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नास्ति नारायणसमो न भूतो न भविष्यति॥ 1-1-28
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नास्ति नारायणसमो न भूतो न भविष्यति॥ 1-1-28
   
  एतेन सत्यवाक्येन सर्वार्थान्साधयाम्यहम्।
 
  एतेन सत्यवाक्येन सर्वार्थान्साधयाम्यहम्।
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आचख्युः कवयः केचित्सम्प्रत्याचक्षते परे॥ 1-1-29
 
आचख्युः कवयः केचित्सम्प्रत्याचक्षते परे॥ 1-1-29
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विस्तरैश्च समासैश्च धार्यते यद्द्विजातिभिः।
 
विस्तरैश्च समासैश्च धार्यते यद्द्विजातिभिः।
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अलंकृतं शुभैः शब्दैः समयैर्दिव्यमानुषैः॥ 1-1-31
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छन्दोवृत्तैश्च विविधैरन्वितं विदुषां प्रियम्।
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अलंकृतं शुभैः शब्दैः समयैर्दिव्यमानुषैः॥ 1-1-31
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छन्दोवृत्तैश्च विविधैरन्वितं विदुषां प्रियम्।
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@तपसा ब्रह्मचर्येण व्यस्य वेदं सनातनम्।
 
@तपसा ब्रह्मचर्येण व्यस्य वेदं सनातनम्।
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