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== शिक्षण व्यवस्था । ==
== शिक्षण व्यवस्था । ==
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ब्राह्मण कार्य (शिक्षण):
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# घर की व्यवस्था ऐसे की शास्त्र ग्रंथों का, देवा पूजा का, यज्ञ का नियमित सानिध्य हो ।
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# घर में हमेशा श्लोकों/मन्त्रों का पठन /श्रवण हो ।
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# शुद्ध मातृभाषा का प्रयोग (जिससे भविष्य में अनुवाद का कार्य भी हो सके ) ।
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# दान दिलवाना/देना हो ।
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# द्रव्य एवं समाज हित यज्ञ में सहभागी करवाना ।
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# अनुलोम/विलोम प्राणायाम का परिचय करवाना ।
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# ब्राह्मण के अनुकूल/अनुरूप चित्र बनाना/बनवाना ।
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# ब्राह्मण के अनुकूल/अनुरूप नाटक करवाना ।
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# ब्राह्मण के अनुकूल/अनुरूप खेल खिलवाना ।
== रक्षण व्यवस्था । ==
== रक्षण व्यवस्था । ==
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क्षत्रिय कार्य (रक्षण):
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# घर की व्यवस्था ऐसे की शस्त्रों का, राजर्षियों के चित्रों का नियमित सानिध्य रहे ।
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# घर में हमेशा राजा सम्बंधित गीतों/नारों का पठन /श्रवण हो ।
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# भय से मुक्ति के लिए चुनौतियों (challenging परिस्थितिओं ) का सामना/exposure ।
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# विद्वानों एवं दुर्बल सज्जनों को दान देने का वातावरण हो ।
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# शारीरिक बल के लिए खेल/व्यायाम ।
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# शत्रुओं की भाषा सीखना ।
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# क्षत्रिय के अनुकूल/अनुरूप चित्र बनाना/बनवाना ।
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# क्षत्रिय के अनुकूल/अनुरूप नाटक करवाना ।
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# क्षत्रिय के अनुकूल/अनुरूप खेल खेलना ।
== पोषण व्यवस्था । ==
== पोषण व्यवस्था । ==
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वैश्य कार्य (पोषण):
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# घर की व्यवस्था ऐसे की नैसर्गिक उत्पादनों का, कृषि एवं धेनु, प्रकृति का संतुलन बिगाड़े बिना उत्पादित वस्तुओं का नियमित सानिध्य ।
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# घर में हमेशा अन्न उत्पादन सम्बंधित विषयों की चर्चा/कार्य ।
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# शुद्धजैविक खेती का प्रयोग ।
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# दान देना ।
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# घर के सभी सदस्यों का व्यवसाय में कुछ न कुछ महत्त्वपूर्ण योगदान हो |
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# विदेशी वस्तुओं, स्वदेशी raw material (कच्चे माल ) एवं by products (waste) का परिचय हो जिससे उन्हें उत्पादन कार्य से दूर रख सकें ।
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# स्वयं एवं अन्यों के घर में गव्य पदार्थों का उपयोग ।
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# यज्ञ कार्यों को आश्रय देना ।
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# कलाकार, आचार्य, शिक्षक, पहलवान/रक्षक, वैद्य, आदि के पोषण ।
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# वैश्य के अनुकूल/अनुरूप चित्र बनाना/बनवाना ।
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# वैश्य के अनुकूल/अनुरूप नाटक करवाना ।
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# वैश्य के अनुकूल/अनुरूप खेल खेलना ।
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# अन्यों को विशेष करके अन्न दान देना ।
== अपनी भूमिका । ==
== अपनी भूमिका । ==
# दूसरों के अधिकारों के लिए प्रयास एवं स्वयं के कर्तव्यों का पालन ।
# दूसरों के अधिकारों के लिए प्रयास एवं स्वयं के कर्तव्यों का पालन ।
## माता/पिता को वर्ण धर्म समझकर शिशु का निरीक्षण करना ।
## माता/पिता को वर्ण धर्म समझकर शिशु का निरीक्षण करना ।
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## संस्कृत भाषा में नियमित रूप से सम्भाषण होना
+
## संस्कृत भाषा में नियमित रूप से सम्भाषण होना ।
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## वर्णानुसार कथा (ब्राह्मण/वैश्य के लिए अधिक प्रयत्न आवश्यक )
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## वर्णानुसार कथा (ब्राह्मण/वैश्य के लिए अधिक प्रयत्न आवश्यक ) ।
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## वर्ण के अनुकूल/अनुरूप चित्र बनाना/बनवाना
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## वर्ण के अनुकूल/अनुरूप चित्र बनाना/बनवाना ।
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## वर्ण के अनुकूल/अनुरूप नाटक करवाना
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## वर्ण के अनुकूल/अनुरूप नाटक करवाना ।
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## वर्ण के अनुकूल/अनुरूप खेल
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## वर्ण के अनुकूल/अनुरूप खेल खेलना/खिलवाना ।
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## अपने से श्रेष्ठ संतति को जन्म देना
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## अपने से श्रेष्ठ संतति को जन्म देना ।
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## सामासिक धर्मों का ज्ञान एवं उन्हें संस्कारित करना जिससे उसके विरोध कार्य न करें
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## सामासिक धर्मों का ज्ञान एवं उन्हें संस्कारित करना जिससे उसके विरोध कार्य न करें ।
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# ब्राह्मण (शिक्षण):
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# बाल्य और शिशु-अवस्था मे (धर्मशास्त्र) भगवद्गीता का कंठस्थीकरण जैसे कथारूपी गीता ।
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## घर की व्यवस्था ऐसे की शास्त्र ग्रंथों का, देवा पूजा का, यज्ञ का नियमित सानिध्य
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# क्रमशः कुमारावस्था मे उचित साहित्य प्राप्त करके देना [व्यवहार शास्त्र के रूप में प्रतिष्ठित करना ] | युवावस्था मे उस अवस्था के लिए चयन किये गये भाष्य उपलब्ध कराना ।
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## घर में हमेशा श्लोकों/मन्त्रों का पठन /श्रवण
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## शुद्ध मातृभाषा का प्रयोग (जिससे भविष्य में अनुवाद का कार्य भी हो सके )
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## दान दिलवाना/देना
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## द्रव्य एवं समाजहित यज्ञ में सहभागी करवाना
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## अनुलोम/विलोम प्राणायाम का परिचय
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## ब्राह्मण के अनुकूल/अनुरूप चित्र बनाना/बनवाना
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## ब्राह्मण के अनुकूल/अनुरूप नाटक करवाना
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## ब्राह्मण के अनुकूल/अनुरूप खेल
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# क्षत्रिय (रक्षण):
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## घर की व्यवस्था ऐसे की शस्त्रों का, राजर्षियों के चित्रों का नियमित सानिध्य
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## घर में हमेशा राजा सम्बंधित गीतों/नारों का पठन /श्रवण
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## भय से मुक्ति के लिए चुनौतियों (challenging परिस्थितिओं ) का सामना/exposure
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## दान देने का वातावरण - विद्वानों एवं दुर्बल सज्जनों को
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## शारीरिक बल के लिए खेल/व्यायाम
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## शत्रुओं की भाषा सीखना
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## क्षत्रिय के अनुकूल/अनुरूप चित्र बनाना/बनवाना
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## क्षत्रिय के अनुकूल/अनुरूप नाटक करवाना
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## क्षत्रिय के अनुकूल/अनुरूप खेल
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# वैश्य (पोषण):
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## घर की व्यवस्था ऐसे की नैसर्गिक उत्पादनों का, कृषि एवं धेनु, प्रकृति का संतुलन बिगाड़े बिना उत्पादित वस्तुओं का नियमित सानिध्य
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## घर में हमेशा अन्न उत्पादन सम्बंधित विषयों की चर्चा/कार्य
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## शुद्धजैविक खेती का प्रयोग
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## दान देना
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## घर के सभी सदस्यों का व्यवसाय में कुछ न कुछ महत्त्वपूर्ण योगदान हो |
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## विदेशी वस्तुओं, स्वदेशी raw material (कच्चे माल ) एवं by products (waste) का पिरचय - जिससे उन्हें उत्पादन कार्य से दूर रख सकें
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## स्वयं एवं अन्यों के घर में गव्य पदार्थों का उपयोग
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## यज्ञ कार्यों को आश्रय देना
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## कलाकार, आचार्य, शिक्षक, पहलवान/रक्षक, वैद्य, आदि के पोषण
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## वैश्य के अनुकूल/अनुरूप चित्र बनाना/बनवाना
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## वैश्य के अनुकूल/अनुरूप नाटक करवाना
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## वैश्य के अनुकूल/अनुरूप खेल
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## अन्यों को विशेष करके अन्न दान देना
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# (धर्मशास्त्र) भगवद्गीता - बाल्य / शिशु में कंठस्थीकरण कथारूपी गीता
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क्रमशः - कुमारावस्था उचित साहित्य प्राप्त करके देना [व्यवहार शास्त्र के रूप में प्रतिष्ठित करना ] | समझना - युवावस्था चयन किये गये भाष्य उपलब्ध कराना
==परिचयः ॥ Introduction==
==परिचयः ॥ Introduction==