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| * '''आधुनिकता''' : अत्यन्त आकर्षक लगने वाली यह संकल्पना वास्तव में चर्चसत्ता और राज्यसत्ता के संघर्ष से जन्मी निधार्मिक संकल्पना है जिसमें 'विज्ञान' की भी भूमिका है। भौतिकता, संस्कारहीनता, अमानवीयता आदि का विचित्र मिश्रण है । इसका न कोई सार्थक आधार है न स्वरूप । | | * '''आधुनिकता''' : अत्यन्त आकर्षक लगने वाली यह संकल्पना वास्तव में चर्चसत्ता और राज्यसत्ता के संघर्ष से जन्मी निधार्मिक संकल्पना है जिसमें 'विज्ञान' की भी भूमिका है। भौतिकता, संस्कारहीनता, अमानवीयता आदि का विचित्र मिश्रण है । इसका न कोई सार्थक आधार है न स्वरूप । |
| '''भारत को चाहिये कि इन सभी सुन्दर शब्दों के सही अर्थ विश्व के समक्ष प्रस्तुत करे ।''' | | '''भारत को चाहिये कि इन सभी सुन्दर शब्दों के सही अर्थ विश्व के समक्ष प्रस्तुत करे ।''' |
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| + | ==== ५. इसाईयत को जानें ==== |
| + | '''इसाईयत और हिंसा तथा असहिष्णुता''' |
| + | * प्रभू ने आधी रात को मिडा दो के सभी पहलौठों ( नवजात बों ) - सिंहासनपर विराजमान फिराऊन के पहलौठों से लेकर बन्दीगृह मे पड़े कैदी के पहलौठे और पुओं के पहलौठों तक - को मार डाला - निर्गमन ग्रंथ १२/२९ |
| + | * प्रभू ने लोगों के बीच विषैले सांप भेजे और उनके देश से बहुत से इस्राएली मर गये - गणना ग्रंथ २१/६ |
| + | * प्रभू की ओर से अग्नि आयी और उसने ढाई सौ लोगों (यहूदी) को भस्म कर दिया, जो धूप चढाने आये थे - गणना ग्रंथ १६/३५ |
| + | * इसलिये प्रभू ने इस्राएल में महामारी भेजी । इस्राएल के सत्तर हजार लोग मर गये - पहला इतिहास ग्रंथ २१/१४ |
| + | * बेत-मेमो के कुछ निवासियों ने प्रभू की मंजूषा खोलकर उसके अन्दर झाँका, इसलिये प्रभू ने लोगों में पचास हजार सत्तर मनुष्यों को मार डाला - सॅम्युएल का पहला ग्रंथ ६/१९ |
| + | * जो व्यक्ति प्रभू के नाम को कोसता है, वह मार डाला जाये । सारा समुदाय उसे पत्थर से मार डाले-लेवी ग्रंथ २४/१६ |
| + | * छ : दिन तक काम किया जाये और सातवें दिन तुम विश्राम दिवस मनाओ । वह प्रभू का पवित्र दिन होगा । जो उस दिन काम करेगा उसे प्राणदंड दिया जायेगा - निर्गमन ग्रंथ ३५/२ |
| + | * यदि कोई स्त्री की तरह किसी पुरूष के साथ प्रसंग करे तो दोनों घृणित पाप करते हैं। उन को प्राणदंड दिया जायेगा । उनका रक्त उनके सिर पड़ेगा - लेवी ग्रंथ २०/१३ |
| + | * परन्तु यदि यह बात सत्य हो और उस लड़की के कौमार्य का कोई प्रमाण न मिले तो उस लडकी को उसके पिता के घर के द्वारपर ले जाया जाये और उस नगर के पुरूष उसे पत्थरों से मार डालें -विधि विवरण ग्रंथ २२/२०, २१ |
| + | * यदि कोई मुझ में (मेरे आश्रय) नहीं रहता, तो वह सूखी डाली की तरह फेंक दिया जाता है। लोग एसी डालियाँ बटोर लेते हैं और आग में झोंक कर जला देते हैं - सन्त योहान १५/६ |
| + | * जो विश्वास करेगा और बाप्तिस्मा ग्रहण करेगा उसे मुक्ति मिलेगी। जो विश्वास नहीं करेगा वह दोषी ठहराया जायेगा - सन्त मारक्स १६/१६ |
| + | * तुम उन राष्ट्रों के साथ यह व्यवहार करोगे- उनकी वेदियों को गिरा दोगे, उनके पवित्र स्मारकों को तोड डालोगे, उनके पूजा स्तंभों को काट दोगे और उनकी देवमूर्तियों को आग में जला दोगे - विधि विवरण ग्रंथ ७/५ |
| + | * उन मूर्तियों को दण्डवत् कर उन की पूजा मत करो; क्यों कि मैं प्रभू, तुम्हारा ईश्वर एसी बात सहन नहीं करता । जो मुझसे बैर करते हैं , मैं तीसरी और चौथी पीढीतक उनकी संतति को उनके अपराधों का दण्ड देता हूं - निर्गमन ग्रंथ २०/५ |
| + | * तलवार सडकोंपर उसकी संतति मिटा देगी । उनके घरों में आतंक बना रहेगा । नवयुवक और नवयुवतियों का वध किया जायेगा । पके बालवाले बूढ़े और दुधमुहे बच्चे समान रूप से मरे जायेंगे - विधि विवरण ग्रंथ ३२/२५ |
| + | * उनके पूर्वजों के कुकर्मों के कारण पुत्रों का वध किया जायेगा - इसायाह का ग्रंथ १४/२१ |
| + | * जो मनुष्य पूर्ण समर्पित है, वह नहीं छुड़ाया जा सकता । उसका वध करना है -लेवी ग्रंथ २७/२९ |
| + | * प्रभू ने मूसा को बुलाया और दर्दान कक्ष से उस से यह कहा, इस्राएलियों से यह कहो,' जब तुम में कोई प्रभू को चढावा अर्पित करना चाहे तो वह ढोरों या भेड़-बकरियों के झुण्डों से कोई पूछले आ सकता है। - तब वह प्रभू के सामने बछडे का वध करे और याजक हारून के पुत्र उसका रक्त चढाएं । वे उसका रक्त वर्दानकक्ष के द्वारपर वेदी के चारों ओर छिडके - लेवी ग्रंथ १/२,५ |
| + | * जो पु फटे खुरवाले और पागूर (जुगाली) करनेवाले हैं उन्हें तुम खा सकते हो |
| + | - तुम सूअर को अशुद्ध मानोगे : उसके खुर फटे होते हैं लेकिन वह पागुर नहीं करता |
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| + | - सब जल-जन्तुओं में तुम इन को खा सकते हो जो पंख और छिल्क (छिलके) वाले हैं- चाहे वे समुद्र में रहते हों चाहे दरिया में |
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| + | - परन्तु तुम उन पंख और चार पाँव वाले कीड़ों को खा सकते हो, जिनके पृथ्वी पर कूदने के पैर होते हैं - लेवी ग्रंथ ११/३. ७. ९. २१ |
| + | * और मेरे बैरियों को जो यह नहीं चाहते थे कि मैं उनपर राज्य करूं, इधर लाकर मेरे सामने मार डालो - सन्त लूकस १९/२७ |
| + | * बायबल मे वर्णित भिन्न भिन्न पैगंबरों ने भी कल का तूफान मचाया था। जैसे दाऊद (सॅम्युएल का दूसरा ग्रंथ १२/३१, १८/२७ ), येहू |
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| ==References== | | ==References== |