१. सन १८६० में Indian Charitable Societies Act आया | इस देश की शताब्दियों की दान-धर्म की परम्परा के लिए पंजीकरण (Registration) अनिवार्य हुआ । धर्म के कार्य भी बाजार के तंत्र में आ गए । शिक्षा भी, जो जीवन का अंग थी, इस तंत्र के कारण समिति, संविधान, चुनाव आदि से बंध गई | | १. सन १८६० में Indian Charitable Societies Act आया | इस देश की शताब्दियों की दान-धर्म की परम्परा के लिए पंजीकरण (Registration) अनिवार्य हुआ । धर्म के कार्य भी बाजार के तंत्र में आ गए । शिक्षा भी, जो जीवन का अंग थी, इस तंत्र के कारण समिति, संविधान, चुनाव आदि से बंध गई | |