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| | जाता है ऐसा भी नहीं है । यह बडा व्यापक विषय है, सर्वत्र इसका प्रभाव है परन्तु इसे हटाना तो पड़ेगा ही। विघ्न बहुत आयेंगे । इन विघ्नों का स्वरूप कुछ इस प्रकार हो सकता है | | जाता है ऐसा भी नहीं है । यह बडा व्यापक विषय है, सर्वत्र इसका प्रभाव है परन्तु इसे हटाना तो पड़ेगा ही। विघ्न बहुत आयेंगे । इन विघ्नों का स्वरूप कुछ इस प्रकार हो सकता है |
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| − | # विद्यालयों के संचालकों और शिक्षकों की टोली में ही अनीतिमान तत्त्वों की घूसखोरी हो सकती है । यह घूसखोरी अधिक नीतिमान के स्वांग में भी हो सकती है । | + | #विद्यालयों के संचालकों और शिक्षकों की टोली में ही अनीतिमान तत्त्वों की घूसखोरी हो सकती है । यह घूसखोरी अधिक नीतिमान के स्वांग में भी हो सकती है । |
| − | # नीति की राह पर चलने वालों को लालच, भय, आरोप आदि के रूप में अवरोध निर्माण किये जा सकते हैं । | + | #नीति की राह पर चलने वालों को लालच, भय, आरोप आदि के रूप में अवरोध निर्माण किये जा सकते हैं । |
| − | # अनीति के आरोप और स्वार्थी तत्त्वों की ओर से दृण्डात्मक कारवाई तक की जा सकती है । | + | #अनीति के आरोप और स्वार्थी तत्त्वों की ओर से दृण्डात्मक कारवाई तक की जा सकती है । |
| − | # विद्यार्थी और अभिभावकों को विद्यालय के विरोधी बनाया जा सकता है । | + | #विद्यार्थी और अभिभावकों को विद्यालय के विरोधी बनाया जा सकता है । |
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| − | * राजीनति के क्षेत्र के लोगों की ओर से जाँच, आरोप, दण्ड आदि के माध्यम से परेशानी निर्माण की जा सकती है । | + | *राजीनति के क्षेत्र के लोगों की ओर से जाँच, आरोप, दण्ड आदि के माध्यम से परेशानी निर्माण की जा सकती है । |
| − | * इन अवरोधों से भयभीत हुए बिना यदि विद्यालय डटे रहते हैं तो वे अपने अभियान में यशस्वी हो सकते हैं । लोग भी इन्हें मान्यता देने लगते हैं । | + | *इन अवरोधों से भयभीत हुए बिना यदि विद्यालय डटे रहते हैं तो वे अपने अभियान में यशस्वी हो सकते हैं । लोग भी इन्हें मान्यता देने लगते हैं । |
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| | विश्व में भारतीय ज्ञान की प्रतिष्ठा है । अमरिका में डॉक्टर, इन्जिनियर, संगणक निष्णात, वैज्ञानिक आदि बडी संख्या में भारतीय हैं । विश्व में भारतीय परिवार संकल्पना | | विश्व में भारतीय ज्ञान की प्रतिष्ठा है । अमरिका में डॉक्टर, इन्जिनियर, संगणक निष्णात, वैज्ञानिक आदि बडी संख्या में भारतीय हैं । विश्व में भारतीय परिवार संकल्पना |
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| | अनीतिमान लोगों के रूप में अप्रतिष्ठा भी है । | | अनीतिमान लोगों के रूप में अप्रतिष्ठा भी है । |
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| − | ===== स्वच्छता के विषय में अप्रतिष्ठा ===== | + | =====स्वच्छता के विषय में अप्रतिष्ठा===== |
| | दूसरी अआप्रतिष्ठा है स्वच्छता के विषय में । विदेश | | दूसरी अआप्रतिष्ठा है स्वच्छता के विषय में । विदेश |
| | जाकर आये हुए भारतीय वहाँ की स्वच्छता की प्रशंसा करते | | जाकर आये हुए भारतीय वहाँ की स्वच्छता की प्रशंसा करते |
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| | अस्वच्छता की परिसीमा लांघते हैं । | | अस्वच्छता की परिसीमा लांघते हैं । |
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| − | ९८
| + | विद्यालयों को इस विषय का भी विचार करना होगा । व्यक्तिगत जीवन में स्वच्छता का आग्रह अधिकांश लोग |
| | + | रखते हैं परन्तु सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता की दरकार कोई नहीं करता । यह भी कानून का विषय नहीं है । |
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| − | भारतीय शिक्षा के व्यावहारिक आयाम
| + | 'कचरा' हमारा अधिकार है, सफाई करना |
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| − | विद्यालयों को इस विषय का भी विचार करना होगा ।
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| − | व्यक्तिगत जीवन में स्वच्छता का आग्रह अधिकांश लोग
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| − | रखते हैं परन्तु सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता की दरकार
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| − | कोई नहीं करता । यह भी कानून का विषय नहीं है ।
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| − | ‘oa ae हमारा अधिकार है, सफाई करना
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| | नगरनिगम का कर्तव्य है, इस सूत्र पर चलने से काम नहीं | | नगरनिगम का कर्तव्य है, इस सूत्र पर चलने से काम नहीं |
| | बनता | यह प्रबोधन का विषय है । वास्तव में धर्माचार्यों ने | | बनता | यह प्रबोधन का विषय है । वास्तव में धर्माचार्यों ने |
| | इसे भी अपना विषय बनाना चाहिये । | | इसे भी अपना विषय बनाना चाहिये । |
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| − | एक हाथ में लेने लायक अभियान | + | ===== एक हाथ में लेने लायक अभियान ===== |
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| | चारों ओर पैकिंग का बोलबाला है । पैन पन्सिल, | | चारों ओर पैकिंग का बोलबाला है । पैन पन्सिल, |
| | रबड से लेकर कपडे जूते खाने की वस्तुर्यें पैकिंग में मिलती | | रबड से लेकर कपडे जूते खाने की वस्तुर्यें पैकिंग में मिलती |