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संचालकों के अनीतिमान होने के अनेक उदाहरण सर्वविदित हैं  
 
संचालकों के अनीतिमान होने के अनेक उदाहरण सर्वविदित हैं  
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ऐसे अनेक संचालक हैं जो पैसा कमाने के लिये ही विद्यालय चलाते हैं । उनके लिये बिद्या, शिक्षक,
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* ऐसे अनेक संचालक हैं जो पैसा कमाने के लिये ही विद्यालय चलाते हैं । उनके लिये बिद्या, शिक्षक, देश आदि के लिये कोई सम्मान नहीं होता । वे अनेक प्रकार की गलत बातें लागू कर पैसा कमाते हैं ।
देश आदि के लिये कोई सम्मान नहीं होता । वे अनेक प्रकार की गलत बातें लागू कर पैसा कमाते हैं ।
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* प्रवेश के लिये और नियुक्ति के लिये विद्यार्थियों और शिक्षकों से डोनेशन लेना आम बात है । मजबूरी में या व्यवहार समझकर डोनेशन देनेवाले भी होते ही हैं ।
 
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* शिक्षकों को कम वेतन देकर पूरे वेतन पर हस्ताक्षर करवा लेना भी व्यापकरूप में प्रचलन में है ।
प्रवेश के लिये और नियुक्ति के लिये विद्यार्थियों और
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* ये तो सर्वविदित उदाहरण हैं, परन्तु यह तो हिमशिला का बाहर दिखनेवाला हिस्सा है । वास्तविकता अनेक गुना अधिक है ।
शिक्षकों से डोनेशन लेना आम बात है । मजबूरी में या व्यवहार समझकर डोनेशन देनेवाले भी होते ही हैं ।
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शिक्षकों को कम वेतन देकर पूरे वेतन पर हस्ताक्षर
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करवा लेना भी व्यापकरूप में प्रचलन में है ।
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ये तो सर्वविदित उदाहरण हैं, परन्तु यह तो हिमशिला का बाहर दिखनेवाला हिस्सा है । वास्तविकता अनेक गुना अधिक है ।
      
ऐसे संचालकों के विद्यालयों में नीतिमत्ता की
 
ऐसे संचालकों के विद्यालयों में नीतिमत्ता की
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3. शिक्षकों की नीतिमत्ता के अभाव का स्वरूप कुछ इस प्रकार का है.....
 
3. शिक्षकों की नीतिमत्ता के अभाव का स्वरूप कुछ इस प्रकार का है.....
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* शिक्षकों को पढाना आता नहीं है, पढाने की नीयत नहीं होती है तब वे विद्यार्थियों को नकल करवाते हैं और बदले में पैसे लेते हैं ।
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*शिक्षकों को पढाना आता नहीं है, पढाने की नीयत नहीं होती है तब वे विद्यार्थियों को नकल करवाते हैं और बदले में पैसे लेते हैं ।
* विद्यालय में पढाते नहीं और ट्यूशन में आने की बाध्यता निर्माण करते हैं ।
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*विद्यालय में पढाते नहीं और ट्यूशन में आने की बाध्यता निर्माण करते हैं ।
* वे स्वयं भी नकल करके परीक्षा में उत्तीर्ण हुए होते हैं ।
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*वे स्वयं भी नकल करके परीक्षा में उत्तीर्ण हुए होते हैं ।
* जो विद्यार्थी ट्यूशन में आते हैं उन्हें परीक्षा में उत्तीर्ण होने में सहायता करते हैं । ये भी सर्वविदित उदाहरण हैं । पूर्व में कहा उससे भी वास्तविकता अनेक गुणा भीषण है ।
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*जो विद्यार्थी ट्यूशन में आते हैं उन्हें परीक्षा में उत्तीर्ण होने में सहायता करते हैं । ये भी सर्वविदित उदाहरण हैं । पूर्व में कहा उससे भी वास्तविकता अनेक गुणा भीषण है ।
    
4. विद्यार्थियों में नीतिमत्ता का ह्रास । विद्यार्थी भी पीछे नहीं हैं । उनकी अनीति के कुछ उदाहरण इस प्रकार है...  
 
4. विद्यार्थियों में नीतिमत्ता का ह्रास । विद्यार्थी भी पीछे नहीं हैं । उनकी अनीति के कुछ उदाहरण इस प्रकार है...  
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* परीक्षा में नकल करना आम बात है । नकल करने के अनेक अफलातून नुस्खे उनके पास होते हैं । निरीक्षकों को बडी सरलता से सहज में ही वे बुद्ध बनाते हैं ।
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*परीक्षा में नकल करना आम बात है । नकल करने के अनेक अफलातून नुस्खे उनके पास होते हैं । निरीक्षकों को बडी सरलता से सहज में ही वे बुद्ध बनाते हैं ।
* विद्यालय की मालमिल्कत को नुकसान पहुँचाने में इन्हें कोई संकोच नहीं होता है ।
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*विद्यालय की मालमिल्कत को नुकसान पहुँचाने में इन्हें कोई संकोच नहीं होता है ।
* झूठ बोलना, चुनावी राजनीति करना, गुंडागर्दी को प्रश्रय देना आदि भी सहज है ।
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*झूठ बोलना, चुनावी राजनीति करना, गुंडागर्दी को प्रश्रय देना आदि भी सहज है ।
    
इसके भी अनेक उदाहरण दिये जा सकते हैं ।
 
इसके भी अनेक उदाहरण दिये जा सकते हैं ।
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