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=== गूंगा नवमी ===
 
=== गूंगा नवमी ===
 
भादवा बदी नवमी को गूंगा नवमी कहते हैं। इस दिन महापराक्रमी पीरवर गूंगा ने जन्म लेकर मलेच्छों का मान-मर्दन करते हुए हिन्दू धर्म की रक्षा की थी। इस दिन तेल के गुलगुले बनाकर और पूरी बनाकर वीरवर की पूजा कर बच्चों को भोजन खिलाकर उत्सव मनाया जाता है । कई महानुभाओं का यह भी विशवास है की गूंगा के पूजन से सर्पो का भय कम हो जाता है |
 
भादवा बदी नवमी को गूंगा नवमी कहते हैं। इस दिन महापराक्रमी पीरवर गूंगा ने जन्म लेकर मलेच्छों का मान-मर्दन करते हुए हिन्दू धर्म की रक्षा की थी। इस दिन तेल के गुलगुले बनाकर और पूरी बनाकर वीरवर की पूजा कर बच्चों को भोजन खिलाकर उत्सव मनाया जाता है । कई महानुभाओं का यह भी विशवास है की गूंगा के पूजन से सर्पो का भय कम हो जाता है |
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=== जया एकादशी ===
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भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम जया एकादशी है, इस दिन चैत्र की एकादशी का व्रत करके कथा सुननी चाहिए।
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=== बछवारस ===
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यह भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष द्वादशी को मनाया जाता है। इस दिन स्त्रियों को गाय-बछड़ों की पूजा करनी चाहिए। अगर किसी के गाय-बछड़े न हों तो किसी दूसरे के गाय-बछड़ों की पूजा करें। अगर गांव में भी न हों तो मिट्टी के गाय-बछड़े बनाकर उनकी पूजा करें। ऊपर दही भीगा हुआ बाजरा, आटा, घी आदि चढ़ायें। रोली से तिलक करें, चावल चढ़ायें, दूध चढ़ायें फिर बछवारस की कहानी सुनें। मोठ, बाजरे पर रुपये रखकर बायना निकालकर सासु मां को पैर छूकर दे दें। इस दिन बाजरे की ठण्डी रोटी खायें। गाय का दूध, दही, गेहूं, चावल आदि न खायें। यह व्रत पुत्र होने के बाद ही किया जाता है। अपने कुंवारे लड़के की कमीज पर स्वास्तिक  का निशान बनाकर पहनाये और कुएं की पूजा करें। इससे बच्चों को जीवन रक्षा होती है। वह भूत-प्रेत और नजर से बचा रहता है।
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==== बछवारस की कथा- ====
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एक राजा के सात बेटे और एक पोता था। एक दिन राजा ने सोचा, कुआं बनवाया जाए। उसने कुआं बनवाया लेकिन उसमें पानी नहीं आया। तब राजा ने पण्डितों से कुएं में पानी न आने का कारण पूछा। तब ब्राह्मणों ने कहा-महाराज! अगर आप यज्ञ करायें और अपने पोते की बलि दें तो पानी आयेगा। राजा ने ऐसा ही करने की आज्ञा दे दी। यज्ञ की तैयारियां हुई और बच्चे की बलि दी गयी। बच्चे की बलि देते ही पानी बरसने लगा, कुआं पानी से भर गया। राजा ने जब यह समाचार सुना तो वह अपनी रानी सहित कुआं पूजने गया। घर में साग-सब्जी न होने के कारण गाय के बछड़े को काटकर बना दिया। जब राजा और रानी पूजा करके वापस आये तब राजा ने कहा-गाय का बछड़ा कहां है? तब नौकरानी ने कहा, उसे तो मैंने काटकर साग बना दिया। तब राजा बोला, पापिन तूने यह क्या किया! राजा ने उस मांस की हांडी को जमीन में गाड़ दिया और सोचने लगा कि गाय को किस
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