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२०११ की जनगणना के अनुसार (सारणी १ देखें) । जनजातियों की साक्षरता दर ५९ प्रतिशत है जो कि कुल जनसंख्या से १४ प्रतिशत एवं अनुसूचित जातियों की जनसंख्या से भी ७ प्रतिशत कम है ।
 
२०११ की जनगणना के अनुसार (सारणी १ देखें) । जनजातियों की साक्षरता दर ५९ प्रतिशत है जो कि कुल जनसंख्या से १४ प्रतिशत एवं अनुसूचित जातियों की जनसंख्या से भी ७ प्रतिशत कम है ।
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साक्षरता दर में सुधार नामांकन के आँकड़ों में भी झलकता है । मानव विकास संसाधन मंत्रालय के योजना, निगरानी एवं सांख्यिकी ब्यूरों के अनुसार २०१०-११ में प्राथमिक स्तर पर जनजातियों का सकल नामांकन अनुपात बालक एवं बालिका दोनों में १३७ प्रतिशत था । अनुसूचित जातियों के बालकों में १३१ एवं बालिकाओं में १३३ प्रतिशत था एवं कुल जनसंख्या के लिये यह आंकड़ा क्रमशः ११५ एवं ११७ प्रतिशत था । माध्यमिक या उच्च प्राथमिक स्तर पर फिर भी आंकड़ों में आशा की एक किरण दिखाई देती है । २००१ एवं २०११ के मध्य जनजातियों की साक्षरता दर में १२ प्रतिशत का सुधार हुआ जो कि कुल जनसंख्या में हुए ८ प्रतिशत के सुधार से भी अधिक है । जनजातियों की महिला साक्षरता में सुधार तो और भी अधिक है; २००१ की तुलना में उनमें १४ प्रतिशत की वृद्धि हुई, इस अवधि में महिलाओं की कुल साक्षरता में ११ प्रतिशत की अच्छी वृद्धि हुई है । पर नामांकन थोड़ा था फिर भी जनजाति लड़कों के लिये ९१ एवं लड़कियों के लिये ८७ प्रतिशत जितना ऊँचा था । सम्बन्धित आँकड़ा अनुसूचित जातियों के लिये क्रमशः ९४ एवं ९१ प्रतिशत था, सम्पूर्ण जनसंख्या के लिये ८८ एवं ८३ प्रतिशत था ।
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साक्षरता दर में सुधार नामांकन के आँकड़ों में भी झलकता है । मानव विकास संसाधन मंत्रालय के योजना, निगरानी एवं सांख्यिकी ब्यूरों के अनुसार २०१०-११ में प्राथमिक स्तर पर जनजातियों का सकल नामांकन अनुपात बालक एवं बालिका दोनों में १३७ प्रतिशत था । अनुसूचित जातियों के बालकों में १३१ एवं बालिकाओं में १३३ प्रतिशत था एवं कुल जनसंख्या के लिये यह आंकड़ा क्रमशः ११५ एवं ११७ प्रतिशत था । माध्यमिक या उच्च प्राथमिक स्तर पर तथापि आंकड़ों में आशा की एक किरण दिखाई देती है । २००१ एवं २०११ के मध्य जनजातियों की साक्षरता दर में १२ प्रतिशत का सुधार हुआ जो कि कुल जनसंख्या में हुए ८ प्रतिशत के सुधार से भी अधिक है । जनजातियों की महिला साक्षरता में सुधार तो और भी अधिक है; २००१ की तुलना में उनमें १४ प्रतिशत की वृद्धि हुई, इस अवधि में महिलाओं की कुल साक्षरता में ११ प्रतिशत की अच्छी वृद्धि हुई है । पर नामांकन थोड़ा था तथापि जनजाति लड़कों के लिये ९१ एवं लड़कियों के लिये ८७ प्रतिशत जितना ऊँचा था । सम्बन्धित आँकड़ा अनुसूचित जातियों के लिये क्रमशः ९४ एवं ९१ प्रतिशत था, सम्पूर्ण जनसंख्या के लिये ८८ एवं ८३ प्रतिशत था ।
    
परन्तु जनजातियों में मध्य में ही पढ़ाई छोड़ देने
 
परन्तु जनजातियों में मध्य में ही पढ़ाई छोड़ देने

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