Changes

Jump to navigation Jump to search
लेख संपदित किया
Line 6: Line 6:     
अब यह खबर राजा को मिली | उस राजा ने अपने सौनिको को आज्ञा दी की जाओ और उस डाकू को पकड़ कर लाओ जिस ने साधू की हत्या की | उस डाकू को मृतु दंड दो | सौनिको ने डाकू को पकड़ कर मृतु दंड दिया |
 
अब यह खबर राजा को मिली | उस राजा ने अपने सौनिको को आज्ञा दी की जाओ और उस डाकू को पकड़ कर लाओ जिस ने साधू की हत्या की | उस डाकू को मृतु दंड दो | सौनिको ने डाकू को पकड़ कर मृतु दंड दिया |
 +
 +
राजा उस दिन के के बाद दुखी रहने लगा | वह समझ ने लगा की साधू की हत्या का दोषी वही  है | अगर उसके मंत्री उस से पूछे तो वह कहता था की “,अगर मै सभु को वह सोने की माला न देता तो साधू की हत्या नहीं होती |”
 +
 +
एक दिन राजा से मिलने एक साधू आए और राजा से कहा की ,”हे राजन मुझे मालूम पड़ा की अप उस साधू की हत्या से दुखी है ,अगर आप चाहे तो मै उस साधू को वापस से जीवित कर सकता हूँ |” राजा ने उत्तर दिया की क्या,” आप साधू के साथ उस डाकू को भी जीवित कर सकते है क्या ?” साधू ने उत्तर दिया की ,“मुझे केवल एक व्यक्ति को जीवित करने का वरदान प्राप्त है |” राजा ने कहा की ,” आप किसी को भी जीवित मत कीजिये |”
 +
 +
बेताल ने विक्रम से सवाल पूछा की ,"राजा ने साधू को उस साधू को जीवित करने को मन क्यू किया ?" विक्रम ने उत्तर दिया की ,"अगर राजा साधू को
1,192

edits

Navigation menu