6. व्यवस्थाओं के विषय में भी गुरुकुल के समान अलग ही पद्धति से विचार किया जा सकता है। उदाहरण के लिये एक एक शिक्षक के साथ दस-बीस-पचीस विद्यार्थी रहते हों, वे सब भिन्न भिन्न आयु के भी हों और पूरा चौबीस घण्टों का जीवन एक बड़े परिवार की तरह रहते हों ऐसी व्यवस्था बनाई जा सकती है । सारे काम शिक्षक, उनकी पत्नी, विद्यार्थी सब मिलकर करते हों, अध्ययन भी सब कामों में एक काम हो ऐसी व्यवस्था बनाई जा सकती है। | 6. व्यवस्थाओं के विषय में भी गुरुकुल के समान अलग ही पद्धति से विचार किया जा सकता है। उदाहरण के लिये एक एक शिक्षक के साथ दस-बीस-पचीस विद्यार्थी रहते हों, वे सब भिन्न भिन्न आयु के भी हों और पूरा चौबीस घण्टों का जीवन एक बड़े परिवार की तरह रहते हों ऐसी व्यवस्था बनाई जा सकती है । सारे काम शिक्षक, उनकी पत्नी, विद्यार्थी सब मिलकर करते हों, अध्ययन भी सब कामों में एक काम हो ऐसी व्यवस्था बनाई जा सकती है। |