१०. भारत में इस भौतिकता का प्रभाव फैल रहा है । हम भी भौतिक विकास को ही विकास मानने लगे हैं और ऐसे विकसित होने के लिये प्रयास भी कर रहे हैं । अपनी संस्कृति छोड़ना हमारे लिये सर्वथा सम्भव नहीं होता है, हम इतने अधिक व्यावहारिक और “व्यावसायिक' नहीं होते हैं इसलिये भौतिक “विकास” नहीं कर पाते और विकासशील ही रह जाते हैं । वास्तव में इसे अपना सौभाग्य मानना चाहिये कि भौतिकता के बढ़ते प्रभाव में हम तो अपनी संस्कृति को छोड रहे हैं परन्तु संस्कृति हमें नहीं छोड रही है । | १०. भारत में इस भौतिकता का प्रभाव फैल रहा है । हम भी भौतिक विकास को ही विकास मानने लगे हैं और ऐसे विकसित होने के लिये प्रयास भी कर रहे हैं । अपनी संस्कृति छोड़ना हमारे लिये सर्वथा सम्भव नहीं होता है, हम इतने अधिक व्यावहारिक और “व्यावसायिक' नहीं होते हैं इसलिये भौतिक “विकास” नहीं कर पाते और विकासशील ही रह जाते हैं । वास्तव में इसे अपना सौभाग्य मानना चाहिये कि भौतिकता के बढ़ते प्रभाव में हम तो अपनी संस्कृति को छोड रहे हैं परन्तु संस्कृति हमें नहीं छोड रही है । |