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− | १. चिन्मय मिशन | + | === १. चिन्मय मिशन === |
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| चिन्मय मिशन, एक वैश्विक आध्यात्मिक संस्था है जिसकी स्थापना स्वामी चिन्मयानंद ने की | | चिन्मय मिशन, एक वैश्विक आध्यात्मिक संस्था है जिसकी स्थापना स्वामी चिन्मयानंद ने की |
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− | पर्व ३ : शिक्षा के भारतीयकरण के प्रयास
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| इसके अंतर्गत, प्रशिक्षित शिक्षकों की देखरेख में ५ से १३ वर्ष की आयु के बच्चे चिन्मया मिशन केन्द्रों या घरों में सप्ताह में एक बार मिलते हैं । बाल विहार का उद्देश्य है बच्चों में निखार लाना, उन्हें विकसित करना, और मनोरंजन गतिविधियों के ज़रिये मूल्यों को उनके मन- मस्तिष्क में बिठाना । बाल विहार बच्चों के व्यक्तित्व को शारीरिक, भावात्मक, बौद्धिक और आध्यात्मिक सभी स्तरों पर,समग्र रूप से विकसित करता है । | | इसके अंतर्गत, प्रशिक्षित शिक्षकों की देखरेख में ५ से १३ वर्ष की आयु के बच्चे चिन्मया मिशन केन्द्रों या घरों में सप्ताह में एक बार मिलते हैं । बाल विहार का उद्देश्य है बच्चों में निखार लाना, उन्हें विकसित करना, और मनोरंजन गतिविधियों के ज़रिये मूल्यों को उनके मन- मस्तिष्क में बिठाना । बाल विहार बच्चों के व्यक्तित्व को शारीरिक, भावात्मक, बौद्धिक और आध्यात्मिक सभी स्तरों पर,समग्र रूप से विकसित करता है । |
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| (घ) सर्वव्यापी दृष्टिकोण : विश्व की समस्याओं और पर्यावरण के प्रति बच्चों को कृतज्ञ और संवेदनशील बनाना; चिन्मय विज़न प्रोग्राम (CVP)के मार्गदर्शन में चिन्मय मिशन निम्नलिखित स्कूल चला रहा है : | | (घ) सर्वव्यापी दृष्टिकोण : विश्व की समस्याओं और पर्यावरण के प्रति बच्चों को कृतज्ञ और संवेदनशील बनाना; चिन्मय विज़न प्रोग्राम (CVP)के मार्गदर्शन में चिन्मय मिशन निम्नलिखित स्कूल चला रहा है : |
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− | १. हरि हर स्कूल | + | ==== १. हरि हर स्कूल ==== |
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| गाँव के बच्चों के लिए ये निशुल्क चलाये जाने वाले स्कूल हैं । | | गाँव के बच्चों के लिए ये निशुल्क चलाये जाने वाले स्कूल हैं । |
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| ये स्कूल, अकादमिक (academic)पाठयक्रम के साथ जोड़ कर व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Education) भी प्रदान करते हैं । व्यावसायिक शिक्षा, बच्चों को बड़े होने पर, स्थानीय कच्चे माल का उपयोग कर अपना स्वयं का शिल्प-उद्योग प्रारंभ करने में सहायक होती है । | | ये स्कूल, अकादमिक (academic)पाठयक्रम के साथ जोड़ कर व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Education) भी प्रदान करते हैं । व्यावसायिक शिक्षा, बच्चों को बड़े होने पर, स्थानीय कच्चे माल का उपयोग कर अपना स्वयं का शिल्प-उद्योग प्रारंभ करने में सहायक होती है । |
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− | २. चिन्मय विद्यालय | + | ==== २. चिन्मय विद्यालय ==== |
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| भारत भर में आठ चिन्मय विद्यालय (रेग्युलर स्कूल) चलाये जा रहे हैं और त्रिनिदाद में एक स्कूल जो या तो ऑल इंडिया सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकंडरी एज्युकेशन (सी बी एस ई) से सम्बद्ध है या उनके स्थानीय स्टेट बोर्ड से सम्बद्ध है । वर्तमान में अस्सी हज़ार विद्यार्थी इन स्कूलों में अपना नाम लिखा रहे हैं । | | भारत भर में आठ चिन्मय विद्यालय (रेग्युलर स्कूल) चलाये जा रहे हैं और त्रिनिदाद में एक स्कूल जो या तो ऑल इंडिया सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ सेकंडरी एज्युकेशन (सी बी एस ई) से सम्बद्ध है या उनके स्थानीय स्टेट बोर्ड से सम्बद्ध है । वर्तमान में अस्सी हज़ार विद्यार्थी इन स्कूलों में अपना नाम लिखा रहे हैं । |
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| (चिन्मय मिशन...आगे शिक्षा संबंधी. विस्तृत जानकारी के. लिए... कृपया... वेबसाइट. देखें www.chinmayamission.org) | | (चिन्मय मिशन...आगे शिक्षा संबंधी. विस्तृत जानकारी के. लिए... कृपया... वेबसाइट. देखें www.chinmayamission.org) |
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− | २. इईशा फाउन्डेशन | + | ==== २. इईशा फाउन्डेशन ==== |
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| ईशा फाउंडेशन के ९ ग्रामीण स्कूल तमिल नाडु और आंध्र प्रदेश में चलते हैं जहाँ ७१५८ बच्चे पढ़ते हैं । ६१% छात्रों को पूर्ण छात्रवृति मिलती है और शेष छात्रों से रियायती शुल्क लिया जाता है । | | ईशा फाउंडेशन के ९ ग्रामीण स्कूल तमिल नाडु और आंध्र प्रदेश में चलते हैं जहाँ ७१५८ बच्चे पढ़ते हैं । ६१% छात्रों को पूर्ण छात्रवृति मिलती है और शेष छात्रों से रियायती शुल्क लिया जाता है । |