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मनोविज्ञान का मूल वेद है व्यवधान उत्पन्न न हो । दूसरा यह कि गुरु शिष्य के
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मनोविज्ञान का मूल वेद है व्यवधान उत्पन्न न हो<ref>धार्मिक शिक्षा : संकल्पना एवं स्वरूप (धार्मिक शिक्षा ग्रन्थमाला १): पर्व ४, प्रकाशक: पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, लेखन एवं संपादन: श्रीमती इंदुमती काटदरे</ref> । दूसरा यह कि गुरु शिष्य के
    
आज की शिक्षा का दुर्दैव से कोई प्रमुख पक्ष है तो त्रिविधताप की शान्ति हो । सबको यह जानकारी हो जाय
 
आज की शिक्षा का दुर्दैव से कोई प्रमुख पक्ष है तो त्रिविधताप की शान्ति हो । सबको यह जानकारी हो जाय

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