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| | === विद्यालय की दैनंदिन गतिविधियाँ === | | === विद्यालय की दैनंदिन गतिविधियाँ === |
| − | क्या इतने प्रकार की गतिविधियाँ विद्यालय में | + | १. क्या इतने प्रकार की गतिविधियाँ विद्यालय में नियमित रूप से हो सकती हैं - |
| | + | # पशु, पक्षी, कीट, पतंग आदि की सेवा |
| | + | # वृक्ष वनस्पति की सेवा |
| | + | # स्वच्छता |
| | + | # वंदना |
| | + | # कारसेवा एवं यज्ञ |
| | + | # व्यायाम |
| | + | # योगाभ्यास |
| | + | # साजसज्जा |
| | + | # गुरुसेवा, गुरुवन्दना |
| | + | # भोजन |
| | + | २. विद्यालय के समय में इन्हें किस प्रकार से बिठा सकते हैं ? |
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| − | नियमित रूप से हो सकती हैं -
| + | ३. इन सब बातों का शैक्षिक मूल्य कितना है ? |
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| − | पशु, पक्षी, कीट, पतंग आदि की सेवा
| + | ४. इनको करने में किस प्रकार के अवरोध निर्माण हो सकते हैं ? |
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| − | वृक्ष वनस्पति की सेवा
| + | ५. उन्हें दूर कैसे करें ? |
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| − | स्वच्छता
| + | ६. और कौन सी गतिविधियाँ जोड़ी जा सकती हैं ? |
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| − | aca
| + | ७. इन सब गतिविधियों के लिये आर्थिक बोज कितना उठाना पडेगा ? |
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| − | कारसेवा एवं यज्ञ
| + | ==== प्रश्नावली से प्राप्त उत्तर ==== |
| | + | गुजरात में नवसारी के सरस्वती विद्यामंदिर में समग्र विकास पाठ्यक्रम चलता है वहाँ के आचार्य जिज्ञाबेन पटेल जो रोज निम्न गतिविधियाँ अपने विद्यालय में करते हैं उन्होंने इस प्रश्नावली के उत्तर अपने अनुभव के आधार पर लिखे है । |
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| − | व्यायाम
| + | दस प्रकार की गतिविधियाँ नियमित रूप से होना संभव है क्या ? विद्यालय के समय पत्रक में उन्हें कैसे बिठायें ? उनका शैक्षिक मूल्य क्या है ? करने में किस प्रकार के अवरोध आते हैं ? उन अवरोधों को कैसे दूर किया जाय ? ऐसे पांच प्रश्न हैं । |
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| − | योगाभ्यास
| + | ==== चर्चा एवं अभिमत ==== |
| | + | सर्व गतिविधियाँ महत्त्वपूर्ण है । नियोजित समय में नित्य करवाना कुशलता है । उनका महत्त्व यदि समझ में आता है तो कुशलता अपने आप आयेगी । उसके लिए इस प्रकार की योजना कर सकते हैं । |
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| − | साजसज्जा
| + | ==== गतिविधियाँ ==== |
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| − | ९. गुरुसेवा, गुरुवन्दना
| + | ===== १. पशु पक्षी कीट पतंग आदि की सेवा ===== |
| | + | इसमें पक्षिओं को दाना डालना एवं उन्होंने की हुई अस्वच्छता स्वच्छ करना ये दो प्रकार के काम होंगे विद्यालय के ५-६ बच्चों का गट प्रार्थना में न बैठे उस समय यह काम करेगा । एक सप्ताह के बाद गट बदलेगा काम वही रहेगा । उचित जगह पर पक्षिओं के लिए मिट्टी के पात्रों में पानी रखना । ये पात्र साफ करना, उनमें ताजा पानी भरना । मैदान या छज्जेपर दाने डालना (बाजरा चावल) पक्षिओं द्वारा की हुई गंदगी साफ करना |
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| − | १०, भोजन
| + | ====== शैक्षिक मूल्य : ====== |
| | + | पक्षी निर्भयता से कहाँ आते हैं । चींटियाँ कहाँ रहती हैं ? उन्हें कितनी मात्रा में दाना पानी चाहिये ? इसका अंदाज लगाना । मन में प्राणीद्या निर्माण होती है । चित्त निर्मल रहता है । |
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| − | विद्यालय के समय में इन्हें किस प्रकार से बिठा
| + | ====== अवरोध - ====== |
| − | | + | १. प्रार्थना मे न जाते हुए यह काम |
| − | सकते हैं ?
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| − | इन सब बातों का शैक्षिक मूल्य कितना है ?
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| − | इनको करने में किस प्रकार के अवरोध निर्माण हो
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| − | सकते हैं ?
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| − | उन्हें दूर कैसे करें ?
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| − | | |
| − | और कौन सी गतिविधियाँ जोड़ी जा सकती हैं ?
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| − | इन सब गतिविधियों के लिये आर्थिक बोज
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| − | कितना उठाना पडेगा ?
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| − | SoM SK ww ~
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| − | प्रश्नावली से प्राप्त उत्तर
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| − | गुजरात में नवसारी के सरस्वती विद्यामंदिर में समग्र
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| − | विकास पाठ्यक्रम चलता है वहाँ के आचार्य जिज्ञाबेन
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| − | पटेल जो रोज निम्न गतिविधियाँ अपने विद्यालय में करते हैं
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| − | उन्होंने इस प्रश्नावली के उत्तर अपने अनुभव के आधार पर
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| − | लिखे है ।
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| − | दस प्रकार की गतिविधियाँ नियमित रूप से होना
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| − | संभव है क्या ? विद्यालय के समय पत्रक में उन्हें कैसे
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| − | बिठायें ? उनका शैक्षिक मूल्य क्या है ? करने में किस
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| − | प्रकार के अवरोध आते हैं ? उन अवरोधों को कैसे दूर
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| − | किया जाय ? ऐसे पांच प्रश्न हैं ।
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| − | विद्यालय की दैनंदिन गतिविधियाँ
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| − | gut
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| − | चर्चा एवं अभिमत
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| − | सर्व गतिविधियाँ महत्त्वपूर्ण है । नियोजित समय में
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| − | नित्य करवाना कुशलता है । उनका महत्त्व यदि समझ में
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| − | आता है तो कुशलता अपने आप आयेगी । उसके लिए इस
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| − | प्रकार की योजना कर सकते हैं ।
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| − | गतिविधियाँ
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| − | १. पशु पक्षी कीट पतंग आदि की सेवा
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| − | इसमें पक्षिओं को दाना डालना एवं उन्होंने की हुई
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| − | अस्वच्छता स्वच्छ करना ये दो प्रकार के काम होंगे
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| − | विद्यालय के ५-६ बच्चों का गट प्रार्थना में न बैठे उस
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| − | समय यह काम करेगा । एक सप्ताह के बाद गट बदलेगा
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| − | काम वही रहेगा । उचित जगह पर पक्षिओं के लिए मिट्टी
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| − | के पात्रों में पानी रखना । ये पात्र साफ करना, उनमें ताजा
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| − | पानी भरना । मैदान या छज्जेपर दाने डालना (बाजरा
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| − | चावल) पक्षिओं द्वारा की हुई गंदगी साफ करना
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| − | शैक्षिक मूल्य : पक्षी निर्भयता से कहाँ आते हैं ।
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| − | चींटियाँ कहाँ रहती हैं ? उन्हें कितनी मात्रा में दाना पानी
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| − | चाहिये ? इसका अंदाज लगाना । मन में प्राणीद्या निर्माण
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| − | होती है । चित्त निर्मल रहता है ।
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| − | अवरोध - १. प्रार्थना मे न जाते हुए यह काम
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| | करवाना मन को अच्छा नहीं लगता । २. अभिभावक ऐसे | | करवाना मन को अच्छा नहीं लगता । २. अभिभावक ऐसे |
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| | सामान्य कामों को फालतू एवं अशैक्षिक समझते हैं । | | सामान्य कामों को फालतू एवं अशैक्षिक समझते हैं । |
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| − | उपाय - १. शान्त बैठकर प्रार्थना करना और | + | ====== उपाय - ====== |
| | + | १. शान्त बैठकर प्रार्थना करना और |
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| | पक्षीकी सेवा करना दोनों समान ही है, यह विचार करना । | | पक्षीकी सेवा करना दोनों समान ही है, यह विचार करना । |
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| | शिक्षा है इस बात को धयान में रखना । | | शिक्षा है इस बात को धयान में रखना । |
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| − | २. वृक्ष वनस्पती सेवा | + | ===== २. वृक्ष वनस्पती सेवा ===== |
| − | | + | पौंधो को पानी पिलाना, वृक्षों के तनों को रंग लगाना, पतझड में गिरे हुई पत्ते, कचरा इकट्ठा करना, गमले साफ रखना, पौधों को खाद देना इत्यादी प्रकार के काम सेवाकार्य ही हैं । १० बालकों का गट |
| − | पौंधो को पानी पिलाना, वृक्षों के तनों को रंग | |
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| − | लगाना, पतझड में गिरे हुई पत्ते, कचरा इकट्ठा करना, गमले | |
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| − | साफ रखना, पौधों को खाद देना इत्यादी प्रकार के काम | |
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| − | भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
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| − | सेवाकार्य ही हैं । १० बालकों का गट अवरोध - कुछलोग पूजापाठ के विरोधी होते हैं । | |
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| − | बनाना, गट प्रमुख बनाना । इससे कार्यविभाजन होगा । उपाय - उनकी ओर ध्यान नहीं देना । उनसे
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| − | खेल के कालांश में यह सेवाकार्य करना । भयभीत भी नहीं होना ।
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| − | शैक्षिक मूल्य - वृक्ष वनस्पति का परिचय, उनकी
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| − | आवश्यकताएँ समझना उनके प्रति आत्मीयता निर्माण होती
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| − | है । ये सारी बातें हमारे विद्यालय की हैं, उनका रक्षण एवं
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| − | संवर्धन करना हमारा दायित्व है यह भाव जागृत होता है ।
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| − | अवरोध - सभी छात्र ठीक से काम करेंगे या नहीं ?
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| − | आपस में झगड़ेंगे ऐसी आशंका निर्माण होती है । यह काम
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| − | क्या पढ़ाई है ? ऐसा प्रश्न अभिभावक पूछ सकते हैं ।
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| − | उपाय - इस गतिविधी का स्वरूप और महत्त्व छात्रों
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| − | को समझाना । शिक्षक ने थोडीबहुत देखरेख रखना । किताबी
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| − | पढ़ाई से हटकर इस अभ्यास से छात्रों की मनःस्थिति में अच्छा
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| − | बदलाव आता है । फिर अभिभावक भी शिकायत नहीं करेंगे ।
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| − | ५. कारसेवा एवं यज्ञ
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| − | विद्यालय में अग्िहोत्र नित्य करें । विद्यालय की ५
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| − | वीं से ऊपर की कक्षाओं में से प्रतिदिन एक कक्षा के छात्र
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| − | अग्निहोत्र करे । उस समय वे वन्दना में नहीं जायेंगे । बैठक
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| − | व्यवस्था करना, यज्ञ की सामग्री रखना, बाद में उठाकर
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| − | यथास्थान रखना, ४ छात्रोंने प्रत्यक्ष हवन करना इस प्रकार
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| − | की योजना बने । उपरोक्त सर्व गतिविधियों में कुछ न कुछ
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| − | कारसेवा हर विद्यर्थी को करनी ही है । अतः अलगसे
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| − | कारसेवा न लगाए तो भी चलेगा ।
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| − | शैक्षिक मूल्य - पर्यावरण शुद्धि, वेदमंत्र कंठस्थ
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| − | होना, उच्चारण स्पष्टता एवं आध्यात्मिक संस्कार साध्य होते
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| − | ३. स्वच्छता हैं।
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| − | सफाई करना, श्यामपट स्वच्छ करना, डेस्क बेंच अवरोध - घी और हवन सामग्री रोज खर्च होती है
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| − | साफ रखना, कागज कचरा उठाकर कचरा पात्र में डालना ।.... ऐसा कुछ लोग सोचते हैं ।
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| − | इस प्रकार के सारे काम होंगे । रोज प्रार्थना के Ged ae उपाय - समिधा इकट्टी कर सकते हैं । घी खर्च
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| − | १० मिनट यह स्वच्छता कार्य होगा । कक्षा शिक्षक इसका... होगा परंतु अन्य उपलब्धिओं की तुलना मे खर्च नगण्य है ।
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| − | ठीक से नियोजन करेंगे । सब को अपना कार्य समझायेंगे । घी जलकर नष्ट होता है और वह फिजूल खर्च है, यह
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| − | अवरोध - कुछ बालक काम करेंगे, कुछ मस्ती विचार दूर करे ।
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| − | उपाय - अच्छे काम करने वालों का गौरव करना ।
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| − | न करनेवालों को डाँट नहीं, अपितु उनकी समझ बढ़ाना ।
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| − | कक्षाचार्य ने स्वयं इसमें सहभागी होना ।
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| − | शैक्षिक मूल्य - समूह में काम करने की आदत,
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| − | विद्यालय के प्रति आत्मीय भाव जागृत करना ।
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| − | ६. व्यायाम
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| − | दिन भर के समयपत्रक मे रोज १५ मिनिट व्यायाम के
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| − | लिए निकालना चाहिये । व्यायाम का स्वरूप छात्रों की
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| − | आयु के अनुसार निश्चित करें । वर्गशिक्षक रोज उपस्थिति
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| − | लेता है उसी प्रकार व्यायाम भी अनिवार्य रूप से हो ।
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| − | शैक्षिक मूल्य - शरीर मे स्फूर्ति उत्साह एव लोच
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| − | विद्यालय सरस्वती का मन्दिर है । अध्ययन रोज उसी. बढ़ता है । ये बातें ज्ञानार्जन के लिए अत्यावश्यक है ।
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| − | की वन्दना से शुरु होना चाहिये । पूजन करना शुद्ध एवं अवरोध - शिक्षक ही प्रमुख रूप से इसमें अवरोध
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| − | सुस्वर में वन्दना करना । वन्दना मे शिक्षक, मुख्याध्यापक, .. है । येन केन प्रकारेण इसे मुख्याध्यापक ही दूर को ।
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| − | उपस्थित अतिथि एवं अभिभावकों को भी सम्मिलित करें ।
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| − | ४. वन्दना
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| − | शैक्षिकमूल्य - सरस्वती वन्दना में संगीत, संस्कृत. '*ः योगाभ्यास
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| − | और योग तीनों बातों का संयोग होता है । स्थिरता नित्य वंदना के बाद १० मिनिट प्रार्थना कक्ष में ही
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| − | अनुशासन संयम आदि संस्कार होते है । योगाभ्यास हो । योगाभ्यास अर्थात् केवल आसन प्राणायाम
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| − | श्५६्द
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