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परमात्माने विश्वरूप धारण किया । विश्व में मनुष्य को
 
परमात्माने विश्वरूप धारण किया । विश्व में मनुष्य को
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इसीके चलते रीतिरिवाजों का प्रचलन हुआ है इस. उसे मुक्त करने की चुनौती शिक्षा को स्वीकार करनी है ।
 
इसीके चलते रीतिरिवाजों का प्रचलन हुआ है इस. उसे मुक्त करने की चुनौती शिक्षा को स्वीकार करनी है ।
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[[Category:पर्व 5: कुटुम्ब शिक्षा एवं लोकशिक्षा]]

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