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| विद्यालय वातावरण को संस्कारक्षम एवं पवित्र बनाने | | विद्यालय वातावरण को संस्कारक्षम एवं पवित्र बनाने |
| के लिए अधोलिखित बिन्दु भी ध्यान रखने योग्य हैं : | | के लिए अधोलिखित बिन्दु भी ध्यान रखने योग्य हैं : |
− | g. विद्यालय में प्रवेश करते ही माँ सरस्वती एवं भारत
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− | माता का मंदिर होना चाहिए । प्रतिदिन की वन्दना | + | १. विद्यालय में प्रवेश करते ही माँ सरस्वती एवं भारत माता का मंदिर होना चाहिए । प्रतिदिन की वन्दना यहीं हो। |
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| + | २. विद्यालय प्रारम्भ होने से पूर्व, मध्यावकाश में एवं अन्त में मधुर संगीत बजने की व्यवस्था हो । मधुर संगीत के स्वरों से वातावरण में पतरित्रता एवं दिव्यता घुल जाती है | |
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− | २... विद्यालय प्रारम्भ होने से पूर्व, मध्यावकाश में एवं
| + | ३. विद्यालयों में दैनिक यज्ञ सम्भव हो तो बहुत अच्छा अन्यथा उत्सव विशेष पर यज्ञ अवश्य हो । इससे वेद मंत्रों की ध्वनि विद्यालय के वातावरण में गूंजेगी तो सारा वायु मंडल सुगंधित एवं पवित्रता से परिपूर्ण हो जायेगा । |
− | अन्त में मधुर संगीत बजने की व्यवस्था हो । मधुर
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− | संगीत के eal से वातावरण में पतरित्रता एवं
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− | दिव्यता घुल जाती है |
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− | ३... विद्यालयों में दैनिक यज्ञ सम्भव हो तो बहुत अच्छा
| + | ४. विद्यालय भवन की दीवारें कोरी-रोती हुई न हों, वरन् चित्रों से, सुभाषितों से, जानकारियों से भरी हुईं अर्थात् हँसती हुई होनी चाहिए । |
− | अन्यथा उत्सव विशेष पर यज्ञ अवश्य हो । इससे
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− | वेद मंत्रों की ध्वनि विद्यालय के वातावरण में गूंजेगी
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− | तो सारा वायु मंडल gift wt wean a
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− | परिपूर्ण हो जायेगा ।
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− | ४. . विद्यालय भवन की दीवारें कोरी-रोती हुई न हों,
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− | वरन् चित्रों से, सुभाषितों से, जानकारियों से भरी हुईं
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− | अर्थात् हँसती हुई होनी चाहिए ।
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| निष्कर्ष : विद्यालय की सम्पूर्ण व्यवस्थाएँ एवं | | निष्कर्ष : विद्यालय की सम्पूर्ण व्यवस्थाएँ एवं |
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