Changes

Jump to navigation Jump to search
→‎नन्दादेवी: लेख सम्पादित किया
Line 496: Line 496:  
=== नन्दादेवी ===
 
=== नन्दादेवी ===
 
कुमायूँ. हिमालय के अन्तर्गत कईपर्वत-शखर स्थित है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री का वर्णन पहले किया जा चुका है। नीलकण्ठ, कामेत तथा नन्दा देवीअन्य प्रमुख उच्च शिखर हैं। नन्दादेवी इनमें सर्वोच्च है।इसकी समुद्रतल से ऊँचाई ७८१७ मीटर है। नन्दादेवी साक्षात् भगवती देवी का स्वरूप है। भाद्र शुक्ला सप्तमी को इस क्षेत्र की यात्रा होती है। यह यात्रा कब प्रारम्भ हुई कुछ पता नहीं चलता है।आसपास शिलासमुद्र, नन्दापीठ तीर्थ स्थित है। नन्दादेवी ने अत्याचारीअसुरों का वध कर इस क्षेत्र को मुक्ति प्रदान की थी।  
 
कुमायूँ. हिमालय के अन्तर्गत कईपर्वत-शखर स्थित है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री का वर्णन पहले किया जा चुका है। नीलकण्ठ, कामेत तथा नन्दा देवीअन्य प्रमुख उच्च शिखर हैं। नन्दादेवी इनमें सर्वोच्च है।इसकी समुद्रतल से ऊँचाई ७८१७ मीटर है। नन्दादेवी साक्षात् भगवती देवी का स्वरूप है। भाद्र शुक्ला सप्तमी को इस क्षेत्र की यात्रा होती है। यह यात्रा कब प्रारम्भ हुई कुछ पता नहीं चलता है।आसपास शिलासमुद्र, नन्दापीठ तीर्थ स्थित है। नन्दादेवी ने अत्याचारीअसुरों का वध कर इस क्षेत्र को मुक्ति प्रदान की थी।  
 +
 +
=== ऋषिकेश ===
 +
हरिद्वार से उत्तर-पूर्व में स्थित यह पवित्र तीर्थ शैव व वैष्णव दोनों द्वारा समान रूप से पूजनीय है। यहाँ से तीर्थयात्री गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ की यात्रा के लिएआगे बढ़ते हैं। श्रीराम मन्दिर,भरत मन्दिर, वराह मन्दिर प्रमुख मन्दिर हैं। मुनि की रेती, स्वगाँश्रम, परमार्थ निकेतन, लक्ष्मण झूला यहाँ के पवित्र दर्शनीय स्थान हैं।
 +
 +
=== मुक्तिनाथ ===
 +
नेपाल स्थित यह नगर प्रसिद्ध तथा प्राचीन धार्मिक नगर है। भगवान् शंकर और विष्णु यहाँ पर्वत रूप में स्थित हैं। पुलह और पुलस्त्य ऋषियों ने इस क्षेत्र को अपनी तपस्या से पावन किया। पवित्र शालिग्राम शिलाओं के लिए विख्यात गण्डकी नदी मुक्तिनाथ के पास से बहती है। यही वह स्थान है जहाँ भगवान विष्णुने भक्त हाथी को बलशाली ग्रह के जबड़ों से मुक्त कराया था। भगवती सती का दाहिना गण्डस्थल यहीं पर गिरा था। अत: भगवती के प्रमुख शक्तिपीठों में इसकी गणना की जाती है।
 +
 +
=== पशुपतिनाथ ( काठमाण्डू ) ===
 +
नेपाल की राजधानी काठमाण्डू में विराजित पशुपतिनाथ भगवान् शिव कीअष्ट मूर्तियों में प्रमुख है। विश्वभर के शैव मतानुयायी पशुपति नाथ के प्रति अविचल श्रद्धा रखते हैं। काठमाण्डू तीर्थस्थान बागमती व विष्णुमती नदियों के संगम पर बसा है। बागमती के तट पर नेपाल के रक्षक मस्येन्द्रनाथ और विष्णुमती के तट पर पशुपति नाथ विराजमान हैं। पशुपतिनाथ मन्दिरमें पंचमुखी शिवअधिष्ठित हैं। बाहर नन्दी की विशाल प्रस्तर-मूर्ति है। पशुपति नाथ सेथोड़ी दूर गुहुयेश्वरी देवी का मन्दिर है। यह विशाल व भव्य मन्दिर ५१ शक्तिपीठों में से एक है। यहाँ सती के दोनों जानु गिरे थे। धवलगिरि, गौरीशंकर सरगमाथा (एवरेस्ट) तथा कचनजघा नेपाल स्थित हिमालय के उच्चतम शिखर हैं। धार्मिक व आध्यात्मिक दृष्टि से ये शिखर श्रद्धा के केन्द्र हैं। महाभारतादि ग्रन्थों में इनका वर्णन आया है। सागरमाथा (एवरेस्ट) विश्व का सर्वोच्च पर्वत है। इसकी समुद्रतल से ऊँचाई ८८४८ मीटर है। कच्चनजंघा नेपाल-सिक्किम सीमा स्थित पर्वत श्रृंग है। समुद्र-ताल से कंचनजघा की ऊंचाई लगभग ८५०० मीटर है।
    
==References==
 
==References==
1,192

edits

Navigation menu