Changes

Jump to navigation Jump to search
Line 139: Line 139:  
विद्यालय में प्रयुक्त साधन-सामग्री छात्र एवं आचार्य दोनों के लिए ही उपयोगी होती है, अतः यह प्रश्नवावली थोडी बडी बनी है |
 
विद्यालय में प्रयुक्त साधन-सामग्री छात्र एवं आचार्य दोनों के लिए ही उपयोगी होती है, अतः यह प्रश्नवावली थोडी बडी बनी है |
   −
छात्रों के लिए साधन सामग्री : प्राप्त उत्तर
+
==== छात्रों के लिए साधन सामग्री : प्राप्त उत्तर ====
 +
विद्यार्थियों की शिक्षण प्रक्रिया को अधिक सुलभ एवं सुस्पष्ट बनाने के लिए जो सामग्री उपयोग में ली जाती है उसे साधन-सामग्री कहते हैं ऐसी व्याख्या सबने की है । पैन पेंसिल, कॉपी, रजिस्टर, कम्पास, किताबें, एटलस, शब्दकोष आदि । इसी प्रकार यांत्रिक उपकरणों में संगणक, लेपटोप, टेब, केल्क्यूलेटर, ऑडियो-न्हीडियो सीडीज आदि सभी उपकरण साधन सामग्री के अन्तर्गत ही आते हैं । कौनसी आयु में कौनसी सामग्री उपयुक्त है और कौनसी हानिकारक है इसका विवेक करना आना चाहिए । उदा, दृष्टि कमजोर है तो ऐनक आवश्यक हो जाती है, लेकिन दृष्टि बिल्कुल ठीक है फिर भी केवल फेशन के लिए एनक पहना जायेगा तो निश्चित है कि यह हानि पहुँचायेगा । इसलिए स्तर के अनुसार साधनों का वर्गीकरण करना चाहिए :
   −
विद्यार्थियों की शिक्षण प्रक्रिया को अधिक सुलभ एवं
+
==== अभिमत : ====
 +
भारतीय शिक्षा पद्धति की विस्मृति के कारण प्राथमिक विद्यालयों में स्लेट पेंसिल को छोड़कर अन्य साधन-सामग्री की आवश्यकता नहीं पड़ती यह बात हमें समझ में ही नहीं आती । इसके विपरीत विद्यालय में क्या पढ़ाया और घर पर क्या गृहकार्य किया इसकी ओर ही सारा ध्यान रहता है। इसलिए शिशुवाटिका से ही कॉपी- किताबों का बोझ बच्चों को सहना पड़ता है । वास्तव में अभिभावक और शिक्षक के परस्पर विश्वास और सहयोग से ही बालक की शिक्षा एवं विकास संभव होता है । स्लेट का उपयोग करके पर्यावरण की अपरिमित हानि हम रोक सकते हैं । 'शिक्षक' रूपी चेतनायुक्त मार्गदर्शक होते हुए भी विषयों की गाइडबुक उपयोग में लानी पड़े यह विपरीत विचार ही है । माध्यमिक विद्यालयों में ओडियो-वीडियों सीडीज़  कुछ मात्रा में उपयोगी होते हैं। परन्तु उसमें ज्ञानार्जन का प्रमाण कम और मनोरंजन का प्रमाण अधिक होता है । संगणक, केलक्युलेटर आदि उच्च शिक्षा में उपयोगी हो सकते हैं, अन्यत्र हानिकारक ही होते हैं । विवेक जाग्रत होने से पहले इन साधनों का उपयोग करने से विकास नहीं विनाश की ही अधिक सम्भावना है ।
   −
सुस्पष्ट बनाने के लिए जो सामग्री उपयोग में ली जाती है
+
इसका अर्थ यह नहीं है कि भारतीय शिक्षा पद्धति में शैक्षिक साधन-सामग्री के लिए कोई स्थान ही नहीं है । स्थान है, परन्तु वह विषय सापेक्ष है । यथा संगीत सीखना है तो तानपुरा, हार्मानियम, तबला आवश्यक है । जबकि निर्स्थक साधन-सामग्री का उपयोग वर्जित है । होना तो यह चाहिए कि ईश्वर प्रदत्त साधन ज्ञानेन्द्रियों एवं कर्मेन्ट्रियों का विकास करें, उन्हें सक्षम बनायें और उपकरणों का उपयोग कम से कम करें । यही श्रेष्ठ भारतीय विचार है । महँगे साधनों का उपयोग करके ही हमने शिक्षा को महँगी बना दी है । विद्यालय शुरु होने से पहले ही कॉपी-किताब, बस्ता, गणवेश आदि साधन-सामग्री का व्यवसाय शुरु हो जाता है और लाखों रूपयों का व्यवहार होता है । कुछ भी हो यह अनुभव सिद्ध है कि साधन-सामग्री कभी भी शिक्षक का विकल्प नहीं बन सकती ।
 
  −
उसे साधन-सामग्री कहते हैं ऐसी व्याख्या सबने की है ।
  −
 
  −
पैन पेंसिल, कॉपी, रजिस्टर, कम्पास, किताबें, एटलस,
  −
 
  −
शब्दकोष आदि । इसी प्रकार यांत्रिक उपकरणों में संगणक,
  −
 
  −
लेपटोप, टेब, केल्क्यूलेटर, ऑडियो-न्हीडियो सीडीज आदि
  −
 
  −
सभी उपकरण साधन सामग्री के अन्तर्गत ही आते हैं ।
  −
 
  −
कौनसी आयु में कौनसी सामग्री उपयुक्त है और कौनसी
  −
 
  −
हानिकारक है इसका विवेक करना आना चाहिए । sa.
  −
 
  −
दृष्टि कमजोर है तो ऐनक आवश्यक हो जाती है, लेकिन
  −
 
  −
दृष्टि बिल्कुल ठीक है फिर भी केवल फेशन के लिए एनक
  −
 
  −
पहना जायेगा तो निश्चित है कि यह हानि पहुँचायेगा ।
  −
 
  −
इसलिए स्तर के अनुसार साधनों का वर्गीकरण करना
  −
 
  −
चाहिए :
  −
 
  −
अभिमत :
  −
 
  −
भारतीय शिक्षा पद्धति की विस्मृति के कारण प्राथमिक
  −
 
  −
विद्यालयों में स्लेट पेंसिल को छोड़कर अन्य साधन-सामग्री
  −
 
  −
की आवश्यकता नहीं पड़ती यह बात हमें समझ में ही नहीं
  −
 
  −
Bua
  −
 
  −
आती । इसके विपरीत विद्यालय में
  −
 
  −
क्या पढ़ाया और घर पर क्या गृहकार्य किया इसकी ओर ही
  −
 
  −
सारा ध्यान रहता है। इसलिए शिशुवाटिका से ही कॉपी-
  −
 
  −
किताबों का बोझ बच्चों को सहना पड़ता है । वास्तव में
  −
 
  −
अभिभावक और शिक्षक के परस्पर विश्वास और सहयोग से
  −
 
  −
ही बालक की शिक्षा एवं विकास संभव होता है । स्लेट
  −
 
  −
का उपयोग करके पर्यावरण की अपरिमित हानि हम रोक
  −
 
  −
सकते हैं । 'शिक्षक' रूपी चेतनायुक्त मार्गदर्शक होते हुए भी
  −
 
  −
विषयों की गाइडबुक उपयोग में लानी पड़े यह विपरीत
  −
 
  −
विचार ही है । माध्यमिक विद्यालयों में ओडियो-वीडियों
  −
 
  −
ade कुछ मात्रा में उपयोगी होते हैं। परन्तु उसमें
  −
 
  −
WASH का प्रमाण कम और मनोरंजन का प्रमाण अधिक
  −
 
  −
होता है । संगणक, केलक्युलेटर आदि उच्च शिक्षा में
  −
 
  −
उपयोगी हो सकते हैं, अन्यत्र हानिकारक ही होते हैं ।
  −
 
  −
विवेक जाग्रत होने से पहले इन साधनों का उपयोग करने से
  −
 
  −
विकास नहीं विनाश की ही अधिक सम्भावना है ।
  −
 
  −
इसका अर्थ यह नहीं है कि भारतीय शिक्षा पद्धति में
  −
 
  −
शैक्षिक साधन-सामग्री के लिए कोई स्थान ही नहीं है ।
  −
 
  −
स्थान है, परन्तु वह विषय सापेक्ष है । यथा संगीत सीखना
  −
 
  −
है तो तानपुरा, हार्मानियम, तबला आवश्यक है । जबकि
  −
 
  −
निर्स्थक साधन-सामग्री का उपयोग वर्जित है । होना तो यह
  −
 
  −
चाहिए कि ईश्वर प्रदत्त साधन ज्ञानेन्द्रियों एवं कर्मेन्ट्रियों का
  −
 
  −
विकास करें, उन्हें सक्षम बनायें और उपकरणों का उपयोग
  −
 
  −
कम से कम करें । यही श्रेष्ठ भारतीय विचार है । महँगे
  −
 
  −
साधनों का उपयोग करके ही हमने शिक्षा को महँगी बना दी
  −
 
  −
है । विद्यालय शुरु होने से पहले ही कॉपी-किताब, बस्ता,
  −
 
  −
गणवेश आदि साधन-सामग्री का व्यवसाय शुरु हो जाता है
  −
 
  −
और लाखों रूपयों का व्यवहार होता है । कुछ भी हो यह
  −
 
  −
अनुभव सिद्ध है कि साधन-सामग्री कभी भी शिक्षक का
  −
 
  −
विकल्प नहीं बन सकती ।
      
शिक्षक द्वारा प्रयुक्त साधन-सामग्री : प्राप्त उत्तर
 
शिक्षक द्वारा प्रयुक्त साधन-सामग्री : प्राप्त उत्तर
1,815

edits

Navigation menu