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| 4. ग्रन्थालय, प्रयोगशाला, कर्मशाला, रसोई, बगीचा आदि की देखभाल करना, वहाँ की व्यवस्था बनाये रखना भी एक बड़ा काम है। | | 4. ग्रन्थालय, प्रयोगशाला, कर्मशाला, रसोई, बगीचा आदि की देखभाल करना, वहाँ की व्यवस्था बनाये रखना भी एक बड़ा काम है। |
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− | 5. कार्यक्रमों का संचालन करना, पूर्व तैयारी करना, परिचय, प्रस्तावना, स्वागत आदि करना भी विद्यार्थी के लायक काम है। वृत तैयार करके अख़बारों में | + | 5. कार्यक्रमों का संचालन करना, पूर्व तैयारी करना, परिचय, प्रस्तावना, स्वागत आदि करना भी विद्यार्थी के लायक काम है। वृत तैयार करके अख़बारों में देना, कार्यक्रम के समय ध्वनिव्यवस्था का संचालन करना, दृश्य और श्राव्य मुद्रण करना, छाया चित्र लेना आदि भी उनका ही काम है । ये सारे तो शिक्षा का अंग हैं ही। |
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| + | 6. विद्यालय के काम से समाज को परिचित करवाने हेतु प्रचार और प्रसार करना, सामाजिक सार्वजनिक व्यवस्थाओं में सेवा करना, प्राकृतिक आपदाओं में सेवा करना, विद्यालय के अन्यान्य कामों के लिये निधिसंकलन करना, समाज प्रबोधन करना शिक्षक और विद्यार्थी मिलकर कर सकते हैं। |
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| + | 7. विद्यालय के कार्यकलापों का नियोजन और आयोजन करना, उसके क्रियान्वयन के परिणामों की समीक्षा करना भी साथ मिलकर हो सकता है । |
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| + | 8. विद्यालय का शैक्षिक स्तर अच्छा रखना, विद्यालय की प्रतिष्ठा समाज में स्थापित होनी चाहिये, विद्यालय समाज में एक अच्छा विद्यालय माना जाना चाहिये यह भी विद्यार्थी और शिक्षकों की ही आकांक्षा होनी चाहिये । इस दष्टि से अच्छे से अध्यापन और अध्ययन का कार्य चलना चाहिये। |
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| + | 9. अध्यापन कार्य में विद्यार्थियों का बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान होता है । कंठस्थीकरण का और अभ्यास का |
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| परन्तु हम सब जानते हैं कि हमें इनमें से एक भी | | परन्तु हम सब जानते हैं कि हमें इनमें से एक भी |