बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा घर से ही शुरू होती है। अक्षरों और संख्याओं की पहचान यह माता-पिता द्वारा तीसरे या चौथे वर्ष की उम्र में की जाती है । गहरे ज्ञान सागर में बालक को प्रवेश कराने का संस्कार अर्थात विद्यारंभ संस्कार । जिसके कारण उनके जीवनयात्रा का शुभारम्भ अच्छे सोच , अच्छे विचारों, शुभ आशीर्वादों से सुरक्षित होता है। | बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा घर से ही शुरू होती है। अक्षरों और संख्याओं की पहचान यह माता-पिता द्वारा तीसरे या चौथे वर्ष की उम्र में की जाती है । गहरे ज्ञान सागर में बालक को प्रवेश कराने का संस्कार अर्थात विद्यारंभ संस्कार । जिसके कारण उनके जीवनयात्रा का शुभारम्भ अच्छे सोच , अच्छे विचारों, शुभ आशीर्वादों से सुरक्षित होता है। |