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| अमेरिका और यूरोप में ऐसी रचना स्वाभाविक है और भारत में अस्वाभाविक है इसका कारण क्या है ? किसी भी बात में दृष्टिकोन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है । अमेरिका और भारत में शिक्षा के प्रति देखने की दृष्टि ही अलग है । वहाँ जीवन रचना में अर्थ का स्थान सबसे ऊपर है । जो पैसा देता है वह बड़ा है, उस का अधिकार ज्यादा है और जो पैसा लेता है वह छोटा है और देने वाले के समक्ष नीचा ही स्थान पाता | | अमेरिका और यूरोप में ऐसी रचना स्वाभाविक है और भारत में अस्वाभाविक है इसका कारण क्या है ? किसी भी बात में दृष्टिकोन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है । अमेरिका और भारत में शिक्षा के प्रति देखने की दृष्टि ही अलग है । वहाँ जीवन रचना में अर्थ का स्थान सबसे ऊपर है । जो पैसा देता है वह बड़ा है, उस का अधिकार ज्यादा है और जो पैसा लेता है वह छोटा है और देने वाले के समक्ष नीचा ही स्थान पाता |
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− | है । अध्ययन-अध्यापन के कार्य में छात्र... व्यवस्था का संबंध पैसे से जोड़ते हैं । उनका मानना होता है | + | है । अध्ययन-अध्यापन के कार्य में छात्र अथवा छात्र के अभिभावक पैसा देते हैं और अध्यापक पैसा लेता है । इसलिए खड़े रहकर पढ़ाना उसके लिए बाध्यता है । बैठ कर पढ़ना छात्रों का अधिकार है । अध्यापक का स्थान नीचे होना भी स्वाभाविक है । छात्रों का स्थान ऊपर ही होना स्वाभाविक है । भारत में यह व्यवस्था अमेरिका की अपेक्षा श्रेष्ठ है । भारत में विद्या देने वाला बड़ा है और विद्या लेने वाला छोटा है । इसलिए वह बैठता है, छात्र भी बैठते हैं क्योंकि अध्ययन और अध्यापन बैठकर ही किया जाता है । परंतु अध्यापक का स्थान छात्रों से ऊपर ही होता है । भारत में बैठने की इस प्रकार की स्थिति स्वाभाविक है । खड़े-खड़े पढ़ाने हेतु सुविधा होती है ऐसी अनेक लोगों की मान्यता है उनका. कहना है कि एक शिक्षक को अपनी कक्षा में घूमना भी पड़ता है । उसे छात्रों की गतिविधि पर ध्यान देना होता है । कहीं किसी छात्र को सहायता भी करनी होती है । किसी छात्र का निरीक्षण भी करना होता है । उसे श्याम फलक पर लिखना भी होता है । इस स्थिति में घूमना स्वाभाविक मानना चाहिए, बात ठीक है परन्तु हम जिस अध्ययन-अध्यापन की बात कर रहें हैं उसमें मन की एकाग्रता और बुद्धि की स्थिरता आवश्यक है । साथ ही उसमें भावना की दृष्टि से विनयशीलता और आदर भी अपेक्षित है, आचार्य को आदर देने के लिए आचार्य खड़े हों तो असुविधा होती है । आचार्य बैठे और भी उच्च आसन पर बैठे यही स्वाभाविक है । पहेली बात में शिक्षक के पक्ष में स्वयं काम करना और करवाना अधिक अपेक्षित है वह भी बैठकर हो सकता है । परंतु शिक्षक के खड़े रहने में हमें आपत्ति नहीं होने के कारण से हम शिक्षक खड़े हो इसमें कक्षा कक्ष की सुविधा देखते हैं । बैठकर अध्ययन-अध्यापन करने का कार्य केवल भावात्मक नहीं है, वह वैज्ञानिक भी है । बैठने की भी एक विशेष स्थिति होती है जो आवश्यक है । शरीर का नीचे का हिस्सा बंद हो जाता है और उर्जा नीचे की ओर प्रवाहित नहीं होती । अध्ययन करते समय अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है । |
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− | अथवा छात्र के अभिभावक पैसा देते हैं और अध्यापक पैसा... कि यदि विद्यालय गरीब है तो नीचे बैठने की व्यवस्था करेगा
| + | ==== पैसों से सम्बन्ध जोड़ना ==== |
| + | यह लोग नीचे बैठने की और कुर्सी पर बैठने की |
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− | लेता है । इसलिए खड़े रहकर पढ़ाना उसके लिए बाध्यता है ।... और यदि पैसा है तो मेज - कुर्सी - बेंच आदि सब की
| + | सामने जो छात्र बैठे हैं उनकी बैठक व्यवस्था की रचना |
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− | बैठ कर पढ़ना छात्रों का अधिकार है । अध्यापक का स्थान... व्यवस्था करेगा । उनका ऐसा भी मानना है कि छोटी
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− | नीचे होना भी स्वाभाविक है । छात्रों का स्थान ऊपर ही होना... कक्षाओं के लिए तो नीचे बैठने की व्यवस्था चल सकती
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− | स्वाभाविक है । भारत में यह व्यवस्था अमेरिका की अपेक्षा. है। वह कोई बहुत गंभीर मामला नहीं है। परंतु बड़ी
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− | श्रेष्ठ है । भारत में विद्या देने वाला बड़ा है और विद्या लेने वाला... कक्षाओं के लिए गंभीर अध्ययन होता है इसलिए नीचे बैठने
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− | छोटा है । इसलिए वह बैठता है, छात्र भी बैठते हैं क्योंकि... की व्यवस्था असुविधाजनक है । ऐसी व्यवस्था में उन्हें
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− | अध्ययन और अध्यापन बैठकर ही किया जाता है । परंतु गरिमा नहीं लगती । परंतु यह धारणा पूर्ण रूप से अवैज्ञानिक
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− | अध्यापक का स्थान छात्रों से ऊपर ही होता है । भारत में बैठने. है । शरीर विज्ञान की दृष्टि से और मनोविज्ञान की दृष्टि से
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− | की इस प्रकार की स्थिति स्वाभाविक है । खड़े-खड़े पढ़ाने... नीचे बैठने की व्यवस्था उत्तम है । हमने अनेक प्राचीन चित्रों
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− | हेतु सुविधा होती है ऐसी अनेक लोगों की मान्यता है उनका. में देखा है कि बड़े बड़े विद्यापीठ में अध्ययन अध्यापन नीचे
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− | कहना है कि एक शिक्षक को अपनी कक्षा में घूमना भी... बैठकर ही होता था | गरीब थे इसलिए ऐसा करते थे, फर्नीचर
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− | पड़ता है । उसे छात्रों की गतिविधि पर ध्यान देना होता है ।... बनाने की कुशलता नहीं इसलिए ऐसा करते थे ऐसा नहीं है ।
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− | कहीं किसी छात्र को सहायता भी करनी होती है । किसी छात्र... पर्याप्त रूप से प्रगत थे वे उत्तम प्रकार की कारीगरी जानने
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− | का निरीक्षण भी करना होता है । उसे श्याम फलक पर लिखना. वाले थे, वे पर्याप्त मात्रा में धनवान भी थे । फिर भी वहाँ
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− | भी होता है । इस स्थिति में घूमना स्वाभाविक मानना चाहिए, टेबल, कुर्सी, डेस्क, बेंच आदि नहीं थे क्योंकि वे हम से
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− | बात ठीक है परन्तु हम जिस अध्ययन-अध्यापन की बात कर... ज्यादा वैज्ञानिक थे । आवश्यक सुविधाएँ बना लेते थे और
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− | रहें हैं उसमें मन की एकाग्रता और बुद्धि की स्थिरता आवश्यक. अनावश्यक वस्तुओं में प्रतिष्ठा नहीं देखते थे । उनके मन
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− | है । साथ ही उसमें भावना की दृष्टि से विनयशीलता और आदर... और मस्तिष्क पूर्वग्रहों से मुक्त थे । आज हम अनेक प्रकार के
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− | भी अपेक्षित है, आचार्य को आदर देने के लिए आचार्य खड़े... पूव॒ग्रिहों से भ्रष्ट होकर अनेक प्रकार की सुविधाएँ बनाते हैं
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− | हों तो असुविधा होती है । आचार्य बैठे और भी उच्च आसन... और जो करना चाहिए उससे उल्टा करते हैं ।
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− | पर बैठे यही स्वाभाविक है । पहेली बात में शिक्षक के पक्ष
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− | में स्वयं काम करना और करवाना अधिक अपेक्षित है वह भी
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− | बैठकर हो सकता है । परंतु शिक्षक के खड़े रहने में हमें आपत्ति दूसरा विचार करना चाहिए अध्यापक और छात्र के
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− | नहीं होने के कारण से हम शिक्षक खड़े हो इसमें कक्षा कक्ष... बैठने के अंतर का । हमने पूर्व में देखा कि अध्यापक का
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− | की सुविधा देखते हैं । बैठकर अध्ययन-अध्यापन करने का... स्थान छात्रों से ऊपर होना चाहिए, इसका एक उद्देश्य तो
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− | कार्य केवल भावात्मक नहीं है, वह वैज्ञानिक भी है । बैठने... अध्यापक के प्रति आदर दर्शाने का है परंतु दूसरा उद्देश्य यह
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− | की भी एक विशेष स्थिति होती है जो आवश्यक है । शरीर. है कि ऊपर बैठने से अध्यापक कक्षा में बैठे हुए सभी छात्रों
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− | का नीचे का हिस्सा बंद हो जाता है और उर्जा नीचे की ओर... को देख सकता है उन्हें सहायता कर सकता है उनके
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− | प्रवाहित नहीं होती । अध्ययन करते समय अधिक ऊर्जा की... मनोभावों का आकलन कर सकता है ।
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− | आवश्यकता होती है । सामने जो छात्र बैठे हैं उनकी बैठक व्यवस्था की रचना
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| fat अध्ययन के स्वरूप के अनुसार भिन्न भिन्न हो सकती 2 | | | fat अध्ययन के स्वरूप के अनुसार भिन्न भिन्न हो सकती 2 | |