17. कर्मशिक्षा उद्योग की शिक्षा है । संन्यासी, अपाहिज, रुगण, ब्रह्मचारी, वानप्रस्थ, शिशु आदि को छोड़ शेष सबके लिए कर्मशिक्षा अनिवार्य है । कर्मशिक्षा उत्पादकता का गुण है जिससे समाज समृद्ध होता है और किसीको आवश्यक वस्तुओं का अभाव नहीं रहता । | 17. कर्मशिक्षा उद्योग की शिक्षा है । संन्यासी, अपाहिज, रुगण, ब्रह्मचारी, वानप्रस्थ, शिशु आदि को छोड़ शेष सबके लिए कर्मशिक्षा अनिवार्य है । कर्मशिक्षा उत्पादकता का गुण है जिससे समाज समृद्ध होता है और किसीको आवश्यक वस्तुओं का अभाव नहीं रहता । |