वृहदारण्पकोपनिषद् में याज्ञवल्क्य ऋषि मैत्रेयी को समझाते हुए कहते हैं कि यह पृथ्वी सभी भूतों (मूल तत्वों) का मधु है और सब भूत इस पृथ्वी के मधु हैं-<blockquote>'''इयं पृथ्वी सर्वेषां भूतानां मध्वस्यै''' | वृहदारण्पकोपनिषद् में याज्ञवल्क्य ऋषि मैत्रेयी को समझाते हुए कहते हैं कि यह पृथ्वी सभी भूतों (मूल तत्वों) का मधु है और सब भूत इस पृथ्वी के मधु हैं-<blockquote>'''इयं पृथ्वी सर्वेषां भूतानां मध्वस्यै''' |