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सुधार जारि
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*वेदानुसार
 
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*विषयानुसार
 
*विषयानुसार
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'''उपनिषदों की विधियाँ'''
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उपनिषदों के प्रणेता ऋषियों ने गूढ विषय को सरलतम रूप में समझाने के लिए कई वर्णन-शैलियों का आविष्कार किया था, जिनको पद्धति या विधि भी कहा जा सकता है। मुख्य विधियाँ निम्न हैं-
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#  '''संवाद विधि -'''
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# '''उपमा विधि -'''
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# '''कथा विधि -'''
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# '''समन्वय विधि -'''
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# '''अरुन्धती न्याय विधि -'''
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# '''निर्वचन विधि -'''
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# '''विश्लेषणात्मक विधि -'''
    
==प्रमुख उपनिषद्==
 
==प्रमुख उपनिषद्==
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संयोग एषां न त्वात्मभावादात्माप्यनीशः सुखदुःखहेतोः॥ (श्वेताश्वतरोपनिषद् १/२)</blockquote>इस उपनिषद् का काव्य बहुत ही उत्तम कोटि का है। इसमें कठिन से कठिन विषय को भी सरल ढंग से प्रस्तुत किया गया है और उसके लिए रोचक आख्यानों , साधारण उपमानों और सुन्दर प्रतीकों को आधार बनाया गया है। प्रतीक-योजना इस उपनिषद् की अपनी विशेषता है।
 
संयोग एषां न त्वात्मभावादात्माप्यनीशः सुखदुःखहेतोः॥ (श्वेताश्वतरोपनिषद् १/२)</blockquote>इस उपनिषद् का काव्य बहुत ही उत्तम कोटि का है। इसमें कठिन से कठिन विषय को भी सरल ढंग से प्रस्तुत किया गया है और उसके लिए रोचक आख्यानों , साधारण उपमानों और सुन्दर प्रतीकों को आधार बनाया गया है। प्रतीक-योजना इस उपनिषद् की अपनी विशेषता है।
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'''कौषीतकी उपनिषद्'''
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'''मैत्रायणीय उपनिषद्'''
    
===महानारायण उपनिषद्===
 
===महानारायण उपनिषद्===
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