में बाधक न हो, इस प्रकार की कक्षा की रचना विद्यालय में करनी चाहिये। |
− | कक्षाकक्ष कैसा होना चाहिये ?
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− | १२. साजसजा, सुविधा एवं आर्थिक दृष्टि से
| + | प्रश्न ४ - विद्यालय में विषय अनुसार कक्ष रचना अत्यन्त लाभकारी रहती है । गणित कक्ष, भाषा कक्ष, उद्योग कक्ष, भूगोल कक्ष, विज्ञान कक्ष होने से अध्ययन और वातावरण अच्छा रहता है, ऐसा सबका कहना था । |
− | कक्षाकक्ष के सम्बन्ध में हम क्या विचार कर
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− | सकेत है ?
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− | प्रश्नावली से पाप्त उत्तर
| + | प्रश्न ६ - उपस्कर (फर्निचर) के सम्बन्ध में, प्राथमिक कक्षाओं में नीचे बैठना और माध्यमिक कक्षाओं के लिए डेस्क व बेंच होनी चाहिए, सबका मत यही था । |
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− | विद्यालय के कक्षा-कक्ष के सम्बन्ध में अपना Hates
| + | प्रश्न ७ - कमरों के दरवाजे लोहे के हों, खिडकियाँ जमीन से साढ़े तीन फीट की ऊँचाई पर हो ऐसा मत कुछ लोगों का था । बाहर खड़े निरीक्षक को पता चल सके उतनी ऊँचाई पर खिड़कियाँ हों, यह मत भी कुछ लोगों का था । कक्षा में फलक काँच के अथवा व्हाइट बोर्ड के होने चाहिए । शैक्षिक सामग्री व अन्य वस्तुएँ रखने के लिए अलमारी होनी चाहिए । |
− | इस प्रश्नावली में प्रकट हुआ है। १२ प्रश्नों की इस
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− | प्रश्नावली के उत्तर नागपुर के १३ शिक्षकों, २ प्रधानाचार्यों
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− | व एक संस्था चालक अर्थात् कुल १७ लोगों ने दिये हैं ।
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− | इस कार्य में सौ. वैशालीताई नायगावकरने सहयोग दिया |
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− | प्रश्न १, २, ३ व ५ - ५० से ६० विद्यार्थी आराम
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− | से बैठ सके इतना बड़ा कक्ष होना आवश्यक है । कक्षा
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− | कक्ष चौरस, आयातकार या अर्धवर्तुलाकार हो सकते हैं ।
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− | कमरों में भरपूर प्रकाश एवं वायु आती हो, तथा पास के
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− | कक्षों की आवाज इस कक्ष में चल रहे कार्य में बाधक न
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− | हो, इस प्रकार की कक्षा की रचना विद्यालय में करनी
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− | चाहिए |
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− | | |
− | प्रश्न ४ - विद्यालय में विषय अनुसार कक्ष रचना
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− | अत्यन्त लाभकारी रहती है । गणित कक्ष, भाषा कक्ष,
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− | उद्योग कक्ष, भूगोल कक्ष, विज्ञान कक्ष होने से अध्ययन
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− | और वातावरण अच्छा रहता है, ऐसा सबका कहना था ।
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− | | |
− | प्रश्न ६ - उपस्कर (फर्निचर) के सम्बन्ध में,
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− | प्राथमिक कक्षाओं में नीचे बैठना और माध्यमिक कक्षाओं
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− | के लिए डेस्क व बेंच होनी चाहिए, सबका मत यही था ।
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− | | |
− | प्रश्न ७ - कमरों के दरवाजे लोहे के हों, खिडकियाँ | |
− | जमीन से साढ़े तीन फीट की ऊँचाई पर हो ऐसा मत कुछ | |
− | लोगों का था । बाहर खड़े निरीक्षक को पता चल सके | |
− | उतनी ऊँचाई पर खिड़कियाँ हों, यह मत भी कुछ लोगों का | |
− | था । कक्षा में फलक काँच के अथवा व्हाइट बोर्ड के होने | |
− | चाहिए । शैक्षिक सामग्री व अन्य वस्तुएँ रखने के लिए | |
− | अलमारी होनी चाहिए । | |
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− | RR’
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− |
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| प्रश्न १० - कक्षा का वातावरण | | प्रश्न १० - कक्षा का वातावरण |
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| मिले । | | मिले । |
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− | अभिमत - लगभग सभी उत्तर देने वाले नित्य कक्षा | + | ==== अभिमत - ==== |
− | कक्षों में पढ़ाने वाले ही थे । फिर भी प्रश्नों के उत्तर केवल | + | लगभग सभी उत्तर देने वाले नित्य कक्षा कक्षों में पढ़ाने वाले ही थे । फिर भी प्रश्नों के उत्तर केवल शब्दार्थ को ध्यान में रखकर ही दिये गये हैं । कक्षा कक्ष यह स्थान केवल भौतिक वस्तुओं का संच है, परन्तु विद्यार्थी और शिक्षक यह जीवमान ईकाई है तथा इनके बीच चलने वाली अध्ययन अध्यापन प्रक्रिया भी जीवन्त ही होती है। अतः इस जीवन्तता को बनाये रखना चाहिए । भौतिक व्यवस्थाओं को हावी नहीं होने देना चाहिए | |
− | शब्दार्थ को ध्यान में रखकर ही दिये गये हैं । कक्षा कक्ष | |
− | यह स्थान केवल भौतिक वस्तुओं का संच है, परन्तु | |
− | विद्यार्थी और शिक्षक यह जीवमान ईकाई है तथा इनके | |
− | बीच चलने वाली अध्ययन अध्यापन प्रक्रिया भी जीवन्त | |
− | ही होती है। अतः इस जीवन्तता को बनाये रखना | |
− | चाहिए । भौतिक व्यवस्थाओं को हावी नहीं होने देना | |
− | चाहिए | | |
− | | |
− | भवन निर्माण के समय शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं
| |
− | रहती, वे तो मात्र इतना चाहते हैं कि सभी व्यवस्थाओं से
| |
− | युक्त बना बनाया कक्ष उन्हें मिल जाय । संस्थाचालक ही
| |
− | सभी निर्णय करते हैं । कक्षा का उपस्कर (फर्निचर) भी
| |
− | संस्था चालकों की आर्थिक स्थिति व उनकी पसन्द का ही
| |
− | होता है । बड़े छात्रों के लिए डेस्क व बेंच अथवा टेबल व
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− | कुर्सी और छोटे छात्रों के लिए नीचे जमीन पर बैठने की
| |
− | व्यवस्था में शैक्षिक चिन्तन का अभाव ही दिखाई देता है ।
| |
− | कम आयु या छोटी कक्षाओं के लिए अलग व्यवस्था तथा
| |
− | बड़ी आयु या बड़ी कक्षाओं के छात्रों के लिए अलग
| |
− | व्यवस्था करने के पीछे कोई तार्किक दृष्टि नहीं है।
| |
− | माध्यमिक कक्षाओं के छात्र भी भारतीय बैठक व्यवस्था में
| |
− | अच्छा ज्ञानार्जन कर सकते हैं इसका आज्ञान है ।
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− | | |
− | पर्यावरण सुरक्षा हेतु प्लास्टिक का उपयोग वर्जित करने
| |
− | की बात किसी को भी ध्यान में नहीं आई । स्वच्छता हेतु
| |
− | प्रत्येक कक्षा के लिए स्वतन्त्र पायदान, कचरा पात्र तथा
| |
− | स्वच्छता सम्बन्धी आदतें यथा-चप्पल-जूते कक्षा के बाहर
| |
− | व्यवस्थित रखने की व्यवस्था आदि छोटी छोटी बातों को
| |
− | अब लोग भूलने लगे हैं । और संस्थाएँ विद्यालय की
| |
− | स्वच्छता बड़ी बड़ी सफाई कम्पनियों को ठेके पर दे रही हैं ।
| |
− | ठेके पर देने के कारण छात्रों में स्वच्छता व पवित्रता के
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− | ............. page-240 .............
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− | संस्कार नहीं बन पाते । पहले छात्रों को
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− | यह संस्कार दिया जाता था कि यह मेरी कक्षा है, मेरी कक्षा
| |
− | मुझे ज्ञानवान बनाने वाला पवित्र स्थान है, इसे स्वच्छ एवं
| |
− | पवित्र बनाये रखना यह मेरा दायित्व है । स्वच्छता का
| |
− | दायित्व बोध जाग्रत करना ही सच्ची शिक्षा है ।
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− | | |
− | विमर्श
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− | | |
− | विद्यालयों और महाविद्यालयों का अध्ययन वर्षों में
| |
− | विभाजित की जाने वाली यान्त्रिक प्रक्रिया बन गई है।
| |
− | विद्यार्थी बारह वर्ष तक विद्यालय में पढ़ता है तो वह पहली
| |
− | से बारहवीं कक्षा तक पढता है । महाविद्यालय में पढता है
| |
− | तो वह प्रथम से तृतीय कक्षा तक पढ़ता है । परास्नातक में
| |
− | पढता है तो वह प्रथम और द्वितीय कक्षा में पढ़ता है । एक
| |
− | एक वर्ष को एक एक कक्षा कहा जाता है । एक वर्ष तक
| |
− | विद्यार्थी उसी कक्षा में पढ़ता है । पढने के लिये इसे एक
| |
− | स्थान चाहिये, एक कमरा चाहिये । कमरा ही कक्ष है । उस
| |
− | कक्ष को कक्षाकक्ष कहते हैं। यह अंग्रेजी के शब्द
| |
− | क्लासरूप का हिन्दी अनुवाद है । भारत की लगभग सभी
| |
− | भाषाओं में क्लासरूम का ही अनुवाद चलता है ।
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− | कक्षाकक्ष के लिये शासन द्वारा नाप निश्चित कर के
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− | दिया जाता है । एक कक्षा में विद्यार्थियों की संख्या भी
| |
− | निश्चित की जाती है और उसके अनुपात में कक्षाकक्ष की
| |
− | लम्बाई चौडाई या क्षेत्रफल निश्चित किया जाता है । यह
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− | नियम महाविद्यालयों के लिये भी है । इसी प्रकार से
| |
− | प्रयोगशाला आदि का भी आकार प्रकार निश्चित किया
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− | जाता है ।
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− | इन कक्षा कक्षों की रचना और व्यवस्था के विषय में
| + | भवन निर्माण के समय शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं रहती, वे तो मात्र इतना चाहते हैं कि सभी व्यवस्थाओं से |
− | कैसे विचार करना चाहिये इसकी बात करेंगे ।
| + | युक्त बना बनाया कक्ष उन्हें मिल जाय । संस्थाचालक ही सभी निर्णय करते हैं । कक्षा का उपस्कर (फर्निचर) भी संस्था चालकों की आर्थिक स्थिति व उनकी पसन्द का ही होता है । बड़े छात्रों के लिए डेस्क व बेंच अथवा टेबल व कुर्सी और छोटे छात्रों के लिए नीचे जमीन पर बैठने की व्यवस्था में शैक्षिक चिन्तन का अभाव ही दिखाई देता है । कम आयु या छोटी कक्षाओं के लिए अलग व्यवस्था तथा बड़ी आयु या बड़ी कक्षाओं के छात्रों के लिए अलग व्यवस्था करने के पीछे कोई तार्किक दृष्टि नहीं है। माध्यमिक कक्षाओं के छात्र भी भारतीय बैठक व्यवस्था में अच्छा ज्ञानार्जन कर सकते हैं इसका आज्ञान है । |
| | | |
− | १. कक्षाकक्ष कक्षा के विद्यार्थियों की संख्या के
| + | पर्यावरण सुरक्षा हेतु प्लास्टिक का उपयोग वर्जित करने की बात किसी को भी ध्यान में नहीं आई । स्वच्छता हेतु प्रत्येक कक्षा के लिए स्वतन्त्र पायदान, कचरा पात्र तथा स्वच्छता सम्बन्धी आदतें यथा-चप्पल-जूते कक्षा के बाहर व्यवस्थित रखने की व्यवस्था आदि छोटी छोटी बातों को अब लोग भूलने लगे हैं । और संस्थाएँ विद्यालय की स्वच्छता बड़ी बड़ी सफाई कम्पनियों को ठेके पर दे रही हैं । ठेके पर देने के कारण छात्रों में स्वच्छता व पवित्रता के संस्कार नहीं बन पाते । पहले छात्रों को यह संस्कार दिया जाता था कि यह मेरी कक्षा है, मेरी कक्षा मुझे ज्ञानवान बनाने वाला पवित्र स्थान है, इसे स्वच्छ एवं पवित्र बनाये रखना यह मेरा दायित्व है । स्वच्छता का दायित्व बोध जाग्रत करना ही सच्ची शिक्षा है । |
− | अनुपात में होना चाहिये । खाली बैठे हों तब भी भीड़ लगें
| |
− | ऐसे तो नहीं होने चाहिये ।
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| | | |
− | कुछ और क्रियाकलाप न करते हों और केवल
| + | ==== विमर्श ==== |
− | अध्यापक द्वारा बोला जा रहा सुनते हों तब भी, भूमि पर,
| + | विद्यालयों और महाविद्यालयों का अध्ययन वर्षों में विभाजित की जाने वाली यान्त्रिक प्रक्रिया बन गई है। विद्यार्थी बारह वर्ष तक विद्यालय में पढ़ता है तो वह पहली से बारहवीं कक्षा तक पढता है । महाविद्यालय में पढता है तो वह प्रथम से तृतीय कक्षा तक पढ़ता है । परास्नातक में पढता है तो वह प्रथम और द्वितीय कक्षा में पढ़ता है । एक एक वर्ष को एक एक कक्षा कहा जाता है । एक वर्ष तक विद्यार्थी उसी कक्षा में पढ़ता है । पढने के लिये इसे एक स्थान चाहिये, एक कमरा चाहिये । कमरा ही कक्ष है । उस कक्ष को कक्षाकक्ष कहते हैं। यह अंग्रेजी के शब्द क्लासरूप का हिन्दी अनुवाद है । भारत की लगभग सभी भाषाओं में क्लासरूम का ही अनुवाद चलता है । |
− | कुर्सी पर या बेन्च पर बैठे हों तब भी, सीधी पंक्तियों में या
| |
− | बिना पंक्तियों के बैठे हों तब भी एक दूसरे का स्पर्श न हो
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− | RRS
| + | कक्षाकक्ष के लिये शासन द्वारा नाप निश्चित कर के दिया जाता है । एक कक्षा में विद्यार्थियों की संख्या भी निश्चित की जाती है और उसके अनुपात में कक्षाकक्ष की लम्बाई चौडाई या क्षेत्रफल निश्चित किया जाता है । यह नियम महाविद्यालयों के लिये भी है । इसी प्रकार से प्रयोगशाला आदि का भी आकार प्रकार निश्चित किया जाता है । |
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− | भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
| + | इन कक्षा कक्षों की रचना और व्यवस्था के विषय में कैसे विचार करना चाहिये इसकी बात करेंगे । |
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− | इतनी दूरी बनाकर तो बैठना ही चाहिये । बिना स्पर्श किये
| + | १. कक्षाकक्ष कक्षा के विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में होना चाहिये । खाली बैठे हों तब भी भीड़ लगें ऐसे तो नहीं होने चाहिये । |
− | कुछ हलचल कर सर्के इतना अन्तर भी अपेक्षित है । बीच में
| |
− | से उठकर जाना हो तब भी बिना स्पर्श किये जा सकें इतनी
| |
− | दूरी चाहिये । कक्ष में बैठे विद्यार्थियों से उचित अन्तर रखकर
| |
− | शिक्षक बैठ सके इतना स्थान होना चाहिये । उचित अन्तर
| |
− | किसे कहते हैं ? विद्यार्थियों के सामने, मध्य में, कुछ ऊँचाई
| |
− | पर बैठकर शिक्षक एक दृष्टिक्षेप में कक्षा के सभी विद्यार्थियों
| |
− | को देख सके इतने अन्तर को समुचित अन्तर कहते हैं ।
| |
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− | कक्षा में विद्यार्थियों को केवल एक स्थान पर बैठना
| + | कुछ और क्रियाकलाप न करते हों और केवल अध्यापक द्वारा बोला जा रहा सुनते हों तब भी, भूमि पर, कुर्सी पर या बेन्च पर बैठे हों तब भी, सीधी पंक्तियों में या बिना पंक्तियों के बैठे हों तब भी एक दूसरे का स्पर्श न हो इतनी दूरी बनाकर तो बैठना ही चाहिये । बिना स्पर्श किये कुछ हलचल कर सर्के इतना अन्तर भी अपेक्षित है । बीच में से उठकर जाना हो तब भी बिना स्पर्श किये जा सकें इतनी दूरी चाहिये । कक्ष में बैठे विद्यार्थियों से उचित अन्तर रखकर शिक्षक बैठ सके इतना स्थान होना चाहिये । उचित अन्तर किसे कहते हैं ? विद्यार्थियों के सामने, मध्य में, कुछ ऊँचाई पर बैठकर शिक्षक एक दृष्टिक्षेप में कक्षा के सभी विद्यार्थियों को देख सके इतने अन्तर को समुचित अन्तर कहते हैं । |
− | ही नहीं होता है। घूमना चलना भी होता है । लिखना | |
− | पढना होता है, सामग्री लेकर काम करना होता है, एक दूसरे
| |
− | के साथ वार्तालाप करना होता है, गटों में बैठकर चर्चा
| |
− | करनी होती है । तब विभिन्न रचनाओं में बैठ सकें, सामने
| |
− | डेस्क रखकर बैठ सकें, बगल में बस्ता या अन्य सामग्री रख
| |
− | सकें इतना स्थान होना चाहिये । कक्षा में कक्षा पुस्तकालय
| |
− | की पुस्तकें, कक्षा के लिये दैनन्दिन उपयोग की सामग्री,
| |
− | विद्यार्थियों के भोजन के डिब्बे आदि रखने का स्थान होना | |
− | चाहिये । उसी प्रकार कक्ष के बाहर पादत्राण रखने की
| |
− | व्यवस्था, पानी की व्यवस्था, कचरे का डिब्बा भी होना
| |
− | चाहिये । कचरे का डिब्बा, झाड़ू, फर्निचर पॉंछने का कपडा
| |
− | आदि रखने के लिये स्थान और व्यवस्था चाहिये ।
| |
| | | |
− | खिड़कियों की ऊँचाई
| + | कक्षा में विद्यार्थियों को केवल एक स्थान पर बैठना ही नहीं होता है। घूमना चलना भी होता है । लिखना पढना होता है, सामग्री लेकर काम करना होता है, एक दूसरे के साथ वार्तालाप करना होता है, गटों में बैठकर चर्चा करनी होती है । तब विभिन्न रचनाओं में बैठ सकें, सामने डेस्क रखकर बैठ सकें, बगल में बस्ता या अन्य सामग्री रख सकें इतना स्थान होना चाहिये । कक्षा में कक्षा पुस्तकालय की पुस्तकें, कक्षा के लिये दैनन्दिन उपयोग की सामग्री, विद्यार्थियों के भोजन के डिब्बे आदि रखने का स्थान होना चाहिये । उसी प्रकार कक्ष के बाहर पादत्राण रखने की व्यवस्था, पानी की व्यवस्था, कचरे का डिब्बा भी होना चाहिये । कचरे का डिब्बा, झाड़ू, फर्निचर पॉंछने का कपडा आदि रखने के लिये स्थान और व्यवस्था चाहिये । |
| | | |
− | कक्षाकक्ष में बैठने की व्यवस्था कैसी है उसके आधार | + | ==== खिड़कियों की ऊँचाई ==== |
− | पर अन्य बातों की भी व्यवस्था की जायेंगी । अधिकांश | + | कक्षाकक्ष में बैठने की व्यवस्था कैसी है उसके आधार पर अन्य बातों की भी व्यवस्था की जायेंगी । अधिकांश कक्षाकक्षों में बैठने की व्यवस्था टेबल कुर्सी और बेन्च डेस्क पर की जाती है । इस हिसाब से खिडकियों की ऊंचाई ढाई या तीन फीट की रखी जाती है । नीचे भूमि पर बैठकर अध्ययन, भोजन आदि करना है तो खिड़कियों की भूतल से ऊंचाई १० से १२ इंच होनी चाहिये । नियम यह है कि कक्ष में बैठे हुए लोगों को खिड़की से बाहर का दृश्य दिख सके । कई बार तो बाहर का दिखाई न दे इसी उद्देश्य से खिड़कियाँ और भी ऊँचाई पर बनाई जाती हैं । बाहर की दखल न हो और विद्यार्थी भी बाहर न झाँक सर्के ऐसा दुहरा उद्देश्य होता है परन्तु यह उचित नहीं है, शास्त्रीय नहीं है । |
− | कक्षाकक्षों में बैठने की व्यवस्था टेबल कुर्सी और बेन्च डेस्क | |
− | पर की जाती है । इस हिसाब से खिडकियों की ऊंचाई ढाई | |
− | या तीन फीट की रखी जाती है । नीचे भूमि पर बैठकर | |
− | अध्ययन, भोजन आदि करना है तो खिड़कियों की भूतल से | |
− | ऊंचाई १० से १२ इंच होनी चाहिये । नियम यह है कि कक्ष | |
− | में बैठे हुए लोगों को खिड़की से बाहर का दृश्य दिख सके । | |
− | कई बार तो बाहर का दिखाई न दे इसी उद्देश्य से खिड़कियाँ | |
− | और भी ऊँचाई पर बनाई जाती हैं । बाहर की दखल न हो | |
− | और विद्यार्थी भी बाहर न झाँक सर्के ऐसा दुहरा उद्देश्य होता | |
− | है परन्तु यह उचित नहीं है, शास्त्रीय नहीं है । | |
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