मन की शिक्षा, शिक्षा का प्रमुख और प्राथमिक अंग है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था ' मुझे यदि फिर से शिक्षा का अवसर मिले और क्या सीखना चाहिये यह निर्णय भी मेरे हाथ में हो तो मैं सर्वप्रथम अपने मन को नियंत्रित करने की शिक्षा प्राप्त करूंगा । बाद में तय करूंगा की अन्य कौन सी जानकारी मुझे चाहिये। और मन की शिक्षा के लिये योग ही एकमात्र मार्ग है। | मन की शिक्षा, शिक्षा का प्रमुख और प्राथमिक अंग है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था ' मुझे यदि फिर से शिक्षा का अवसर मिले और क्या सीखना चाहिये यह निर्णय भी मेरे हाथ में हो तो मैं सर्वप्रथम अपने मन को नियंत्रित करने की शिक्षा प्राप्त करूंगा । बाद में तय करूंगा की अन्य कौन सी जानकारी मुझे चाहिये। और मन की शिक्षा के लिये योग ही एकमात्र मार्ग है। |