Changes

Jump to navigation Jump to search
Line 156: Line 156:     
९. कुछ उदाहरण देखें...
 
९. कुछ उदाहरण देखें...
 +
* कक्षा में यदि शिवाजी महाराज का इतिहास पढ़ना है तो दो प्रकार से भ्रमण गट बन सकते हैं । एक गट महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज के गढ़ और किले देखने के लिये और दसरा गट आगरा और दिल्ली के किले, जहाँ शिवाजी महाराज को औरंगजेबने कैद में रखा था और मिठाई की टोकरियों में बैठकर पुत्र के साथ वे कैद से भागकर वापस अपनी राजधानी रायगढ़ पहुंचे थे।
 +
* संस्कृति विषय में बारह ज्योतिर्लिंग और चार धाम का वर्णन आता है। वहाँ जाकर उन्हें देखने की योजना बनानी चाहिये ।
 +
* दिल्ली का लोहस्तम्भ, अजंता की चित्रावलि, कैलास मन्दिर, वाराणसी की वेधशाला के अवशेष आदि भारत की कारीगरी के नमूने हैं, गौरवबिन्दु हैं। उन्हें देखने की योजना बना सकते हैं ।
 +
१०. इस प्रकार विशिष्ट उद्देश्यों को लेकर भ्रमण की योजना बनानी चाहिये । परन्तु भ्रमण हेतु जाने से पहले और आने के बाद बहुत सारी शैक्षिक गतिविधियों को भ्रमण के साथ जोड़ना आवश्यक है।
   −
कक्षा में यदि शिवाजी महाराज का इतिहास पढ़ना है तो दो प्रकार से भ्रमण गट बन सकते हैं । एक गट महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज के गढ़ और किले देखने के लिये और दसरा गट आगरा और दिल्ली के किले, जहाँ शिवाजी महाराज को औरंगजेबने कैद में रखा था और मिठाई की टोकरियों में बैठकर पुत्र के साथ वे कैद से भागकर वापस अपनी राजधानी रायगढ़
+
११. भ्रमण में जाने से पूर्व स्थानों की पूरी जानकारी, यात्रा का उद्देश्य, वहाँ जाकर करने के काम, वापस आकर देने के वृत्त हेतु करने के कार्य की जानकारी देनी चाहिये।
 +
 
 +
१२. यात्रा के दौरान जिन आचारों का पालन करना है उस सम्बन्ध में उचित पद्धति से विद्यार्थियों का प्रबोधन करना चाहिये । यह बात बहुत कठिन है क्योंकि भ्रमण के साथ विद्यार्थियों की उन्मुक्तता की वृत्ति जुड़ी हुई होती है। दैनन्दिन जीवन में भी उनकी अभिमुखता शिक्षा, संस्कृति, देश आदि की ओर बनाना कठिन हो जाता है सारा विद्यार्थीजगत भ्रमण की ओर मनोरंजन की दृष्टि से देखता है तब एक विद्यालय के विद्यार्थियों को यात्रा के दौरान शिष्ट व्यवहार करने को कहना कठिन ही होता है तथापि कुछ विद्यालयों के उदाहरण ऐसे भी हैं जो इस बात को सम्भव बनाते हैं। उनके अनुभव से हम कह सकते हैं कि यह कार्य कठिन अवश्य होगा, असम्भव नहीं है।
 +
 
 +
१३. भ्रमण के दौरान लेखन पुस्तिका में अनुभव लिखकर स्मृति में रखने लायक स्थानों के छायाचित्र लेना, सम्बन्धित लोगों के साथ वार्तालाप करना, वहाँ यदि कोई गाइड है तो उसे प्रश्न पूछना आदि बातों में शिक्षकों ने विद्यार्थीयों का मार्गदर्शन और सहायता
    
............. page-204 .............
 
............. page-204 .............
1,815

edits

Navigation menu