Line 79: |
Line 79: |
| इन विद्यालयों ने मिलकर विद्यार्थियों के लिये नीतिमत्ता का दससूत्री कार्यक्रम बनाना चाहिये । ये दस सूत्र इस प्रकार हैं... | | इन विद्यालयों ने मिलकर विद्यार्थियों के लिये नीतिमत्ता का दससूत्री कार्यक्रम बनाना चाहिये । ये दस सूत्र इस प्रकार हैं... |
| | | |
− | # किसी भी परीक्षा में नकल नहीं करना । | + | #किसी भी परीक्षा में नकल नहीं करना । |
− | # विद्यालय की सम्पत्ति को नुकसान नहीं पहुँचाना । | + | #विद्यालय की सम्पत्ति को नुकसान नहीं पहुँचाना । |
− | # किसी भी शिक्षक की पीठ के पीछे निन््दा नहीं करना | | + | #किसी भी शिक्षक की पीठ के पीछे निन््दा नहीं करना | |
− | # शिक्षक की आज्ञा की अवज्ञा नहीं करना । | + | #शिक्षक की आज्ञा की अवज्ञा नहीं करना । |
− | # झूठ नहीं बोलना । | + | #झूठ नहीं बोलना । |
− | # विद्यालय के नियमों का उल्लंघन नहीं करना । | + | #विद्यालय के नियमों का उल्लंघन नहीं करना । |
− | # ट्यूशन या कोचिंग क्लास में नहीं जाना । | + | #ट्यूशन या कोचिंग क्लास में नहीं जाना । |
− | # घर से विद्यालय और विद्यालय से घर पैद्ल अथवा बाइसिकल से आनाजाना | | + | #घर से विद्यालय और विद्यालय से घर पैद्ल अथवा बाइसिकल से आनाजाना | |
− | # कारखाने में बने कपडे और जूते नहीं पहनना, दर्जी ने और मोची ने बनाये हुए ही पहनना । | + | #कारखाने में बने कपडे और जूते नहीं पहनना, दर्जी ने और मोची ने बनाये हुए ही पहनना । |
− | # सूती गणवेश पहनना । | + | #सूती गणवेश पहनना । |
| | | |
| ये दस सूत्र इनसे अलग भी हो सकते हैं । यहाँ केवल उदाहरण दिये हैं । | | ये दस सूत्र इनसे अलग भी हो सकते हैं । यहाँ केवल उदाहरण दिये हैं । |
Line 94: |
Line 94: |
| कोई कह सकता है कि ये सब अनीति की ही बातें नहीं है, ये तो अध्ययन और सामग्री के उपयोग की भी बातें हैं । इनका सत्य असत्य या नीतिअनीति से क्या सम्बन्ध ? | | कोई कह सकता है कि ये सब अनीति की ही बातें नहीं है, ये तो अध्ययन और सामग्री के उपयोग की भी बातें हैं । इनका सत्य असत्य या नीतिअनीति से क्या सम्बन्ध ? |
| | | |
− | ===== अपनी दृष्टि व्यापक बनाना ===== | + | =====अपनी दृष्टि व्यापक बनाना===== |
| बात प्रथम दृष्टि में तो ठीक लगती है, परन्तु हमें व्यापक दृष्टि से देखना होगा । दृष्टि व्यापक करने से इन | | बात प्रथम दृष्टि में तो ठीक लगती है, परन्तु हमें व्यापक दृष्टि से देखना होगा । दृष्टि व्यापक करने से इन |
| बातों को भी सूची में समाविष्ट करने का तात्पर्य ध्यान में आयेगा | | | बातों को भी सूची में समाविष्ट करने का तात्पर्य ध्यान में आयेगा | |
| | | |
− | * इस कार्यक्रम को अपने अपने विद्यालयों में निश्चितता पूर्वक लागू करना चाहिये । कडाई से लागू करने से प्रारम्भ होगा परन्तु धीरे धीरे विद्यार्थियों और अभिभावकों को समझाकर सहमत बनाना चाहिये । सबको इन बातों के लिये अपने विद्यालय पर गर्व हो ऐसी स्थिति आनी चाहिये । | + | *इस कार्यक्रम को अपने अपने विद्यालयों में निश्चितता पूर्वक लागू करना चाहिये । कडाई से लागू करने से प्रारम्भ होगा परन्तु धीरे धीरे विद्यार्थियों और अभिभावकों को समझाकर सहमत बनाना चाहिये । सबको इन बातों के लिये अपने विद्यालय पर गर्व हो ऐसी स्थिति आनी चाहिये । |
− | * धीरे धीरे इन विद्यालयों की प्रतिष्ठा समाज में बनने लगे इस बात की और ध्यान देना चाहिये । सज्जनों को चाहिये कि वे इन्हें समाज में प्रतिष्ठा दिलने का काम करे । | + | *धीरे धीरे इन विद्यालयों की प्रतिष्ठा समाज में बनने लगे इस बात की और ध्यान देना चाहिये । सज्जनों को चाहिये कि वे इन्हें समाज में प्रतिष्ठा दिलने का काम करे । |
− | * अब इन विद्यालयों का सामर्थ्य केवल संचालकों और शिक्षकों तक सीमित नहीं है । विद्यार्थी और उनके परिवार भी इनके साथ जुडे हैं । | + | *अब इन विद्यालयों का सामर्थ्य केवल संचालकों और शिक्षकों तक सीमित नहीं है । विद्यार्थी और उनके परिवार भी इनके साथ जुडे हैं । |
− | * अब इन विद्यालयों ने आसपास के विद्यालयों को बदलने का. अभियान छेडना होगा । विद्यार्थी विद्यार्थियों को, शिक्षक शिक्षकों को और संचालक संचालकों को परिवर्तित करने का काम करें । | + | *अब इन विद्यालयों ने आसपास के विद्यालयों को बदलने का. अभियान छेडना होगा । विद्यार्थी विद्यार्थियों को, शिक्षक शिक्षकों को और संचालक संचालकों को परिवर्तित करने का काम करें । |
− | * अब धमचिार्यों को भी इस अभियान में जुड़ने हेतु समझाना चाहिये । सन्त, महन्त, आचार्य, कथाकार, सत्संगी सार्वजनिक कार्यक्रमों में नीतिमत्ता के इन दस सूत्रों के पालन का आग्रह करें, अपने अनुयायियों से प्रतिज्ञा करवायें । | + | *अब धमचिार्यों को भी इस अभियान में जुड़ने हेतु समझाना चाहिये । सन्त, महन्त, आचार्य, कथाकार, सत्संगी सार्वजनिक कार्यक्रमों में नीतिमत्ता के इन दस सूत्रों के पालन का आग्रह करें, अपने अनुयायियों से प्रतिज्ञा करवायें । |
− | * कुछ दम्भी और भोंदू अवश्य होंगे, तथापि इसका परिणाम अवश्य होगा | | + | *कुछ दम्भी और भोंदू अवश्य होंगे, तथापि इसका परिणाम अवश्य होगा | |
− | * नीतिमत्ता की परीक्षा करना भूलना नहीं चाहिये, नहीं तो दम्भ फैलेगा । इन सूत्रों का क्रियान्वयन सरल है ऐसा तो नहीं है । | + | *नीतिमत्ता की परीक्षा करना भूलना नहीं चाहिये, नहीं तो दम्भ फैलेगा । इन सूत्रों का क्रियान्वयन सरल है ऐसा तो नहीं है । |
| | | |
| साथ ही इन दस सूत्रों में ही सारी नीतिमत्ता का समावेश हो | | साथ ही इन दस सूत्रों में ही सारी नीतिमत्ता का समावेश हो |
− | जाता है ऐसा भी नहीं है । यह बडा व्यापक विषय है, | + | जाता है ऐसा भी नहीं है । यह बडा व्यापक विषय है, सर्वत्र इसका प्रभाव है परन्तु इसे हटाना तो पड़ेगा ही। विघ्न बहुत आयेंगे । इन विघ्नों का स्वरूप कुछ इस प्रकार हो सकता है |
− | सर्वत्र इसका प्रभाव है परन्तु इसे हटाना तो पड़ेगा ही। | |
− | विघ्न बहुत आयेंगे । इन विघ्नों का स्वरूप कुछ इस प्रकार | |
− | हो सकता है | |
| | | |
− | १, विद्यालयों के संचालकों और शिक्षकों की टोली में
| + | # विद्यालयों के संचालकों और शिक्षकों की टोली में ही अनीतिमान तत्त्वों की घूसखोरी हो सकती है । यह घूसखोरी अधिक नीतिमान के स्वांग में भी हो सकती है । |
− | ही अनीतिमान तत्त्वों की घूसखोरी हो सकती है । | + | # नीति की राह पर चलने वालों को लालच, भय, आरोप आदि के रूप में अवरोध निर्माण किये जा सकते हैं । |
− | �
| + | # अनीति के आरोप और स्वार्थी तत्त्वों की ओर से दृण्डात्मक कारवाई तक की जा सकती है । |
| + | # विद्यार्थी और अभिभावकों को विद्यालय के विरोधी बनाया जा सकता है । |
| | | |
− | ............. page-114 .............
| + | * राजीनति के क्षेत्र के लोगों की ओर से जाँच, आरोप, दण्ड आदि के माध्यम से परेशानी निर्माण की जा सकती है । |
| + | * इन अवरोधों से भयभीत हुए बिना यदि विद्यालय डटे रहते हैं तो वे अपने अभियान में यशस्वी हो सकते हैं । लोग भी इन्हें मान्यता देने लगते हैं । |
| | | |
− |
| + | विश्व में भारतीय ज्ञान की प्रतिष्ठा है । अमरिका में डॉक्टर, इन्जिनियर, संगणक निष्णात, वैज्ञानिक आदि बडी संख्या में भारतीय हैं । विश्व में भारतीय परिवार संकल्पना |
− |
| |
− |
| |
− | | |
− | we घूसखोरी अधिक नीतिमान के
| |
− | स्वांग में भी हो सकती है ।
| |
− | | |
− | 2. नीति की राह पर चलने वालों को लालच, भय,
| |
− | आरोप आदि के रूप में अवरोध निर्माण किये जा
| |
− | सकते हैं ।
| |
− | | |
− | 3. अनीति के आरोप और स्वार्थी तत्त्वों की ओर से
| |
− | | |
− | दृण्डात्मक कारवाई तक की जा सकती है ।
| |
− | | |
− | विद्यार्थी और अभिभावकों को विद्यालय के विरोधी
| |
− | | |
− | बनाया जा सकता है ।
| |
− | | |
− | ०... राजीनति के क्षेत्र के लोगों की ओर से जाँच, आरोप,
| |
− | दण्ड आदि के माध्यम से परेशानी निर्माण की जा
| |
− | सकती है ।
| |
− | | |
− | ०. इन अवरोधों से भयभीत हुए बिना यदि विद्यालय se
| |
− | रहते हैं तो वे अपने अभियान में यशस्वी हो सकते
| |
− | हैं । लोग भी इन्हें मान्यता देने लगते हैं ।
| |
− | विश्व में भारतीय ज्ञान की प्रतिष्ठा है । अमरिका में | |
− | | |
− | डॉक्टर, इन्जिनियर, संगणक निष्णात, वैज्ञानिक आदि बडी | |
− | | |
− | संख्या में भारतीय हैं । विश्व में भारतीय परिवार संकल्पना | |
| की प्रतिष्ठा है । भारत की कामगीरी की प्रतिष्ठा है । परन्तु | | की प्रतिष्ठा है । भारत की कामगीरी की प्रतिष्ठा है । परन्तु |
| अनीतिमान लोगों के रूप में अप्रतिष्ठा भी है । | | अनीतिमान लोगों के रूप में अप्रतिष्ठा भी है । |
| | | |
− | स्वच्छता के विषय में अप्रतिष्ठा | + | ===== स्वच्छता के विषय में अप्रतिष्ठा ===== |
− | | |
| दूसरी अआप्रतिष्ठा है स्वच्छता के विषय में । विदेश | | दूसरी अआप्रतिष्ठा है स्वच्छता के विषय में । विदेश |
| जाकर आये हुए भारतीय वहाँ की स्वच्छता की प्रशंसा करते | | जाकर आये हुए भारतीय वहाँ की स्वच्छता की प्रशंसा करते |