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− | ० अनेकम् अन्यपदार्थे (2-2-24)
| + | == अनेकम् अन्यपदार्थे (2-2-24) == |
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| The समास happenning between सुबन्त-पदऽ where the meaning of the समस्तपद is other than the meaning of the participating सुबन्तऽ is called बहुब्रीहि-समास. | | The समास happenning between सुबन्त-पदऽ where the meaning of the समस्तपद is other than the meaning of the participating सुबन्तऽ is called बहुब्रीहि-समास. |
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| उद्धृतः ओदनः यस्मात् पात्रात् तत् पात्रम् => उद्धृतोदनम् | | उद्धृतः ओदनः यस्मात् पात्रात् तत् पात्रम् => उद्धृतोदनम् |
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− | वीराः पुरुषाः यस्मिन् देशे सः देशः => वीरपुरुषः | + | वीराः पुरुषाः यस्मिन् देशे सः देशः => वीरपुरुषः<ref name=":0">Sridhar Subbanna, Samasa, Samskritadhyayana Karyashala, Vidyasvam.</ref> |
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| === अभ्यास I === | | === अभ्यास I === |
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| गदा पाणौ यस्य नारायणस्य सः नारायणः => गदापाणिः | | गदा पाणौ यस्य नारायणस्य सः नारायणः => गदापाणिः |
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− | भाले चन्द्रः यस्य गणेशः सः गणेशः =>भालचन्द्रः | + | भाले चन्द्रः यस्य गणेशः सः गणेशः =>भालचन्द्रः<ref name=":0" /> |
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| === अभ्यास I === | | === अभ्यास I === |
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| 4. चन्द्रः मौलौ यस्य रुद्रस्य सः रुद्रः 4. शस्त्रं पाणौ येषां सैनिकानां ते | | 4. चन्द्रः मौलौ यस्य रुद्रस्य सः रुद्रः 4. शस्त्रं पाणौ येषां सैनिकानां ते |
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| + | == Bahuvrihi v/s Tatpurusha == |
| + | Recognizing Bahuvriihi vs Tatpurusha samaasa |
| + | |
| + | • Consider |
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| + | • "विष्णुः(१) पीताम्बरे(२) धारयति” (Vishnu wears a yellow robe) |
| + | |
| + | • पीतम्(१) अम्बरं(१) तद्(२) => पीताम्बरम्(२) => विशेषणपूर्वपद-कर्मधारय-तत्पुरुष-समासः। |
| + | |
| + | • पीताम्बर here refers to अम्बर itself (उत्तरपदार्थप्रधान) - it is not in समानाधिकरण with विष्णु |
| + | |
| + | • The लिङ्ग is नियतलिङ्ग and that of अम्बर (नपुं.) |
| + | |
| + | • Another example: "विष्णोः(६) पीताम्बर(१) शोभनम् (अस्ति)" (Vishnu’s yellow robe is beautiful) |
| + | |
| + | • Versus... |
| + | |
| + | • "विष्णुः(१) पीताम्बरः(१) (अस्ति)" (Vishnu is one who wears a yellow robe) |
| + | |
| + | • पीतम् (१) अम्बरं (१) यस्य (६) सः(१) => पीताम्बरः(१) => बहुव्रीहि-समासः। |
| + | |
| + | • पीताम्बर here refers to neither पीत nor अम्बर but विष्णु (अन्यपदार्थप्रधान) - and it is in समानाधिकरण with विष्णु |
| + | |
| + | • The लिङ्ग is विशेष्यनिघ्र and that of विष्णु due to समानाधिकरण |
| + | |
| + | • Another example: "विष्णवे(४) पीताम्बराय(४) नमः(१) (अस्तु)" (Greetings to Vishnu who wears a yellow robe)<ref name=":1">Amit Rao, Bahuvrihi Samasa Review, Vidyasvam.</ref> |
| + | |
| + | == सङ्क्षेपरामायणतः उदाहरणानि ॥ Examples from Sankshepa Ramayana == |
| + | |
| + | === Example 1. === |
| + | इक्ष्वाकुवंशप्रभवो रामो नाम जनैः श्रुतः । |
| + | |
| + | नियतात्मा महावीर्यो द्युतिमान्धृतिमान्वशी ||८|| |
| + | |
| + | => पदच्छेदः |
| + | |
| + | इक्ष्वाकुवंशप्रभवः , रामः, नाम, जनैः, श्रुतः, |
| + | |
| + | नियतात्मा , महावीर्यः , द्युतिमान, धृतिमान्, वशी। |
| + | |
| + | => बहुव्रीहिसमासाः |
| + | |
| + | इक्ष्वाकुवंशप्रभवः, नियतात्मा, महावीर्यः - |
| + | |
| + | विग्रहवाक्यम् किम्? प्रकार: कः? (Expansion/type?) |
| + | |
| + | ==== Solution 1. ==== |
| + | समस्तपदम् = '''इक्ष्वाकुवंशप्रभवः''' (पुं. १,१) [=रामः]। प्रातिपदिके = इक्ष्वाकु, वंश, प्रभव। |
| + | |
| + | विग्रहवाक्यम् = इक्ष्वाकोः वंशः इक्ष्वाकुवंशः ('''षष्ठीतत्पुरुषः''')। |
| + | |
| + | इक्ष्वाकुवंशः प्रभवः यस्य सः इक्ष्वाकुवंशप्रभवः ('''बहुव्रीहिः''')। |
| + | |
| + | समस्तपदम् = नियतात्मा(पुं. १,१) [=रामः]। प्रातिपदिके = नियत, आत्मा। |
| + | |
| + | विग्रहवाक्यम् = नियतः आत्मा यस्य सः नियतात्मा ('''बहुब्रीहिः''')। |
| + | |
| + | समस्तपदम् = '''महावीर्यः''' (पुं. १,१) [=रामः]। प्रातिपदिके = महद्, वीर्य। |
| + | |
| + | विग्रहवाक्यम् = महद् वीर्यं यस्य सः महावीर्यः ('''बहुव्रीहिः''')। |
| + | |
| + | === Example 2. === |
| + | आर्यः सर्वसमश्चैव सदैकप्रियदर्शनः। |
| + | |
| + | स च सर्वगुणोपेतः कौसल्यानन्दवर्धनः ।।१६।। |
| + | |
| + | => पदच्छेदः |
| + | |
| + | आर्यः, सर्वसमः, च, एव, सदा, एकप्रियदर्शनः , |
| + | |
| + | स, च, सर्वगुणोपेतः, कौसल्यानन्दवर्धनः। |
| + | |
| + | => बहुव्रीहिसमासाः |
| + | |
| + | एकप्रियदर्शनः - |
| + | |
| + | विग्रहवाक्यम् किम्? प्रकारः क? (Expansion/type?) |
| + | |
| + | ==== Solution 2. ==== |
| + | समस्तपदम् = '''एकप्रियदर्शनः''' (पुं. १, १) [=रामः]। |
| + | |
| + | प्रातिपदिके = एक, प्रिय, दर्शन। |
| + | |
| + | विग्रहवाक्यम् = एकं (केवलं) प्रियम् एकप्रियम् ('''कर्मधारयः)'''। |
| + | |
| + | एकप्रियं दर्शनं यस्य सः एकप्रियदर्शनः ('''बहुव्रीहिः''')। |
| + | |
| + | He whose sight is only pleasing. |
| + | |
| + | अथवा |
| + | |
| + | प्रियं दर्शनं यस्य सः प्रियदर्शनः ('''बहुव्रीहिः''')। |
| + | |
| + | एकः (अनन्यः) प्रियदर्शनः एकप्रियदर्शनः ('''कर्मधारयः''')। |
| + | |
| + | Unique one whose sight is pleasing. |
| + | |
| + | === Example 3. === |
| + | बुद्धिमान्नीतिमान्वाग्मी श्रीमाञ्छत्रुनिबर्हणः। |
| + | |
| + | विपुलांसो महाबाहु: कंबुग्रीवो महाहनुः ।।९।। |
| + | |
| + | => पदच्छेदः |
| + | |
| + | बुद्धिमान्, नीतिमान्, वाग्मी, श्रीमान्, शत्रुनिबर्हणः, विपुलांसः , महाबाहुः , कंबुग्रीवः , महाहनुः । |
| + | |
| + | => बहुव्रीहिसमासाः |
| + | |
| + | विपुलांसः, महाबाहुः, कंबुग्रीवः, महाहनुः- |
| + | |
| + | विग्रहवाक्यम् किम्? प्रकारः क? (Expansion/type?) |
| + | |
| + | ==== Solution 3. ==== |
| + | समस्तपदम = '''विपुलांसः''' (पुं.१,१) [=रामः]। प्रातिपदिके = विपुल,अंस। |
| + | |
| + | विग्रहवाक्यम् = विपुलौ अंसौ यस्य सः विपुलांसः। ('''बहुव्रीहिः''')। |
| + | |
| + | समस्तपदम् = '''महाबाहुः''' (पुं.१,१) [-रामः]। प्रातिपदिके = महद्, बाहु। |
| + | |
| + | विग्रहवाक्यम् = महान्तौ बाहू यस्य सः महाबाहुः। ('''बहुव्रीहिः)'''। |
| + | |
| + | समस्तपदम् = '''कंबुग्रीवः''' (पुं. १,१) [ रामः] | प्रातिपदिके = कंबु, ग्रीवा। |
| + | |
| + | विग्रहवाक्यम् = कम्बुः इव ग्रीवा यस्य सः कम्बुग्रीवः। ('''बहुव्रीहिः)'''। |
| + | |
| + | समस्तपदम् = '''महाहनुः''' (पुं.१,१) [=रामः]। प्रातिपदिके = महद्, हनु। |
| + | |
| + | विग्रहवाक्यम् = महान् हनुः यस्य सः महाहनुः। ('''बहुव्रीहिः''')।<ref name=":1" /> |
| + | |
| + | == बहुव्रीहिसमासः - a few more examples... == |
| + | {| class="wikitable" |
| + | |+बहुव्रीहिसमासः - a few more examples...<ref name=":1" /> |
| + | !समस्तपदम् |
| + | !न्वयः/सन्दर्भः |
| + | !विग्रहवाक्यम् |
| + | |- |
| + | |राजीवलोचनः |
| + | |... रामः |
| + | |राजीवम् इव लोचने यस्य सः राजीवलोचनः । |
| + | |- |
| + | |जितक्रोधः |
| + | |... रामः |
| + | |जितः क्रोधः येन सः जितक्रोधः । |
| + | |- |
| + | |जातरोषस्य |
| + | |कस्य ... संयुगे देवाः बिभ्यति |
| + | |जातः रोषः यस्मिन् सः जातरोषः । तस्य । |
| + | |- |
| + | |बहूदकाः |
| + | |ते ... नदीः तीर्त्वा |
| + | |बहूनि उदकानि यासु ताः बहूदकाः (नद्यः) । |
| + | |- |
| + | |महातेजाः |
| + | |... रामः |
| + | |महद् तेजः यस्य सः महातेजाः । |
| + | |- |
| + | |वसिष्ठप्रमुखैः |
| + | |... द्विजैः राज्याय नियुज्यमानः भरतः |
| + | |वसिष्ठः प्रमुखः येषां ते वसिष्ठप्रमुखाः । तैः वसिष्ठप्रमुखैः । |
| + | |} |
| + | |
| + | == References == |
| [[Category:Vyakarana]] | | [[Category:Vyakarana]] |