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२.२ शासन के सहयोग से भारतीय व्यवस्थाओं के स्थानिक स्तर के कुछ प्रयोग करने होंगे| प्रयोगों के लिए अनुकूल स्थान का चयन करना होगा| इन प्रयोगों के द्वारा शास्त्रों की प्रस्तुतियों की उचितता और श्रेष्ठता को जांचना होगा| आवश्यकतानुसार शास्त्रों की प्रस्तुतियों में सुधार करने होंगे| स्थानिक स्तरपर सफलता मिलने के बाद जनपद या प्रांत के स्तरपर प्रयोग करने होंगे| अनुकूल प्रांत में शासन की सहमति और सहयोग से ये प्रयोग किये जाएंगे| आगे अन्य अनुकूल प्रान्तों में और सबसे अंत में समूचे राष्ट्र में इस परिवर्तन की प्रक्रिया को चलाना होगा|
२.२ शासन के सहयोग से भारतीय व्यवस्थाओं के स्थानिक स्तर के कुछ प्रयोग करने होंगे| प्रयोगों के लिए अनुकूल स्थान का चयन करना होगा| इन प्रयोगों के द्वारा शास्त्रों की प्रस्तुतियों की उचितता और श्रेष्ठता को जांचना होगा| आवश्यकतानुसार शास्त्रों की प्रस्तुतियों में सुधार करने होंगे| स्थानिक स्तरपर सफलता मिलने के बाद जनपद या प्रांत के स्तरपर प्रयोग करने होंगे| अनुकूल प्रांत में शासन की सहमति और सहयोग से ये प्रयोग किये जाएंगे| आगे अन्य अनुकूल प्रान्तों में और सबसे अंत में समूचे राष्ट्र में इस परिवर्तन की प्रक्रिया को चलाना होगा|
२.३ परिवर्तन की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत भी इन व्यवस्थाओं के निरंतर अध्ययन और परिष्कार की स्थाई व्यवथा बनानी होगी|
२.३ परिवर्तन की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत भी इन व्यवस्थाओं के निरंतर अध्ययन और परिष्कार की स्थाई व्यवथा बनानी होगी|
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अन्य स्रोत:
[[Category:Bhartiya Jeevan Pratiman (भारतीय जीवन (प्रतिमान)]]
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