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सुधार जारि
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गच्क्षता  तिष्ठता वापि  स्वपता जग्रताथवा | काशीत्येष महामन्त्रो येन जप्तः स निर्गम ||
 
गच्क्षता  तिष्ठता वापि  स्वपता जग्रताथवा | काशीत्येष महामन्त्रो येन जप्तः स निर्गम ||
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जो प्राणी चलते , स्थिर रहते , सोते और जागते हुवे हर समय  ' ' काशी ' इस दो अक्षरों के महामंत्र को जपते रहते है , वे इस कराल संसार मे निर्भय रहते है (अर्थात इस भयानक संसार से मुक्त हो जाते है) ।<blockquote>         योजनानां शतस्थोपी विमुक्तम संस्मरेद्यदि | बहुपातक  पुर्णोःपि पदं  गच्छत्यनामयम  ||</blockquote>काशी विश्वनाथ से एक सौ योजन (1200 किलोमीटर दूर) पर स्थित रहने पर भी जो काशी नगरी का स्मरण करता है । वह पापी होते हुवे भी सभी पापो से मुक्त हो जाता है ।
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जो प्राणी चलते , स्थिर रहते , सोते और जागते हुवे हर समय  ' ' काशी ' इस दो अक्षरों के महामंत्र को जपते रहते है , वे इस कराल संसार मे निर्भय रहते है (अर्थात इस भयानक संसार से मुक्त हो जाते है) ।<blockquote>         योजनानां शतस्थोपी विमुक्तम संस्मरेद्यदि | बहुपातक  पुर्णोःपि पदं  गच्छत्यनामयम  ||</blockquote>काशी विश्वनाथ से एक सौ योजन (1200 किलोमीटर दूर) पर स्थित रहने पर भी जो काशी नगरी का स्मरण करता है । वह पापी होते हुवे भी सभी पापो से मुक्त हो जाता है ।
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== केदार खण्ड ==
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== काशी खण्ड का परिचय तथा महत्व ==
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स्कन्द पुराण के ७ खण्डों में से काशीखण्ड चौथा और महत्वपूर्ण खण्ड है । यह १०० अध्यायों में विभक्त है। सातों मोक्षपुरियों में प्रधान होने के कारण काशी को जिस प्रकार मध्य में रखा जाता है उसी प्रकार काशीखण्ड को भी ७ खण्डों में से चौथे स्थान पर रखा गया है।
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काशीखण्ड मात्र शैवों का ग्रन्थ नहीं हैं वरन् इसमें पाञ्चभौतिक शरीर को शुद्ध कर देने वाली पाञ्चदैविक आराधना का स्पष्ट उल्लेख है। यह श्लेष एवं परिसंख्या में बाण की शैली के समान है।यथा - <blockquote>यत्र क्षपणका इव दृश्यन्ते मूलधारिणः। विभ्रमो यत्र नारीषु न विद्वत्सु च कर्हिचित्॥ </blockquote>अनेक महाकवियों नें इसके श्लोकों को अपने काव्यों में केवल छन्द परिवर्तन करके रख दिया है।
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परिचय
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स्कन्दमहापुराण इसके रचनाकार कृष्णद्वैपायन व्यास जी हैं । इसका अध्ययन करने से बारहवीं शताब्दी की काशी का दृश्य उपस्थित होता है । यह सांस्कृतिक दृष्टि से
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=== काशी खण्ड के प्रतिपाद्य विषय ===
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==== काशी खण्डोक्त देवालय विभजना ====
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====== विश्वेश्वर खण्ड ======
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भगवान विश्वेश्वर की अन्तर्गृह यात्रा का विवरण -
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भगवतः विश्वेश्वरस्यान्तर्गृहयात्राया विवरणम्
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1. मणिकर्णीश्वरः ( मणिकर्णिका घट्टे सी०के० 8/12 )
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2. कम्बलेश्वरः ( तत्रैव 8/14 )
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3. अश्वतरेश्वरः ( तत्रैव )
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4. वासुकीश्वरः ( संकठा देव्या पार्श्वे सी०के० 7/155 )
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5. पर्वतेश्वरः ( तत्रैव सी०के० 7/50 )
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6. गंगाकेशव: ( ललिताघट्टे डी० 2/67 )
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7. ललिता देवी ( तत्रैव )
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8. जरासन्धेश्वर: ( मीरघट्टे डी० 3/79 )
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9. सोमेश्वर: ( मानमन्दिरघट्टे डी० 16/34 )
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10. वाराहेश्वर: ( दशाश्वमेध घट्टे डी० 17/111 )
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11. ब्रह्मेश्वर: ( डी० 33/66-67 )
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12. अगस्तीश्वरः ( अगस्त्यकुण्डापार्श्वे डी० 36/11 )
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13. कश्यपेश्वर: ( जंगमबाड़ीमठे डी० 35/77 )
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14. हरिकेशेश्वरः ( तत्रैव डी० 35/273 )
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15. वैद्यनाथ: ( डी० 50/20 )
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16. ध्रुवेश्वरः ( मिसिरपोखरापार्श्वे )
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17. गोकर्णेश्वर: ( डी० 50/34 ए )
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18. घटकेश्वर: ( पुरानीगुड़ीस्थाने )
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19. कीकसेश्वर: ( सी०के 48/45)
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20. भारभूतेश्वरः ( राजादरवाजाक्षेत्रे सी०के० 54/44 )
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21. चित्रगुप्तेश्वरः ( महरहट्टा क्षेत्रे सी०के० 57/77 )
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22. चित्रघण्टा देवी ( सी०के० 23/34 )
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23. पशुपतीश्वरः ( सी०के० 13/66 )
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24. पितामहेश्वरः ( सी०के० 7/92 )
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25. कलेशेश्वरः ( ब्रहमपुरी क्षेत्र सी०के० 7/106 )
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26. चन्द्रेश्वरः  ( सी०के० 7/124 )
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27. आत्मावीरेश्वर ( संकटाघट्टे सी-के- 7/158 )
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28. विद्येश्वरः ( ब्रहमपुरीक्षेत्र सी के  2/41 )
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29. अग्नीश्वर: ( अग्नीश्वरघट्टे सी०के० 2/3 )
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30. नागेश्वरः ( भोसलामन्दिरपार्श्वे सी०के० 1/२१ )
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31. हरिश्चन्द्रेश्वर: ( संकटाघट्टे सी०के० 7/166 )
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32. चिन्तामणिविनायकः ( तत्रैव सी०के० 7/161 )
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33. सेनाविनायकः ( तत्रैव पार्श्वे )
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34. वशिष्ठ: ( तत्रैव सी०के० 7/161 )
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35. वामदेवः ( तत्रैव )
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36. सीमाविनायकः ( तत्रैव )
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37. करुणेश्वर: ( ललिताघट्टस्योपरि सी०के० 34/10 )
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38. त्रिसन्ध्येश्वर: ( तत्रैव डी० 1/40 )
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39. विशालाक्षी देवी( मीरघट्टे डी० 3/85 )
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40. धर्मवर: ( धर्मकूपे डी० 2/21 )
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41. विश्वभुजादेवी ( तत्रैव डी० 2/13 )
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42. आशाविनायकः ( मीरघट्टे डी० 3/79 )
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43. वृ.द्धादित्यः ( मीरघट्टे डी० 3/16 )
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44. चतुर्वक्त्रेश्वरः ( सकरकन्दगलीक्षेत्रे डी० 7/19 )
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45. ब्राह्मीश्वरः ( तत्रैव डी० 7/6 )
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46. मनः प्रकामेश्वरः ( साक्षीविनायकस्यापाश्र्वें डी० 10/50 )
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47 ईशानेश्वरः ( सी०के० 37/69 )
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48. चण्डी - चण्डीश्वर ( कालिकागली क्षेत्रे डी 8/27 )
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49. भवानी शंकर ( अन्नपूणामन्दिरस्यपार्श्वे )
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50. ढुण्डिराजः ( प्रसिद्धोऽयम )
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51. राजराजेश्वर: ( सी०के० 35/33 )
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52. लांगलीश्वर: ( खोवाबाजारक्षेत्रे सी०के० 28/4 )
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53. नकुलीश्वरः ( अक्षयवटे सी०के० 35/20 )
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54. परान्नेश्वर: (दण्डपाणिसमक्षे सी०के० 35/34 )
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55. परद्रव्येश्वर: ( दण्डपाणिसमक्षे सी०के० 35/34 )
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56. प्रतिग्रहेश्वर: ( दण्डपाणिसमक्षे सी०के० 35/34 )
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57. निष्कलकेश्वर: ( दण्डपाणिसमक्षे सी०के० 35/34 )
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58. मार्कण्डेयेश्वर: ( सी०के० 16/10. )
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59. अप्सरेश्वर: ( विश्वनाथमन्दिर परिसरे )
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60. गंगेश्वर: ( अधुना लुप्तः )
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61. महाकालेश्वर: ( अधुनालुप्तः श्रीनाथ मन्दिरस्य पार्श्वे नूतनोऽयम )
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62. दण्डपाणि: ( सी०के० 36/10 )
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63. महेश्वर: ( ज्ञानवापीक्षेत्रे )
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64. मोक्षेश्वर ( तत्रैव इदानीं लुप्त )
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65. वीरभद्रेश्वर: ( ज्ञानवापी समीपे लुप्त )
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66. अविमुक्तेश्वर: ( विश्वनाथ मन्दिरक्षेत्रे )
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67. पञ्चविनायक ( सी०के० 31/12. 31/16. 34/60, 35/8, 37/1 )
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68. विश्वेश्वरः ( प्रसिद्धोऽयं ज्योतिर्लिगः )
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====== केदार खण्ड ======
 
भगवान गौरीकेदारेश्वर जी के अन्तर्गृह यात्रा का विधान-
 
भगवान गौरीकेदारेश्वर जी के अन्तर्गृह यात्रा का विधान-
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6. स्कन्द: (केदारेश्वरस्य मन्दिरे)
 
6. स्कन्द: (केदारेश्वरस्य मन्दिरे)
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17.अन्नपूर्णा (केदारेश्वरस्य मन्दिरे)
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7.अन्नपूर्णा (केदारेश्वरस्य मन्दिरे)
    
8.पार्वती (केदारेश्वरस्य मन्दिरे)
 
8.पार्वती (केदारेश्वरस्य मन्दिरे)
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9. दक्षिणामूर्तिः (केदारेश्वरस्य मन्दिरे)
 
9. दक्षिणामूर्तिः (केदारेश्वरस्य मन्दिरे)
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10.चण्डगण. (केदारेश्वरस्य मन्दिरे)
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10.चण्डगणः (केदारेश्वरस्य मन्दिरे)
    
11. इन्द्रद्युम्नेश्वर. (केदारेश्वर मन्दिरे)
 
11. इन्द्रद्युम्नेश्वर. (केदारेश्वर मन्दिरे)
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17 हरम्यापतीर्थः (तत्रैव)
 
17 हरम्यापतीर्थः (तत्रैव)
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18. किरातेश्वरः लाली घट्टे
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हरम्पापेश्वरः (तत्रैव)
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18. किरातेश्वरः (लाली घट्टे)
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19. लम्बोदरविनायक: (चिन्तामणिविनायकनाम्ना प्रसिद्धः)
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20. शत्रुघ्नेश्वरः (हनुमान घट्टे)
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21. भरतेश्वर: (हनुमान घट्टे)
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22. लक्ष्मणेश्वर: (हनुमान घट्टे)
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23. रामेश्वर: (हनुमान घट्टे)
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24. सीतेश्वर: (हनुमान घट्टे)
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25. हनुमदीश्वरः (हनुमान घट्टे)
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26. रुरुभैरव: (हनुमान घट्टे)
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27. स्वप्नेश्वर: (बादशाहगजं क्षेत्रे)
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28. स्वप्नेश्वरी (तत्रैव)
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29. अक्रूरेश्वर: {अक्रूरघट्टे (भदैनी)}
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30. चामुण्डादेवी (अक्रूविनायक मन्दिरे)
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31. चर्ममुण्डादेवी (तत्रैव लुप्तः)
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32. महारुण्डादेवी (तत्रैव लुप्त.)
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33. अर्कविनायक (लोलार्कस्य समीपे)
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35. पराशरेश्वर: (बी० 2/21)
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36. उद्दालकेश्वरः (तत्रैव)
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37. अमरेश्वर: (बी० 2/20)
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38. कुण्डोदरेश्वर: (अस्सी घट्टे लुप्तः)
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39. लोलार्ककुण्ड: (प्रसिद्धोऽयं तीर्थः)
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40. लोलार्कादित्यः (लोलार्ककुण्डे)
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41. शुष्केश्वर: (दुर्गाकुण्डे)
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42. जनकेश्वर: (सुकुलपुरे)
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43. असीसंगम: (अस्सी घट्टे.)
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44. असीसंगमेश्वर:( बी० 1/177 तत्रैव)
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45. सिद्धेश्वर: (बी० 2/282)
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46. सिद्धेश्वरी देवी (तत्रैव)
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47. स्थाणुः (कुरुक्षेत्रतडागे बी० 2/247)
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48.कुरुक्षेत्रतीर्थः (दुर्गाकुण्डस्य समीपे)
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49. दुर्गाकुण्डतीर्थः (प्रसिद्धः)
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50. दुर्गविनायक (तत्रैव)
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51. दुर्गादेवी (तत्रैव)
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52 कालरात्री (तत्रैव)
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53. चण्डभैरव (तत्रैव)
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54. द्वारेश्वर (तत्रैव)
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55. शूर्पकर्णेश्वर (तत्रैव)
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56. कुक्कुटेश्वरः (तत्रैव)
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57. जांगलीश्वरः (तत्रैव)
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58. तिलपर्णेश्वरः (तत्रैव)
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59. मुकुटेश्वर (मुकुटकुण्ड नवाबगंजक्षेत्रे)
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60. बराकादेवी (नबावगंज मुकुरकुण्डे)
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61. शखोद्वारतीर्थः (शंखूधाराकुण्डे)
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62. द्वारिकानाथः (तत्रैव)
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63. दवारकेश्वर (तत्रैव)
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64. शंकुकर्णेश्वर (तत्रैव बी० 22/120)
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65. वैद्यनाथ: (प्रसिद्ध)
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66. कहोलेश्वर (वैजनत्थासमीपे)
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67. कामाक्षादेवी (प्रसिद्धाः)
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68  क्रोधनभैरवः (प्रसिद्धा:)
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69  बटुक भैरव (प्रसिद्धाः)
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70. घृष्णेश्वर ( प्रसिद्ध)
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71  ब्रह्मपदेश्वरः( प्रसिद्ध )
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72. लवेश्वर:( रामकुण्डस्य समीपे डी० 53/4)
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73. कुशेश्वरः( तत्रैव )
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74. रामकुण्डे ( प्रसिद्धोऽयं )
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75. रामेश्वरः ( तत्रैव डी० 54/11)
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76. करवीरेश्वर: ( डी० 52/4)
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77. महालक्ष्मीश्वरः ( नृसिंहबाबू  गृह)
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78. लक्ष्मीकुण्ड ( तीर्थ प्रसिद्धः )
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79. कूणिताक्षविनायक: ( डी० 52/3)
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80. महालक्ष्मी ( डी० 52/40)
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81. महाकाली (तत्रैव)
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82. महासरस्वती (तत्रैव)
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83. शिखिचण्डी ( तत्रैव)
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84. उगेश्वः ( तत्रैव 52/40)
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85. रूद्रसरोवरतीरः ( गङ्गायां दशाश्वमेधघट्टे )
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86. शूलंटकेश्वर ( प्रसिद्धमिदं )
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87. दशाश्वमेधतीरः ( दशाश्वमेधघट्टे)
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88 बन्दी देवी ( डी 17/10)
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89. दशाश्वमधेश्वर: (शीतलाया: मन्दिरे )
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90. गोत्ध्रेधेश्वर: (तत्र समीपे )
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91. मानधात्रीश्वर: (सी०के० 34/14 )
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92. चौसट्ठी देवी (चौसट्ठी घट्टे )
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93. वक्रतुण्डविनायकः (डी० 20/14)
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94. पातालेश्वरः ( डी० 32/1)
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95. सिद्धेश्वरः (तत्र समीपे)
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96. नैऋतेश्वर (पुष्पदन्तेश्वरस्य समीपे)
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97. हरिश्चन्द्रेश्वरः (तत्रैव)
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98. अंगिरसेश्वर: (जंगमबाड़ीमठे)
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99. पुष्पदन्तेश्वर: (डी० 32/102)
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100. एकदन्तविनायकः (तत्रैव)
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101. गरडः (डी० 31/30 देवनाथ पुराक्षेत्रे )
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102. गरुडेश्वरः (डी० 31/30 ए देवनाथ पुराक्षेत्रे )
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103. सर्वेश्वरः (बबुआ पाण्डेय घट्टे )
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104. सोमेश्वरः (तत्र समीपे )
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105. नारदेश्वरः ( नारदघट्टे डी० 25/12)
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106. भ्राभातेश्वरः ( भ्राभाटकेश्वरनामेन प्रसिद्धोऽयं )
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107. अत्रीश्वर: ( डी० 25/11 नारदघट्टे )
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108. अनसूया देवी  (डी० 25/11 नारदघट्टे )
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109 . अनसूयेश्वर: (डी० 25/11 नारदघट्टे )
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110. मानसरोवरतीर्थः (इदानीं लुप्तः )
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111. मानसरोवरेश्वर: (बी० 14/21 )
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112. सुराभाण्डेश्वर: ( तिलभाडेश्वर नाम्ना प्रसिद्धमिदं )
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113. विभाण्डेश्वरः (तत्रैव)
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114. कहोलेश्वरः (तत्रैव)
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115. नर्मदेश्वरः (तत्रैव)
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116. सुरेश्वरः ( तत्रैव )
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117. पद्मसुरेश्वर (तत्रैव )
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118. क्षेमेश्वरः ( क्षमेश्वर घट्टे बी० 14/12)
 +
 
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119. चित्रांगदेश्वरः ( कुमारस्वामीमठे बी० 14/18 )
 +
 
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120. चित्रांगदेश्वरी ( तत्रैव )
 +
 
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121. रुक्मांगदेश्वर ( चौकी घट्टे )
   −
19. लम्बोदरविनायक: चिन्तामणिविनायकनाम्ना
+
122. अम्बरीषेश्वर ( केदारमन्दिरे )
   −
20. शत्रुघ्नेश्वरः हनुमान घट्टे
+
123. तारकेश्वर ( केदारघट्टे )
   −
21. भरतेश्वर: हनुमान घट्टे
+
124. आदिमणिकर्णिका ( केदारघट्टे )
   −
22. लक्ष्मणेश्वर: हनुमान घट्टे
+
125 केदारेश्वरः ( प्रसिद्धः )
   −
23. रामेश्वर: हनुमान घट्टे
+
====== ओंकार खण्ड ======
   −
24. सीतेश्वर: हनुमान घट्टे
+
ओंकार खण्ड अन्तर्गत अन्तर्गृह यात्रा का विवरण -
   −
25. हनुमदीश्वरः हनुमान घट्टे
+
1.शूलेश्वरः - ओंकारस्य अकारमन्दिरस्य दक्षिणस्य वृक्षस्य अध नादेश्वर: -तत्रैव पृष्ठभागे
   −
26. रुरुमैरव: हनुमान घट्टे
+
2.बिन्दूवीरेश्वर: - नादेश्वरस्य समीपे
   −
27. स्वप्नेश्वर: बादशाहगजं क्षेत्रे
+
3.ओंकारेश्वरः (अकाररूपात्मन्)- तत्रैव
   −
28. स्वप्नेश्वरी तत्रैव
+
4.ओंकारेश्वरः (उकाररूपात्मन्) - ओंकारय दक्षिण भागे
   −
29. अक्रूरेश्वर: अक्रूरघट्टे (भदैनी)
+
5.ओंकारेश्वरः (मकाररूपात्मन्) - प्रसिद्धोऽयम्
   −
30. चामुण्डादेवी अक्रूविनायक मन्दिरे
+
6.तारतीर्थ: (कपालमोचन तीर्थः) - ओकास्यपश्चिमभागे (इदानीं शुष्कः)
   −
31. चर्ममुण्डादेवी तत्रैव लुप्तः
+
7.शुभोदककूप: - तत्रैव पार्श्वे
   −
| 32. महारुण्डादेवी तत्रैव लुप्त.
+
8.श्रीमुखीगुहा लुप्तः
   −
33.
+
9.गर्गेश्वरः - लुप्त
   −
अर्कविनायक लोलार्कस्य समीपे
+
10.दमनकेश्वर:- प्रसिद्ध: मकारमन्दिरस्य समक्षे
   −
34. अर्कविनायक लोलार्कस्यसमीपे
+
11.प्रहलदकेशव- प्रहलादघट्टे ए० 10/80
   −
35. पराशरेश्वर: बी० 2/21
+
12.प्रहलादेश्वरः - तत्रैव
   −
36. उद्दालकेश्वरः तत्रैव
+
13.वीरेश्वर - प्रहलाददेश्वरस्य उत्तरस्य
   −
37. अमरेश्वर: बी० 2/20
+
14.पिलिप्पिलतीर्थ.. त्रिलोचनघट्टे गङ्गायां तहे
   −
38. कुण्डोदरेश्वर: अस्सी घट्टे लुप्तः
+
15.त्रिलोचनेश्वर:- त्रिलोचनघट्टोपरि ए० 2/80
   −
39. सोलर्ककुण्ड: प्रसिद्धोऽयं तीर्थः
+
16.अरुणादित्य, त्रिलोचनमन्दिर 
   −
40. लोलार्कादिव्यः लोलार्ककुण्डे
+
17.बाल्मीकीश्वरः - त्रिलोचनमन्दिरे
   −
41. शुष्केश्वर: दुर्गाकुण्डे
+
18.महादेव: - त्रिलोचनस्य पृष्ठे आदिमहादेव नामेन प्रसिद्धः
   −
42. जनकेश्वर: सुकुलपुरे
+
19.नरनारायणकेशव: - मध्हया घट्टोपरि० वदरीनारायण नाम्ना प्रसिद्धः
   −
43. असीसगम: अस्सी घट्टे.
+
20.उद्दालकेश्वर: राजमन्दिरसमीप के० 20/159
   −
44. असीसंगमेश्वर: बी० 1/177 तत्रैव
+
21.कपिलेश्वरगुहा - के० 29/12
   −
45. सिद्धेश्वर: बी० 2/282
+
22.बिन्दुमाधव - पञ्चगङ्गाघट्टोपरि के० 22/33
   −
46. सिद्धेश्वरी देवी तत्रैव
+
23.धूतपापेश्वरः - पञ्चगङ्गा घट्टे
   −
47. स्थाणु, कुरुक्षेत्रतडागे बी० 2/247.
+
24.किरणेश्वर:- लुप्त.
   −
48.
+
25.हनूमदीश्वर:- रामघट्टे कालविनायकस्य समक्षे
   −
शतय. दुर्गाकुडय समप
+
26.मध्यमेश्वर: - के० 53/63
   −
49. दुर्गाकुण्डतीर्थ प्रसिद्ध,
+
27.मृत्थ्वीश्वर- दारानगरे इदानी मृत्युञ्जय के 52/39)
   −
50. दुर्गविनायक तत्रैव
+
28.मातलीश्वर: - वृद्धकालमन्दिरे के 52/39
   −
51. दुर्गादेवी तथैव
+
29.वृद्धकालेश्वर तत्रैव
   −
52 कालरात्री लव
+
30.महाकालेश्वर तत्रैव
   −
53. चण्डभैरव तत्रैव
+
31.दक्षेश्वर तत्रैव
   −
54. द्वारेश्वर तत्रैव
+
32.बलीश्वर (बन्दीश्वर.)- तत्रैव
   −
55. शूर्पकर्णेश्वर तत्रैव
+
33.बलीश्वरकुण्ड - लुप्तः
   −
56. कुक्कुटेश्वरः तत्रैव
+
34.महाकालकुण्ड दुहड़ी गड़ही
   −
57. जांगलीश्वरः तत्रैव
+
35.जयन्तेश्वर:- वृद्धकालमन्दिरे के 52/39
   −
58. तिलपर्णेश्वरः तत्रैव
+
36.अन्तकेश्वर:- तत्रैव
   −
59. मुकुटेश्वर मुकुटकुण्ड नवाबगंजक्षेत्रे
+
37.हस्तिपालेश्वरः - तत्रैव
   −
60. बराकादेवी नबावगंज मुकुरकुण्डे
+
38.ऐरावतेश्वरः तत्रैव
   −
61. शखोद्वारतीर्थः शंखूधाराकुण्डे
+
39.ऐरावतकुण्डः - लुप्तः
   −
62. द्वारिकानाथः तत्रैव
+
40.विष्वक्सेनेश्वरः - वृद्धकालमन्दिरे
   −
63. दवारकेश्वर तत्रैव
+
41.कृत्तिवासेश्वर: आलमगीरीमस्जिदे (स्थानमात्र पूजनम्) -
   −
64. शंकुकर्णेश्वर, तत्रैव बी० 22/120
+
42.कृत्तिवासेश्वरः रत्नेश्वरस्यपाखें के 46/23 w
   −
65. वैदयनाथ: प्रसिद्ध
+
43.हंसतीर्थ. हरतीर्थस्य तडागः
   −
66. कलेश्वर वैजनन्यासमीपे
+
44.रत्नेश्वर वृद्धकालस्य मार्ग के 53/40
   −
67. कामासादेवी प्रसिद्धाः
+
45.दाक्षायिणीश्वरः तत्रसमीपे के० 46/32
   −
68 कोधनमरवः प्रसिद्धा:
+
46.अम्बिकेश्वर:- के 53/38
   −
69 बटुक भैरव प्रसिद्धा
+
47.ऋणहरेश्वरः तत्रैव
   −
70. पूष्णेश्वर प्रसिद्धा
+
48.कालकूप. - दण्डपाणिभैरवस्य मन्दिरे के० 31/49
   −
71. ब्रह्मपदेश्वरः प्रसिद्ध
+
49.कालेश्वर - तत्रैव
   −
72. लवेश्वर: रामकुण्डस्य समीपे डी० 53/48
+
50.कालराज (काल भैरव.)- प्रसिद्धोऽयम के 32/22
   −
73. कुशेश्वरः तत्रैव
+
51.जैगोषव्येश्वरः-सप्तसागर क्षेत्रे (पुनस्थापित)
   −
74. रामकुण्डे० प्रसिद्धोऽयं
+
52.व्याघेश्वर - तत्रैव के 63/16
   −
75. रामेश्वरः तत्रैव डी० 54/115
+
53.कन्दुकेश्वर - तत्रैव के० 63/29
   −
76. करवीरेश्वर: डी० 52/41
+
54.देवकेश्वर: - तत्रैव
   −
77. महालक्ष्मीश्वरः नृसिंहबाबूगृ है।
+
55.शतकालेश्वर: - तत्रैव
   −
78. लक्ष्मीकुण्ड तीर्थ प्रसिद्धः
+
56.हेतुकेश्वर: - तत्रैव
   −
79. कूणिताक्षविनायक: डी० 52/38
+
57.तक्षककुण्ड - लुप्तः
   −
80. महालक्ष्मी डी० 52/40.
+
58.तक्षकेश्वरः - औघड़नस्यतकिया क्षेत्रे (पुन: स्थापित)
   −
81. महाकाली तत्रैव
+
59.वासुकीश्वरः - तत्रैव
   −
82. महासरस्वती तत्रैव
+
60.वासुकिकुण्ड:- लुप्त.
   −
83. शिखिचण्डी तत्रैव
+
61.ईश्वरगंगा - ईश्वरगद्दी तदाग नाम्नि प्रसिद्धः
   −
84. उगेश्वर, तत्रैव 52/40)
+
62.जैमीषव्यगुहा- नरहरिपुराक्षेत्रे जे० 66/3
   −
85. रूद्रसरोवरतीर्थ, गङ्गायां दशाश्वमेधघट्टे
+
63.जैगीषव्येश्वर: - तत्रैव
   −
86. शूलटकेश्वर प्रसिद्धमिदं
+
64.अग्नीध्रेश्वर: - जागेश्वरस्येदानी जे० 66/3
   −
87. दशाश्वमेधतीर्थ, दशाश्वमेधघट्टे
+
65.कर्कोटकवापी- नागकुआँ जे० 23/206
   −
88 बन्दी देवी डी 17/100
+
66.कर्कोटकनाग - तत्रैव
   −
89. दशाश्वमेघेश्वर: शीतलाया: मन्दिरे
+
67.कर्कोटकेश्वर - तत्रैव
   −
90. गोत्याधेश्वर: तत्र समीपे
+
68.वागीश्वरीः -  जे. 6/33
   −
91. मानधात्रीश्वर: सी०के० 34/14
+
69.वागीश्वरीवापी - लुप्तः
   −
92. चौसट्ठी देवी चौसड़ी घट्टे
+
70.सिद्धवापी - तत्रैव लुप्तः इदानी कूपरूपेण जे० 6/84
   −
93. वक्रतुण्डविनायक. डी० 2014
+
71.सिद्धेश्वरः - तत्रैव
   −
94. पातालेश्वर: डी० 32/117
+
72.ज्वरहरेश्वरः (जराहरेश्वर?) तत्रैव
   −
95. सिद्धेश्वर: तत्र समीपे
+
73.आग्नातकेश्वर: (सोमेश्वर?) -तत्रैव
   −
96. नैऋतेश्वर पुष्पदन्तेश्वरस्य समीपे
+
74.सिद्धगण - तत्रैव लुप्तः
   −
97. हरिश्चन्द्रेश्वरः तत्रैव
+
75.शैलेश्वर - मढ़िया घट्टे वरणाया तटे
   −
98. अंगिरसेश्वर: जंगमबाड़ीमठे
+
76.शैलेश्वरी - मढिया घट्टे
   −
99. पुष्पदन्तेश्वर: डी० 32/102
+
77.वरणानदी - तत्रैव
   −
100. एकदन्तविनायकः तत्रैव
+
78.पापमोचनतीर्थ:- पठानी टोला पार्श्वे
   −
101. गरुड. डी० 31/30 ए देवनाथ पुराक्षेत्रे
+
79.पापमोचनेश्वर, तत्रैव
   −
102. गरुडेश्वर. डी० 31/30 ए देवनाथ पुराक्षेत्रे
+
80.ऋणमोचनतीर्थ: - लड्डूगइहा स्थानस्य पार्श्वे
   −
103. सर्वेश्वर. बबुआ पाण्डेय घट्टे
+
81.आंगारेश्वर -ऋणमोचन ग्वालगइहस्थानयोः मध्ये स्थाने
   −
104. सोमेश्वरः तत्र समीपे
+
82.धनदेश्वर: - पीलीकोठी गृहपार्श्वे नरहरिदासस्य मठे
   −
105. नारदेश्वर, नारदपट्टे डी० 25/12
+
83.हलीशेश्वरः- तत्रैव
   −
106. अवभातेश्वर, विभाटकेश्वरनामेन प्रसिद्धोऽयम्
+
84.धनदेश्वर तीर्थः- धनसरा ताल
   −
107. अत्रीश्वर: डी० 25/11 नारदघट्टे
+
85.विश्वकर्मेश्वर :- स्ट्रीथफील्ड पथे ए० 34/61
   −
108. अनसूया देवी डी० 25/11 नारदघट्टे 109. अनसूयेश्वर: डी० 25/11 नारदघट्टे
+
86.कपालमोचनतीर्थ (भैरवतीर्थ.)- लाट भैरवस्य तडागे
   −
110. मानसरोवरतीर्थः इदानीं लुप्तः
+
87.नव भैरवः- तत्रैव पार्श्वे
   −
111. मानसरोवरेश्वर: बी० 14/21
+
88.कपालेश्वरः- तत्रैव
   −
112. सुराभाण्डेश्वर: तिलभाडेश्वर नाम्ना प्रसिद्धमिदं
+
89.ऐतरणी - तत्रैवसमीपे
   −
113. विभाण्डेश्वरः तत्रैव
+
90.वैतरणी - तत्रैव
   −
114. कहोलेश्वरः तत्रैव
+
91.वरणासंगमः - प्रसिद्धोऽयं तीर्थ:
   −
115. नर्मदेश्वरः तत्रैव
+
92.संगमेश्वर:- आदिकेशस्य पार्श्वे मन्दिरस्थ
   −
116. सुरेश्वर, तत्रैव
+
93.प्रयागलिंगम् - तत्रैव सगमेश्वर मन्दिरे
   −
117.
+
94.शान्तिकरीगौरी - तत्रैव सगमेश्वरस्य पूर्वे
   −
पद्मसुरेश्वर पद्मसुरेश्वर,
+
95.केशवादित्य: - आदिकेशवस्य मन्दिरस्य भित्तौ
   −
तत्रैव
+
96.आदिकेशवः - वरणासंगमे
   −
118. क्षेमेश्वर. क्षमेश्वर घट्टे बी० 14/12
+
97.ज्ञानकेशव:- तत्रैव
   −
119. चित्रादेश्वर कुमारस्वामीमठे बी० 14/118
+
98.वेदेश्वरः- आदिकेशवस्य द्वारस्थ कक्षे
   −
120. चित्रागदेश्वरी तत्रैव
+
99.नक्षत्रेश्वरः- तत्रैव वेदेश्वरस्य पार्श्वे
   −
121. रुक्मांगदेश्वर, चौकी घट्टे,
+
100.दण्डीश्वरः - तत्रैव
   −
122. अम्बरीषेश्वर केदारमन्दिरे
+
101.तुंगेश्वरः - तत्रैव
   −
123. तारकेश्वर. केदारघट्टे
+
102.गजतीर्थः - आदिकेशवस्य पृष्टे इदानीं लुप्त
   −
124. आदिमणिकर्णिका केदारघट्टे
+
103.भैरवतीर्थः - लुप्तः
   −
125 केदारेश्वर प्रसिद्ध,
+
104.स्वर्लीनेश्वरः - प्रह्लादघट्टस्य समीपेसम्प्रति नयामहादेव ए० 11/29
    
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