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| === अनर्थक अर्थ === | | === अनर्थक अर्थ === |
− | कामकेन्द्री जीवनव्यवस्था, अर्थपरायण जीवनर्चना, कार्य का आत्मघाती अर्थघटन, पश्चिम का विज्ञान विषयक अआवैज्ञानिक दृष्टिकोण, पश्चिम में तन्त्रज्ञान का कहर | + | कामकेन्द्री जीवनव्यवस्था अर्थपरायण जीवनर्चना, कार्य का आत्मघाती अर्थघटन, पश्चिम का विज्ञान विषयक अआवैज्ञानिक दृष्टिकोण, पश्चिम में तन्त्रज्ञान का कहर |
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| === आधुनिक विज्ञान एवं गुलामी का समान आधार === | | === आधुनिक विज्ञान एवं गुलामी का समान आधार === |
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| ==== समाजसेवा की हिन्दवी मीमांसा ==== | | ==== समाजसेवा की हिन्दवी मीमांसा ==== |
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| + | == पर्व ६ : सारांश == |
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| + | === 'एक सर्वसामान्य प्रश्नोत्तरी' === |
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| + | === विविध आलेख === |
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| + | ==== असुरो का संहार, ==== |
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| + | ==== जीवन के आधार है ==== |
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| + | ==== भारत की वैश्विकता ==== |
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| + | ==== पश्चिम से जन्मे ऐसे अनिष्ट जो आकर्षक लगते हैं ==== |
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| + | ==== इसाईयत को जानें, इसाईयत और हिंसा तथा असहिष्णुता ==== |
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| + | ==== इसाईयत और स्त्री ==== |
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| + | ==== विश्वकल्याण ==== |
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| + | ==== विश्व के लिये भारत के व्यावहारिक आदर्श ==== |
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| + | ==== यन्त्रविवेक ==== |
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| + | ==== मनुस्मृति और स्त्री, अन्य सुभाषित ==== |
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| + | ==== भारतीय और यूरोअमेरिकी जीवनदृष्टि के अन्तर के दस सूत्र, भारतीय, यूरो अमेरिकी ==== |
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| + | ==== दो दृष्टियों का अन्तर, युरोपीय दृष्टि, भारतीय दृष्टि ==== |
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| + | === समग्र शिक्षा योजना === |
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| + | ==== वर्तमान ढाँचे के गृहीत, शासन की मान्यता अनिवार्य है, शिक्षा की व्यवस्था संस्थागत है, शिक्षा का लक्ष्य अथर्जिन है, युरोपीय विचार वैश्विक और आधुनिक है, छात्र और अध्यापक का सम्बन्ध परोक्ष है ==== |
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| + | ==== राष्ट्रीय शिक्षा के प्रयास, राष्ट्रीय शिक्षा के प्रयासों की विफलता के कारण ==== |
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| + | ==== नये सिरे से विचार ==== |
| + | # शिक्षा व्यक्तिगत नहीं, राष्ट्रीय होती है |
| + | # साक्षरता और शिक्षितता में अन्तर है |
| + | # शिक्षा केवल संस्थागत नहीं होती |
| + | # शिक्षा केवल अथार्जिन के लिये नहीं होती |
| + | # शिक्षा केवल बुद्धिनिष्ठ नहीं | वह अन्ततोगत्वा आत्मनिष्ठ होती है |
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| + | ==== शिक्षा के मंत्र, तंत्र और यंत्र ==== |
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| + | ==== सर्वसमावेशक और व्यापक योजना की आवश्यकता ==== |
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| + | ==== दीर्घकालीन योजना की आवश्यकता ==== |
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| + | ==== विभिन्न शैक्षिक पहलुओं का एक साथ विचार ==== |
| + | # अध्ययन एवं अनुसन्धान |
| + | # पाठ्यक्रमनिर्माण |
| + | # साहित्यनिर्माण |
| + | # शिक्षा को पुनरव्यख्यायित करना |
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| + | ==== क्रियान्वयन की दिशा में प्रयास ==== |
| + | # संगठित और व्यापक प्रयास |
| + | # वैचारिक समानसूत्रता |
| + | # मुक्त संगठन |
| + | # सामान्य जन का सामान्य ज्ञान |
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| + | ==== चरणबद्ध योजना ==== |
| + | # प्रथम चरण नैमिषारण्य |
| + | # द्वितीय चरण लोकमतपरिष्कार |
| + | # तीसरा चरण परिवारशिक्षा |
| + | # चौथा चरण शिक्षकनिर्माण |
| + | # पाँचवाँ चरण विद्यालयों की स्थापना |
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| + | ==== धर्मतंत्र, समाजतंत्र और राज्यतंत्र का शिक्षा के साथ समायोजन ==== |
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| + | == सन्दर्भ ग्रन्थ सूची == |
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| ==References== | | ==References== |
| <references />भारतीय शिक्षा : वैश्विक संकटों का निवारण भारतीय शिक्षा (भारतीय शिक्षा ग्रन्थमाला ५), प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखन एवं संपादन: श्रीमती इंदुमती काटदरे | | <references />भारतीय शिक्षा : वैश्विक संकटों का निवारण भारतीय शिक्षा (भारतीय शिक्षा ग्रन्थमाला ५), प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखन एवं संपादन: श्रीमती इंदुमती काटदरे |
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