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8. विद्यालय का शैक्षिक स्तर अच्छा रखना, विद्यालय की प्रतिष्ठा समाज में स्थापित होनी चाहिये, विद्यालय समाज में एक अच्छा विद्यालय माना जाना चाहिये यह भी विद्यार्थी और शिक्षकों की ही आकांक्षा होनी चाहिये । इस दष्टि से अच्छे से अध्यापन और अध्ययन का कार्य चलना चाहिये।  
 
8. विद्यालय का शैक्षिक स्तर अच्छा रखना, विद्यालय की प्रतिष्ठा समाज में स्थापित होनी चाहिये, विद्यालय समाज में एक अच्छा विद्यालय माना जाना चाहिये यह भी विद्यार्थी और शिक्षकों की ही आकांक्षा होनी चाहिये । इस दष्टि से अच्छे से अध्यापन और अध्ययन का कार्य चलना चाहिये।  
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9. अध्यापन कार्य में विद्यार्थियों का बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान होता है । कंठस्थीकरण का और अभ्यास का
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9. अध्यापन कार्य में विद्यार्थियों का बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान होता है । कंठस्थीकरण का और अभ्यास का कार्य विद्यार्थी स्वयं कर सकते हैं। एक अग्रणी विद्यार्थी इस कार्य में नेतृत्व कर सकता है । मेघावी विद्यार्थी नीचे की कक्षाओं को पढ़ाने का काम भी कर सकते हैं। केवल नीचली कक्षाओं को ही नहीं तो पढाई में कमजोर विद्यार्थियों को पढ़ाने का काम भी मेघावी विद्यार्थी कर सकते हैं। शिक्षकों की सेवा करना भी मेघावी विद्यार्थीयों का काम है । ग्रन्थालय से, प्रयोगशाला से आवश्यक सामग्री ले आना और वापस रखना, खेलों के लिये मैदानों का अंकन करना, संगीत, कला आदि की सामग्री सुरक्षित रखना आदि विद्यार्थियों के काम हैं।
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10. विद्यालय में अध्ययन पूर्ण होने के बाद भी विद्यार्थी का विद्यालय के साथ सम्बन्ध बना रहता है। मेघावी विद्यार्थियों को तो विद्यालय में शिक्षक बनकर
    
परन्तु हम सब जानते हैं कि हमें इनमें से एक भी
 
परन्तु हम सब जानते हैं कि हमें इनमें से एक भी
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