इसका अर्थ यह है कि रिलीझन और विज्ञान में मतैक्य नहीं है। यह मतैक्य नहीं होना सम्पूर्ण प्रजा को दो हिस्सों में बाँटता है। सम्पूर्ण विश्व में आज रिलीजन और विज्ञान का एकदूसरे का विरोध मुखर होता जा रहा है। विश्व अधिकाधिक मात्रा में विज्ञान का स्वीकार करता जा रहा हैं। परन्तु रिलीजन को वह छोड भी नहीं सकता। इसलिये विश्व में जीवनचर्या के दो विभाग बन गये हैं। इस लोक के लिये विज्ञान और परलोक के लिये रिलीजन । यह विभाजन भौतिक सुखसुविधाओं के लिये हैं। सामाजिक जीवन की व्यवस्था में इस लोक के लिये कानून और परलोक के लिये रिलीजन । चर्चमें रिलीजन चलेगा, न्यायालय में कानून, व्यापार और उत्पादन में विज्ञान । | इसका अर्थ यह है कि रिलीझन और विज्ञान में मतैक्य नहीं है। यह मतैक्य नहीं होना सम्पूर्ण प्रजा को दो हिस्सों में बाँटता है। सम्पूर्ण विश्व में आज रिलीजन और विज्ञान का एकदूसरे का विरोध मुखर होता जा रहा है। विश्व अधिकाधिक मात्रा में विज्ञान का स्वीकार करता जा रहा हैं। परन्तु रिलीजन को वह छोड भी नहीं सकता। इसलिये विश्व में जीवनचर्या के दो विभाग बन गये हैं। इस लोक के लिये विज्ञान और परलोक के लिये रिलीजन । यह विभाजन भौतिक सुखसुविधाओं के लिये हैं। सामाजिक जीवन की व्यवस्था में इस लोक के लिये कानून और परलोक के लिये रिलीजन । चर्चमें रिलीजन चलेगा, न्यायालय में कानून, व्यापार और उत्पादन में विज्ञान । |