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का हित चाहने वाले राजनीति के क्षेत्र के लोगों तथा सन्तों, धर्माचार्यो, आदि सबका यह विषय बनता है । शिक्षा के
 
का हित चाहने वाले राजनीति के क्षेत्र के लोगों तथा सन्तों, धर्माचार्यो, आदि सबका यह विषय बनता है । शिक्षा के
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पश्चिमीकरण ने अर्थक्षेत्र, राजनीति, शासन, समाज व्यवस्था, कुट्म्ब जीवन, उद्योगतन्त्र आदि सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया
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पश्चिमीकरण ने अर्थक्षेत्र, राजनीति, शासन, समाज व्यवस्था, कुटुम्ब जीवन, उद्योगतन्त्र आदि सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया
    
है इसलिये धार्मिककरण भी सभी क्षेत्रों के सरोकार का विषय बनेगा । शिक्षा अपने आपमें तो ऐसा कोई विषय नहीं है ।
 
है इसलिये धार्मिककरण भी सभी क्षेत्रों के सरोकार का विषय बनेगा । शिक्षा अपने आपमें तो ऐसा कोई विषय नहीं है ।
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वृत्त बनता है वह विस्तृत होतेहोते
 
वृत्त बनता है वह विस्तृत होतेहोते
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वसुधैव कुट्म्बकम्‌ तक पहुँचता है । समग्रता की दृष्टि से
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वसुधैव कुटुम्बकम्‌ तक पहुँचता है । समग्रता की दृष्टि से
    
जब अर्थव्यवस्था बनती है तब वह समाज की समृद्धि का
 
जब अर्थव्यवस्था बनती है तब वह समाज की समृद्धि का

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